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चीन के शिनजियांग में ढहाए गए मस्जिद, बंदिशों के बीच फीका गुजरा रमजान - ईद का त्योहार

चीन के शिनजियांग क्षेत्र में हेतियका मस्जिद स्थित हुआ करता था. ये मस्जिद गिरा दिया गया. चीन के शिनजियांग इलाके में कई मस्जिद गिराए जा रहे हैं. इसके चलते वहां रहने वाला मुस्लिम समुदाय काफी नाखुश है. इसके चलते ईद का पर्व चीन में काफी फीका पड़ गया है.

ढहाया गया मस्जिद. (सौ. social media)
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Published : Jun 5, 2019, 5:52 PM IST

होतन: चीन के अशांत शिनजियांग क्षेत्र में हेयितका मस्जिद के इर्द-गिर्द एक वक्त रौनक सी रहती थी, लेकिन ऊंची गुंबददार इमारत की निशानी मिटने के साथ यह जगह अब वीरान हो चुकी है.

दुनिया भर के मुसलमान खुशी और उत्साह के साथ ईद मना रहे हैं, लेकिन हालिया समय में शिनजियांग में दर्जनों मस्जिदों को ढहाए जाने के कारण उइगुर और अन्य अल्पसंख्यक आबादी सुरक्षाकर्मियों की भारी मौजूदगी वाले इस क्षेत्र में दबाव का सामना कर रहे हैं और उनका रमजान भी फीका गुजरा.

होतन शहर में इस जगह के पीछे एक प्राथमिक स्कूल की दीवार पर लाल रंग में लिखा है 'पार्टी के लिए लोगों को पढ़ाएं' और इस स्कूल में प्रवेश से पहले छात्रों को अपना चेहरा स्कैन कराना पड़ता है.

पास के बाजार के एक दुकानदार ने कहा कि मस्जिद की बनावट 'शानदार'थी. वहां पर कई लोग रहते थे. उपग्रह से मिली तथा अन्य तस्वीरों को खंगालने से पता चलता है कि 2017 के बाद से 36 मस्जिदों और धार्मिक स्थलों को गिराया जा चुका है.

जो मस्जिद खुले हैं, वहां जाने के लिए श्रद्धालुओं को मेटल डिटेक्टर से होकर गुजरना पड़ता है और सर्विलांस कैमरा से लगातार उनपर निगरानी रखी जाती है.

दमन के डर से पहचान नहीं उजागर करने का अनुरोध करते हुए एक उइगुर मुसलमान ने कहा कि यहां पर हालात बहुत सख्त है, दिल कड़ा करके रहना पड़ता है.

बुधवार को ईद मनाने वाले मुसलमान बड़ी खामोशी से ईदगाह मस्जिद पहुंचे. इस मस्जिद को प्रशासन ने मंजूरी दे रखी है और यह चीन की सबसे बड़ी मस्जिदों में एक है. आसपास की सड़कों, इमारतों पर सादी वर्दी में सुरक्षाकर्मी आने-जाने वालों पर कड़ी नजर रखे हुए थे.

शिनजियांग में मुस्लिमों के लिए इस बार भी रमजान पर कोई रौनक नहीं थी. जब मुसलमान रोजा रखते थे, रेस्तरां में उमड़ी भीड़ को पूरे दिन भोजन परोसा जाता था.

शुक्रवार को होतन में सूर्यास्त के बाद भी यह इकलौती मस्जिद सुनसान थी. इससे पहले दिन में करीब 100 लोग नमाज पढ़ने आए थे, लेकिन उनमें ज्यादातर बुजुर्ग मुसलमान थे.

चीन के ला त्रोबे विश्वविद्यालय में जातीय समुदाय और नीति के विशेषज्ञ जेम्स लीबोल्ड ने कहा कि सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी धर्म को खतरा मानती है. लंबे समय से चीन सरकार चीनी समाज को धर्मनिरपेक्ष बनाना चाहती है.

शिनजियांग सरकार ने कहा कि वह धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करती है और नागरिक कानून की सीमा के दायरे में रहते हुए रमजान मना सकते हैं.

घातक हमले की आशंका के मद्देनजर सरकार ने पूरे क्षेत्र में कैमरे लगा रखे हैं. मोबाइल पुलिस थाने और जगह-जगह जांच चौकी बनायी गयी है.

अनुमानों के मुताबिक दस लाख उइगुर और तुर्की भाषी लोगों को अस्थायी शिविरों में रखा गया है. शुरुआत में उनकी मौजूदगी से इनकार करते हुए चीनी प्रशासन ने पिछले साल माना कि वे व्यावसायिक शिक्षा केंद्र चला रहे हैं, जिसका मकसद है कि लोग मंदारिन और चीनी कानूनों से वाकिफ होकर धार्मिक चरमपंथ का रास्ता त्याग दें. इन केंद्रों में रमजान को लेकर कोई उत्साह नहीं था.

