लाहौर : पाकिस्तान में गुरुद्वारा ननकाना साहिब में पिछले सप्ताह हुई तोड़फोड़ के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया गया है और उस पर कठोर आतंकवाद निरोधक कानून की गैर जमानती धारा लगाई गई. एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी.
लाहौर के समीप स्थित गुरुद्वारा ननकाना साहिब सिखों के पवित्रतम स्थलों में एक है, जहां सिखों के पहले गुरु गुरु नानक देव का जन्म हुआ था. इसे गुरुद्वारा जन्मस्थान भी कहा जाता है.
पढ़ें : ननकाना साहब हमला: अकाली दल का प्रदर्शन, पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की मांग
मीडिया में आई खबरों के अनुसार शुक्रवार को हिंसक भीड़ ने गुरुद्वारे पर हमला कर पथराव किया था. स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस दल को हस्तक्षेप करना पड़ा था.
खबरों के अनुसार मुख्य आरोपी इमरान को रविवार को गिरफ्तार किया गया.
पंजाब के मुख्यमंत्री से जुड़े अधिकारी (डिजिटल मीडिया) अजहर मासवानी ने ट्वीट कर गिरफ्तारी की जानकारी दी. उन्होंने ट्वीट किया, 'ननकाना साहिब घटना के मुख्य आरोपी इमरान को गिरफ्तार किया गया है. ननकाना साहिब थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है.'
मासवानी ने कहा कि उस पर लगाई गई आतंकवाद निरोधी कानून की धारा 7 एक गैर जमानती धारा है.
पढ़ें : गुरुद्वारे पर हमले के बाद भारत में गुस्सा, भाजपा ने कहा- बेनकाब हुआ पाकिस्तान
प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को चुप्पी तोड़ते हुए इस घटना की निंदा की थी और कहा कि यह उनकी 'सोच' के विरुद्ध है और सरकार इसमें शामिल लोगों को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगी.
भारत ने इस पवित्र गुरद्वारे में तोड़फोड़ की घटना की कड़ी निंदा की है और पाकिस्तान सरकार से वहां सिखों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की है.
भारत में विभिन्न दलों के नेताओं ने भी ननकाना साहिब पर हुए हमले की निंदा की थी और इसे 'कायराना' एवं 'शर्मनाक' करार दिया था.
नई दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग के पास सैंकड़ों लोगों ने प्रदर्शन किया और मांग की कि पाकिस्तान सिख धर्मस्थलों और सिखों को पर्याप्त सुरक्षा दे.
भारत में सिखों की सबसे बड़ी संस्था शिरोमणि गुरद्वारा प्रबंधक समिति ने कहा है कि वह स्थिति का जायजा लेने के लिए चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान भेजेगा . समिति ने पाकिस्तान सरकार से ननकाना साहिब गुरद्वारे पर हमला करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की अपील की.
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को इन खबरों का खंडन किया था कि किसी भीड़ ने ननकाना साहिब में बेअदबी की थी. उसने कहा कि सिख धर्म के संस्थापक के धर्मस्थल को किसी ने न तो छुआ है और न ही कोई नुकसान पहुंचाया है. यहां तोड़फोड़ किए जाने का दावा झूठा है.