हैदराबाद: जापान के हिरोशिमा पर आज ही के दिन 1945 में परमाणु बम गिराया गया था. तब से 6 अगस्त को हिरोशिमा दिवस मनाया जाता है. इसे मानव इतिहास में काला दिन भी कहा जाता है, क्योंकि हिरोशिमा और नागासाकी ही दो ऐसे शहर हैं जहां परमाणु हमले की त्रासदी का दर्द आज भी ताजा है. अमेरिका दुनिया का इकलौता देश है, जिसने मानव इतिहास में सबसे बड़ा नरसंहार करने वाले परमाणु बमों का इस्तेमाल किया है. 6 अगस्त 1945 को अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा शहर पर परमाणु बम गिराया था, जिसमें 80 हज़ार लोग मौके पर ही मारे गए थे. इस हमले से उपजे रेडिएशन से घातक रोगों के शिकार लोगों की मौत भी जोड़ी जाए तो हिरोशिमा पर परमाणु हमले से करीब 2 लाख लोग मारे गए थे.
- 1945 में, बमबारी के तुरंत बाद एक सर्वेक्षण में पाया गया कि 85% अमेरिकियों ने जापानी शहरों पर परमाणु हथियार का उपयोग करने की मंजूरी दी थी.
- गैलप सर्वेक्षण में 73% लोगों ने कहा कि अमेरिका को जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम हमलों के लिए औपचारिक रूप से माफी नहीं मांगनी चाहिए. केवल 20% ने माफी का समर्थन किया.
- यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो सर्वे में नेशनल ओपिनियन रिसर्च सेंटर के अनुसार सितंबर 1945 में 44% ने कहा कि उन्होंने एक समय में एक शहर पर बमबारी की होगी, और 23% ने कहा कि सामान्य रूप से शहरों का सफाया कर दिया होगा. दो-तिहाई लोगों ने कहा कि कुछ शहरी क्षेत्र में बमबारी की है.
- 26%लोगों ने कहा कि उन स्थानों पर बम गिराया होगा जिनमें कोई भी व्यक्ति नहीं था.
- 1991 में, जापान और अमेरिका दोनों में आयोजित एक डेट्रायट प्रेस सर्वेक्षण के अनुसार 63% अमेरिकियों ने कहा कि जापान पर परमाणु बम हमले युद्ध को समाप्त करने का एक उचित साधन था, जबकि 29% ने सोचा कि कार्रवाई अनुचित थी.
- 29% जापानी को लगा की अमेरिका ने यह बमबारी के कारणों को सिद्ध किया हैं. जबकि 64% ने सोचा कि यह कदम अनुचित था.
- 2015 के प्यू रिसर्च सेंटर के सर्वेक्षण में पाया गया है कि परमाणु हथियार के इस्तेमाल को सही मानने वाले अमेरिकियों की हिस्सेदारी 56% थी, जिसमें 34% का कहना है कि यह नहीं था.
- जापान में, केवल 14% का कहना है कि बमबारी उचित था, जवकि 79% कहते हैं कि यह नहीं थी.