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किम जोंग उन ने परमाणु हथियारों को बताया सुरक्षा की ठोस गारंटी

उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने अपने परमाणु हथियारों को सुरक्षा की ठोस गारंटी बताया हैं. किम ने कहा कि उनके देश ने 'पूरी ताकत' के साथ 'परमाणु संपन्न देश' बनने की कोशिश की है ताकि दूसरा युद्ध रोका जा सके.

Kim Jong Un
किम जोंग उन
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Published : Jul 28, 2020, 9:22 PM IST

सियोल : उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने कहा है कि उनके देश की कड़ी मेहनत से हासिल किए गए परमाणु हथियार सुरक्षा की ठोस गारंटी हैं, जो दूसरे कोरियाई युद्ध को रोक सकते हैं.

किम ने यह टिप्पणी 1950 से 1953 तक चले कोरियाई युद्ध के समापन की 67वीं बरसी पर युद्ध के सिपाहियों के समक्ष की. किम की यह टिप्पणी दिखाती है कि वह अपने हथियारों को त्यागने की कोई मंशा नहीं रखते क्योंकि अमेरिका के साथ कूटनीति फिर से शुरू होने की संभावनाएं बेहद कम हैं.

उत्तर कोरिया ने इससे पहले उग्र बयानबाजी की है या रियायतों को छीनने के लिए हथियारों का परीक्षण किया है. लेकिन कुछ विशेषज्ञों की कहना है कि प्योंगयांग नवंबर में होने जा रहे अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों से पहले वॉशिंगटन के साथ किसी तरह की गंभीर बातचीत करने से बचेगा क्योंकि अमेरिकी नेतृत्व में बदलाव की संभावना है.

कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) के मुताबिक, किम ने सोमवार के अपने भाषण में कहा कि उनके देश ने 'पूरी ताकत' के साथ 'परमाणु संपन्न देश' बनने की कोशिश की है ताकि दूसरा युद्ध रोका जा सके और अब उसने इस तरह की प्रतिरोधी क्षमता तैयार कर ली है.

अपने संबोधन में किम ने कहा, 'अब, हम ऐसा देश बन गए हैं जो उच्च तीव्रता वाले दबावों एवं सैन्य जोखिमों तथा साम्राज्यवादी प्रतिक्रियावादियों द्वारा ब्लैकमेलिंग के खिलाफ मजबूती से एवं दृढ़तापूर्वक अपना बचाव कर सकता है.'

किम ने कहा, 'इस धरती पर दोबारा कभी युद्ध नहीं होगा और हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा एवं भविष्य की स्थाई गारंटी है क्य‍ोंकि हमारे पास मजबूत व प्रभावी आत्म रक्षात्मक परमाणु प्रतिरोधी क्षमता है.'

सियोल : उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने कहा है कि उनके देश की कड़ी मेहनत से हासिल किए गए परमाणु हथियार सुरक्षा की ठोस गारंटी हैं, जो दूसरे कोरियाई युद्ध को रोक सकते हैं.

किम ने यह टिप्पणी 1950 से 1953 तक चले कोरियाई युद्ध के समापन की 67वीं बरसी पर युद्ध के सिपाहियों के समक्ष की. किम की यह टिप्पणी दिखाती है कि वह अपने हथियारों को त्यागने की कोई मंशा नहीं रखते क्योंकि अमेरिका के साथ कूटनीति फिर से शुरू होने की संभावनाएं बेहद कम हैं.

उत्तर कोरिया ने इससे पहले उग्र बयानबाजी की है या रियायतों को छीनने के लिए हथियारों का परीक्षण किया है. लेकिन कुछ विशेषज्ञों की कहना है कि प्योंगयांग नवंबर में होने जा रहे अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों से पहले वॉशिंगटन के साथ किसी तरह की गंभीर बातचीत करने से बचेगा क्योंकि अमेरिकी नेतृत्व में बदलाव की संभावना है.

कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) के मुताबिक, किम ने सोमवार के अपने भाषण में कहा कि उनके देश ने 'पूरी ताकत' के साथ 'परमाणु संपन्न देश' बनने की कोशिश की है ताकि दूसरा युद्ध रोका जा सके और अब उसने इस तरह की प्रतिरोधी क्षमता तैयार कर ली है.

अपने संबोधन में किम ने कहा, 'अब, हम ऐसा देश बन गए हैं जो उच्च तीव्रता वाले दबावों एवं सैन्य जोखिमों तथा साम्राज्यवादी प्रतिक्रियावादियों द्वारा ब्लैकमेलिंग के खिलाफ मजबूती से एवं दृढ़तापूर्वक अपना बचाव कर सकता है.'

किम ने कहा, 'इस धरती पर दोबारा कभी युद्ध नहीं होगा और हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा एवं भविष्य की स्थाई गारंटी है क्य‍ोंकि हमारे पास मजबूत व प्रभावी आत्म रक्षात्मक परमाणु प्रतिरोधी क्षमता है.'

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