क्वींसलैंड (ऑस्ट्रेलिया) : वियतनाम में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच हमने हाल ही में सुना कि देश में कोरोना वायरस का एक नया स्वरूप पाया गया है. इस नए संस्करण को मूल रूप से ब्रिटेन (अब अल्फा) और भारतीय (अब कप्पा बी.1.6.17.1 और डेल्टा बी.1.6. 17.2) वायरस के संकर स्वरूप के रूप में वर्णित किया गया था.
वास्तव में इसका क्या मतलब है? और अगर हम वायरस के व्यवहार के पीछे के विज्ञान को देखें, तो क्या वास्तव में हम जो देख रहे हैं वह एक संकर है?
एक 'हाइब्रिड' या संकर क्या है?
ग्रिफ़िथ विश्वविद्यालय (Griffith University) की लारा हेरेरो (lara herrero) बताती हैं कि वायरोलॉजी में एक संकर किस्म के लिए वैज्ञानिक मतलब 'पुनः संयोजक' है. पुनर्संयोजन तब होता है जब दो स्ट्रेन एक ही समय में एक व्यक्ति को संक्रमित करते हैं और एक नया स्ट्रेन (new strain) बनाने के लिए गठबंधन करते हैं.
इन्फ्लूएंजा में यह प्रक्रिया आम है, जहां इसे अक्सर 'एंटीजेनिक शिफ्ट' कहा जाता है.
वायरल पुनर्संयोजन के साथ प्रमुख चिंता यह है कि यह तीसरा स्ट्रेन दोनों स्ट्रेन की ताकत के साथ तेजी से उभरेगा और आपको मिलेगा एक ऐसा स्ट्रेन जो ज्यादा तेजी से फैलेगा और उतनी ही तेजी से अपनी संख्या भी बढ़ाता जाएगा.
पुनर्संयोजन से गुजर सकता है वायरस
लारा हेरेरो का कहना है कि सामने आ रहे साक्ष्य बताते हैं कि कोरोना वायरस पुनर्संयोजन से गुजर सकता है, जिसकी वजह से शायद सार्स-कोव-2 की उत्पत्ति हुई, जो कोविड-19 का कारण है. इस बात के कुछ प्रमाण हैं कि सार्स-कोव-2 ने हाल ही में कुछ पुनर्संयोजन किया है, प्रारंभिक सूचनाओं के अनुसार यह संयोजन अल्फा (B.1.1.7) और एप्सिलॉन (B.1.429) संस्करण के बीच संभावित है.
अभी पुष्टि किए जाने की आवश्यकता
हालांकि उनका कहना है कि यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये रिपोर्ट शुरुआती हैं और कुछ विज्ञान की अभी तक समीक्षा नहीं की गई है. इसलिए, सार्स-कोव-2 के विकास में पुनर्संयोजन की भूमिका की अभी भी पुष्टि किए जाने की आवश्यकता है.
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट क्या
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, आनुवंशिक अनुक्रमण अब दिखा रहा है कि वियतनाम में फैल रहा स्ट्रेन एक डेल्टा स्ट्रेन है जिसने कुछ अतिरिक्त उत्परिवर्तन विकसित किए हैं. वैज्ञानिक रूप से, और डब्ल्यूएचओ के अनुसार, इसका मतलब है कि यह 'हाइब्रिड' बिलकुल नहीं है. बल्कि, यह डेल्टा संस्करण का एक उत्परिवर्तित संस्करण है.
भारत में पाया गया था डेल्टा संस्करण
डेल्टा संस्करण मूल रूप से भारत में पाया गया था और तब से यह ऑस्ट्रेलिया सहित दुनिया भर में फैल गया है. शुरुआती रिपोर्टों से पता चलता है कि यह अन्य प्रकारों की तुलना में अधिक संक्रामक और संभवतः अधिक घातक है, वियतनाम सहित प्रमुख स्वास्थ्य अधिकारियों को बेहद चौकन्ना रहना होगा.
हम अभी तक यह नहीं जानते हैं कि वियतनाम में पाए गए डेल्टा वेरिएंट में कौन से अतिरिक्त उत्परिवर्तन पाए गए हैं. लेकिन हमने पहले भी देखा है, जहां एक संस्करण में पाए जाने वाले उत्परिवर्तन एक दूसरी तरह के सार्स-कोव-2 संस्करण में पहुंच गए.
हम क्या जानते हैं, और क्या नहीं जानते
पिछले महीने के अंत में, वियतनामी स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि यह तथाकथित हाइब्रिड वैरिएंट परिसंचारी वायरस के अन्य वेरिएंट की तुलना में बहुत खतरनाक और अधिक संक्रामक था. उन्होंने कहा कि यह वियतनाम में मई के दौरान अनुभव किए गए संक्रमणों में वृद्धि का कारण था.
ये प्रारंभिक रिपोर्ट नैदानिक टिप्पणियों पर आधारित थीं. क्या यह उत्परिवर्तित संस्करण अधिक संक्रामक है, और वियतनाम के संक्रमण के मौजूदा उछाल में इसी का हाथ है, यह अभी निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता है.
जब किसी के कोविड-19 का निदान किया जाता है, तो उनके वायरल नमूने पर संपूर्ण-जीनोम अनुक्रमण करना हमेशा सरल नहीं होता है. सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों, महामारी विज्ञानियों और वायरोलॉजिस्ट द्वारा प्रकोप की गति को समझने और भविष्यवाणी करने के लिए अक्सर यह एक महंगी और समय लेने वाली प्रक्रिया होती है.
कौन सा स्ट्रेन कहां सक्रिय
लारा हेरेरो का कहना है कि इसका मतलब यह है कि सभी देशों में तेजी से संपूर्ण-जीनोम सार्स-कोव-2 अनुक्रम प्रदान करने की क्षमता नहीं होगी. ऐसे में कौन सा स्ट्रेन कहां सक्रिय है, इसका सटीक विवरण हमेशा बीमारी के मामलों की संख्या बढ़ने के बाद पता चलेगा.
यह संभावना है कि हम अभी तक नहीं जानते कि क्या वियतनाम में यही परिवर्तित डेल्टा स्ट्रेन सक्रिय है. वियतनाम ने या तो अभी तक पर्याप्त रोगी नमूनों से जीनोमिक डेटा का पूर्ण विश्लेषण नहीं किया है, या अभी तक इस जानकारी को सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं कराया है.
इसके अतिरिक्त, हम यह भी नहीं जानते हैं कि यह उत्परिवर्तित संस्करण अधिक संक्रामक है या डेल्टा संस्करण या मूल सार्स-कोव-2 की तुलना में अधिक गंभीर कोविड-19 का कारण बनता है.
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उनका कहना है कि इन सवालों का जवाब देने के लिए, हमें अधिक विस्तृत जीनोमिक डेटा और यह देखने के लिए समय चाहिए कि बीमारी का मौजूदा घटनाक्रम क्या है, साथ ही इस प्रकार से संक्रमित लोगों से जुड़े वैज्ञानिक और नैदानिक अध्ययनों के डेटा की भी आवश्यकता होगी.
(पीटीआई-भाषा)