शिनजियांग सरकार ने कहा कि लोगों को धार्मिक गतिविधियों की इजाजत नहीं दी गयी क्योंकि चीनी कानून शैक्षिक केंद्रों में इस पर रोक लगाते हैं, लेकिन सप्ताहांत में वापसी पर उन्हें ऐसा करने की इजाजत होगी.

होतन: चीन के अशांत शिनजियांग क्षेत्र में हेयितका मस्जिद के इर्द-गिर्द एक वक्त रौनक सी रहती थी, लेकिन ऊंची गुंबददार इमारत की निशानी मिटने के साथ यह जगह अब वीरान हो चुकी है.

दुनिया भर के मुसलमान खुशी और उत्साह के साथ ईद मना रहे हैं, लेकिन हालिया समय में शिनजियांग में दर्जनों मस्जिदों को ढहाए जाने के कारण उइगुर और अन्य अल्पसंख्यक आबादी सुरक्षाकर्मियों की भारी मौजूदगी वाले इस क्षेत्र में दबाव का सामना कर रहे हैं और उनका रमजान भी फीका गुजरा.

होतन शहर में इस जगह के पीछे एक प्राथमिक स्कूल की दीवार पर लाल रंग में लिखा है 'पार्टी के लिए लोगों को पढ़ाएं' और इस स्कूल में प्रवेश से पहले छात्रों को अपना चेहरा स्कैन कराना पड़ता है.

पास के बाजार के एक दुकानदार ने कहा कि मस्जिद की बनावट 'शानदार'थी. वहां पर कई लोग रहते थे. उपग्रह से मिली तथा अन्य तस्वीरों को खंगालने से पता चलता है कि 2017 के बाद से 36 मस्जिदों और धार्मिक स्थलों को गिराया जा चुका है.

जो मस्जिद खुले हैं, वहां जाने के लिए श्रद्धालुओं को मेटल डिटेक्टर से होकर गुजरना पड़ता है और सर्विलांस कैमरा से लगातार उनपर निगरानी रखी जाती है.

दमन के डर से पहचान नहीं उजागर करने का अनुरोध करते हुए एक उइगुर मुसलमान ने कहा कि यहां पर हालात बहुत सख्त है, दिल कड़ा करके रहना पड़ता है.

बुधवार को ईद मनाने वाले मुसलमान बड़ी खामोशी से ईदगाह मस्जिद पहुंचे. इस मस्जिद को प्रशासन ने मंजूरी दे रखी है और यह चीन की सबसे बड़ी मस्जिदों में एक है. आसपास की सड़कों, इमारतों पर सादी वर्दी में सुरक्षाकर्मी आने-जाने वालों पर कड़ी नजर रखे हुए थे.

शिनजियांग में मुस्लिमों के लिए इस बार भी रमजान पर कोई रौनक नहीं थी. जब मुसलमान रोजा रखते थे, रेस्तरां में उमड़ी भीड़ को पूरे दिन भोजन परोसा जाता था.

शुक्रवार को होतन में सूर्यास्त के बाद भी यह इकलौती मस्जिद सुनसान थी. इससे पहले दिन में करीब 100 लोग नमाज पढ़ने आए थे, लेकिन उनमें ज्यादातर बुजुर्ग मुसलमान थे.

चीन के ला त्रोबे विश्वविद्यालय में जातीय समुदाय और नीति के विशेषज्ञ जेम्स लीबोल्ड ने कहा कि सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी धर्म को खतरा मानती है. लंबे समय से चीन सरकार चीनी समाज को धर्मनिरपेक्ष बनाना चाहती है.

शिनजियांग सरकार ने कहा कि वह धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करती है और नागरिक कानून की सीमा के दायरे में रहते हुए रमजान मना सकते हैं.

घातक हमले की आशंका के मद्देनजर सरकार ने पूरे क्षेत्र में कैमरे लगा रखे हैं. मोबाइल पुलिस थाने और जगह-जगह जांच चौकी बनायी गयी है.

अनुमानों के मुताबिक दस लाख उइगुर और तुर्की भाषी लोगों को अस्थायी शिविरों में रखा गया है. शुरुआत में उनकी मौजूदगी से इनकार करते हुए चीनी प्रशासन ने पिछले साल माना कि वे व्यावसायिक शिक्षा केंद्र चला रहे हैं, जिसका मकसद है कि लोग मंदारिन और चीनी कानूनों से वाकिफ होकर धार्मिक चरमपंथ का रास्ता त्याग दें. इन केंद्रों में रमजान को लेकर कोई उत्साह नहीं था.

शिनजियांग सरकार ने कहा कि लोगों को धार्मिक गतिविधियों की इजाजत नहीं दी गयी क्योंकि चीनी कानून शैक्षिक केंद्रों में इस पर रोक लगाते हैं, लेकिन सप्ताहांत में वापसी पर उन्हें ऐसा करने की इजाजत होगी.

