हैदराबाद : मानवता के विकास के साथ-साथ विज्ञान और तकनीक भी नित नूतन और अत्याधुनिक बनते जा रहे हैं. आवागमन की सुविधा और लंबी दूरियों को कम करने की चाह में विश्व में कई ऐसे भागीरथ यत्न किए गए हैं, जिसे अमिट हस्ताक्षर कहा जा सकता है. विज्ञान, तकनीक और प्राकृतिक चुनौतियों के बीच संतुलन बनाते हुए वैज्ञानिकों और इंजीनियर्स ने दुनिया में कई ऐसी सुरंगों का निर्माण किया है, जो कई मायनों में बेजोड़ हैं.
कई सुरंगे ऐसी भी हैं, जो पानी के नीचे से गुजरती हैं. दुनिया की सबसे लंबी सुरंग स्विटजरलैंड में है. इसे गौथार्ड बेस टनल नाम दिया गया है. इस सुरंग की लंबाई 57 किलोमीटर है. यह दुनिया की सबसे लंबी और गहरी सुरंग है.
दो देशों के बीच संपर्क का माध्यम
स्विटजरलैंड की पर्वतमाला में बनी यह सुरंग 2300 मीटर तक की गहराई में बनी हुई है. इससे स्विटजरलैंड के ज्यूरिख और इटली के मिलान के बीच यात्रा समय में एक घंटे का कम समय लगता है.
तकनीकी के मामले में जापान कई मायनों में दुनिया की अगुवाई करता दिखाई देता है. इसका प्रमाण है सेईकान सुरंग. यह सुरंग 53.8 किलोमीटर लंबी है.
सेईकान सुरंग जापान के मुख्य द्वीप हॉन्सु को होक्काईडु द्वीप से जोड़ता है. लंबाई के मामले में यह दुनिया में दूसरे नंबर पर है. सेईकान के बारे में सबसे खास बात है, इस सुरंग का समुद्र के नीचे बना होना.
दो देशों को जोड़ती चैनल सुरंग
आम तौर से सुरंगों का प्रयोग देश के भीतर की दूरियों को कम करने या नवाचार करने के लिए किया जाता है. हालांकि, चैनल टनल इस मामले में एक अपवाद लगती है. यूनाइटेड किंगडम और फ्रांस को जोड़ने वाली इस सुरंग की लंबाई 50 किलोमीटर है.
चैनल सुरंग इंग्लैंड और फ्रांस के बीच बना है. करीब 50 किलोमीटर लंबी इस सुरंग में तीन सुरंगें शामिल हैं. इनमें से दो का प्रयोग रेलवे के लिए जबकि एक का प्रयोग सुरक्षा और सर्विस से जुड़े कार्यों के लिए होता है.
इस सुरंग का 37.8 किलोमीटर का हिस्सा समुद्र के नीचे है. पानी के नीचे होने के संदर्भ में इस सुरंग का सबसे अधिक हिस्सा जलमग्न है.
माल ढुलाई और यात्री आवागमन
यह सुरंग इंग्लैंड के फोल्कस्टोन और फ्रांस में कलैस (Calais) के पास स्थित संगाट्टे को जोड़ता है. इस सुरंग का प्रयोग यात्रियों की आवाजाही के अलावा माल ढुलाई के लिए भी किया जाता है.
सड़क पर बनी सबसे लंबी सुरंग
सड़क पर बनी सुरंग के मामले में लाएर्डल सुरंग दुनिया की सबसे लंबी सुरंग है. उत्तर नॉर्वे में बने इस सुरंग की लंबाई 24.5 किलोमीटर है. गाड़ी चलाने के दौरान थकान से बचने और लोगों की सुरक्षा के लिए हर छह किलोमीटर पर खास इंतजाम किए गए हैं.
इस सुरंग से गुजरने वाले लोग प्रति छह किलोमीटर पर रंग-बिरंगी गुफाओं से तनाव मुक्त हो सकते हैं. इनमें लगी रौशनी के कारण चालकों को एक अनोखा अनुभव मिलता है.
जापान की एक और कामयाबी
जापान दुनिया की दूसरी सबसे लंबी सुरंग बनाने का कीर्तिमान अपने पास रखता है. टोक्यो बे एक्वा लाइन नाम की इस सुरंग का 9.6 किलोमीटर हिस्सा समुद्र के नीचे पाइपलाइन के रूप में है और 4.4 किलोमीटर का ब्रिज है.
जापान के शहरों को जोड़ती सुरंग
ऐसे में टोक्यो बे एक्वा लाइन को सुरंग या ब्रिज कहे जाने को लेकर अक्सर गलतफहमी होती है. यह सुरंग टोक्यो की खाड़ी को जापान के दो शहरों- कावासाकी और किसाराजु को जोड़ता है.
इस सुरंग के कारण यात्रा का समय 90 मिनट से घटकर 15 मिनट रह जाता है. सुरंग में दो लेन की सड़क के मामले में टोक्यो बे एक्वा लाइन एक उदाहरण के रूप में देखा जाता है.
भारत का गौरव चेनानी नाशरी सुरंग
हिमाचल के रोहतांग में बने अटल टनल के पहले भारत के जम्मू-कश्मीर में चेनानी नाशरी टनल प्रदेश के दूरदराज के क्षेत्रों को जोड़ने के लिए खोला गया. इस मार्ग पर किसी भी मौसम में यात्रा की जा सकती है. जम्मू और कश्मीर में पहले अक्सर भूस्खलन, बर्फ, संकरे मोड़ और वाहनों के खराब होने तथा दुर्घटना के कारण ट्रेफिक जाम की समस्या रहती थी. इस सुरंग का निर्माण लगभग 3,720 करोड़ रूपये की लागत से किया गया है और यह जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग के चार लेन की 286 किलोमीटर लंबी परियोजना का हिस्सा है.
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चेनानी नाशरी सुरंग
दुनिया के इन पांच रोमांचक सुरंगों के अलावा भारत में भी करीब तीन साल पहले साल 2017 में इंजीनियरिंग का चमत्कार देखा गया. जम्मू-कश्मीर में धमपुर तथा रामबन के बीच दो ट्यूब वाली सभी मौसम के अनुकूल 9 किलोमीटर लंबी सुरंग को आम जनता के लिए खोल दिया गया.
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भारत सरकार के 'मेक इन इंडिया' और 'स्किल इंडिया' पहल के तहत चेनानी नाशरी सुरंग को डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी टनल के नाम से भी जाना जाता है. यह सुरंग न केवल देश की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग है बल्कि एशिया की सबसे लंबी दोनों दिशाओं में परिवहन की राजमार्ग सुरंग है. हिमालय के सबसे कठिन क्षेत्रों में 1200 मीटर की ऊंचाई पर बनी इस सुरंग के 41 किलोमीटर लंबी सड़क के बाईपास होने से जम्मू और श्रीनगर के बीच की यात्रा का समय 2 घंटे कम हो गया है.