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पीटीआई-भाषा संवाददाता 16:38 HRS IST




             
  • चीन के शिनजियांग में ढहाए गए मस्जिद, बंदिशों के बीच फीका गुजरा रमजान



होतन (चीन), पांच जून (एएफपी) चीन के अशांत शिनजियांग क्षेत्र में हेयितका मस्जिद के इर्द-गिर्द एक वक्त रौनक सी रहती थी, लेकिन ऊंची गुंबददार इमारत की निशानी मिटने के साथ यह जगह अब वीरान हो चुकी है। 







दुनिया भर के मुसलमान खुशी और उत्साह के साथ ईद मना रहे हैं लेकिन हालिया समय में शिनजियांग में दर्जनों मस्जिदों को ढहाए जाने के कारण उइगुर और अन्य अल्पसंख्यक आबादी सुरक्षाकर्मियों की भारी मौजूदगी वाले इस क्षेत्र में दबाव का सामना कर रहे हैं और उनका रमजान भी फीका गुजरा। 







होतन शहर में इस जगह के पीछे एक प्राथमिक स्कूल की दीवार पर लाल रंग में लिखा है ‘पार्टी के लिए लोगों को पढ़ाएं’ और इस स्कूल में प्रवेश से पहले छात्रों को अपना चेहरा स्कैन कराना पड़ता है।







पास के बाजार के एक दुकानदार ने कहा कि मस्जिद की बनावट ‘शानदार’ थी। वहां पर कई लोग रहते थे। उपग्रह से मिली तथा अन्य तस्वीरों को खंगालने से पता चलता है कि 2017 के बाद से 36 मस्जिदों और धार्मिक स्थलों को गिराया जा चुका है।







जो मस्जिद खुले हैं, वहां जाने के लिए श्रद्धालुओं को मेटल डिटेक्टर से होकर गुजरना पड़ता है और सर्विलांस कैमरा से लगातार उनपर निगरानी रखी जाती है । 







दमन के डर से पहचान नहीं उजागर करने का अनुरोध करते हुए एक उइगुर मुसलमान ने कहा कि यहां पर हालात बहुत सख्त है, दिल कड़ा करके रहना पड़ता है।







बुधवार को ईद मनाने वाले मुसलमान बड़ी खामोशी से ईदगाह मस्जिद पहुंचे। इस मस्जिद को प्रशासन ने मंजूरी दे रखी है और यह चीन की सबसे बड़ी मस्जिदों में एक है। आसपास की सड़कों, इमारतों पर सादी वर्दी में सुरक्षाकर्मी आने-जाने वालों पर कड़ी नजर रखे हुए थे। 







शिनजियांग में मुस्लिमों के लिए इस बार भी रमजान पर कोई रौनक नहीं थी। जब मुसलमान रोजा रखते थे, रेस्तरां में उमड़ी भीड़ को पूरे दिन भोजन परोसा जाता था।







शुक्रवार को होतन में सूर्यास्त के बाद भी यह इकलौती मस्जिद सुनसान थी। इससे पहले दिन में करीब 100 लोग नमाज पढ़ने आए थे, लेकिन उनमें ज्यादातर बुजुर्ग मुसलमान थे। 







चीन के ला त्रोबे विश्वविद्यालय में जातीय समुदाय और नीति के विशेषज्ञ जेम्स लीबोल्ड ने कहा कि सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी धर्म को खतरा मानती है। लंबे समय से चीन सरकार चीनी समाज को धर्मनिरपेक्ष बनाना चाहती है। 







शिनजियांग सरकार ने कहा कि वह धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करती है और नागरिक कानून की सीमा के दायरे में रहते हुए रमजान मना सकते हैं । 







घातक हमले की आशंका के मद्देनजर सरकार ने पूरे क्षेत्र में कैमरे लगा रखे हैं। मोबाइल पुलिस थाने और जगह-जगह जांच चौकी बनायी गयी है। 







अनुमानों के मुताबिक दस लाख उइगुर और तुर्की भाषी लोगों को अस्थायी शिविरों में रखा गया है। शुरुआत में उनकी मौजूदगी से इनकार करते हुए चीनी प्रशासन ने पिछले साल माना कि वे व्यावसायिक शिक्षा केंद्र चला रहे हैं, जिसका मकसद है कि लोग मंदारिन और चीनी कानूनों से वाकिफ होकर धार्मिक चरमपंथ का रास्ता त्याग दें। इन केंद्रों में रमजान को लेकर कोई उत्साह नहीं था।







शिनजियांग सरकार ने कहा कि लोगों को धार्मिक गतिविधियों की इजाजत नहीं दी गयी क्योंकि चीनी कानून शैक्षिक केंद्रों में इस पर रोक लगाते हैं, लेकिन सप्ताहांत में वापसी पर उन्हें ऐसा करने की इजाजत होगी । 







एएफपी आशीष दिलीप दिलीप 0506 1633 होतन


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