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मरियम ने वीडियो जारी कर कहा, नवाज को दोषी ठहराने के लिये जज को किया ब्लैकमेल

मरियम नवाज ने एक वीडियो क्लिप जारी कर कहा कि भ्रष्टाचार मामले में जज को ब्लैकमेल कर नवाज शरीफ को दोषी ठहराया गया है. जानें क्या है पूरा मामला......

पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज की नेता मरियम नवाज (फाइल फोटो)
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Published : Jul 7, 2019, 4:33 PM IST

Updated : Jul 7, 2019, 9:41 PM IST

लाहौर: पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज की नेता मरियम नवाज ने पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ के भ्रष्टाचार मामले को लेकर एक वीडियो जारी किया है. इसमें जवाबदेही अदालत के एक न्यायाधीश कथित तौर यह स्वीकार करते नजर आ रहे हैं कि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को भ्रष्टाचार के एक मामले में दोषी ठहराने के लिए उन्हें 'ब्लैकमेल किया गया और उन पर दबाव डाला गया था.'

maryam etvbharat
ट्वीट सौ. (@MaryamNSharif)

लाहौर में शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुये मरियम ने कहा कि उनके 69 वर्षीय पिता को लेकर समूची न्यायिक प्रक्रिया को गंभीर रूप से प्रभावित किया गया. इस दौरान पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे.

नवाज शरीफ अल अजीजिया स्टील मिल मामले में भ्रष्टाचार के दोषी ठहराए जाने के बाद 24 दिसंबर 2018 से कोट लखपत जेल में बंद हैं. उन्हें इस मामले में सात साल के कारावास की सजा सुनाई गई है.

पढ़ें: अमेरिकी अधिकारी ने तालिबान के साथ वार्ता को बताया सार्थक सैनिकों की वापसी से इनकार

मरियम का दावा है कि जवाबदेही अदालत इस्लामाबाद के न्यायाधीश अरशद मलिक ने उनकी पार्टी के समर्थक नसीर भट्ट के साथ बातचीत में यह स्वीकार किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ फैसला देने के लिए उन्हें '(अज्ञात लोगों के द्वारा) ब्लैकमेल और मजबूर' किया गया.

देश में सत्तारूढ़ इमरान खान सरकार ने कहा है कि वीडियो 'छेड़छाड़' से तैयार किया गया है. उन्होंने इस वीडियो का फोरेंसिक ऑडिट कराने की मांग करते हुये इसे 'न्यायपालिका पर हमला' करार दिया.

मरियम ने कहा कि न्यायाधीश मलिक ने स्पष्ट रूप से यह कहा था कि शरीफ के खिलाफ धन शोधन, दलाली या कोई अन्य गलत वित्तीय लेनदेन मामले में कोई सबूत नहीं है लेकिन उन्होंने 'उन्हें (शरीफ) को जेल भेजने के आदेश देने पड़े जिसके लिए मैं पश्चाताप कर रहा हूं.'

उन्होंने आरोप लगाया कि न्यायाधीश को शरीफ के खिलाफ सजा सुनाने के लिए यह धमकी देते हुए 'ब्लैकमेल' किया गया था कि उनका एक निजी वीडियो जारी कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि न्यायाधीश ने सजा नहीं लिखी बल्कि शरीफ के लिए 'जेल की सजा' लिखवाई गई.

मरियम ने दावा किया कि पूर्व प्रधानमंत्री को जेल भेजने के लिए न्यायाधीश पर काफी दबाव था और इसके बाद से उन्हें कई बार आत्महत्या करने का विचार आया था.

उन्होंने कहा कि इस वीडियो के खुलासे के बाद उनके पिता को सलाखों के पीछे नहीं रखा जाना चाहिए. उन्होंने इस वीडियो का इस्तेमाल इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में शरीफ के जमानत मामले में किये जाने के भी संकेत दिये.

इस बीच न्यायाधीश मलिक ने रविवार को मरियम के आरोपों को खारिज किया और कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री को सबूत के आधार पर दोषी ठहराया गया था.

न्यायाधीश ने एक बयान में कहा कि उनके खिलाफ गंभीर आरोप लगाये गये है और यह उनकी विश्वसनीयता को ठेस पहुंचाने की एक साजिश है.

फ्लैगशिप निवेश भ्रष्टाचार मामले में शरीफ को बरी करने वाले न्यायाधीश ने कहा, 'अगर मैंने दबाव में या रिश्वत के लालच में फैसला सुनाया होता तो मैं उन्हें (शरीफ) एक मामले में बरी नहीं करता और एक अन्य मामले में उन्हें दोषी नहीं ठहराता.'

उन्होंने कहा, 'मैं एक बात स्पष्ट करता चाहता हूं कि प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मुझ पर न तो कोई दबाव था और न ही मैं किसी लालच में था.'

न्यायाधीश ने कहा, 'संवाददाता सम्मेलन के दौरान दिखाया गया वीडियो फर्जी है और झूठ तथा अनुमानों पर आधारित है. इसलिए मैं इसमें शामिल सभी लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करूंगा.'

पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक प्राधिकरण ने रविवार को 21 टीवी चैनलों को शनिवार को आयोजित हुए मरियम के संवाददाता सम्मेलन को 'बिना संपादन के सीधा प्रसारण करने के लिए' नोटिस जारी किये.

टीवी चैनलों को नोटिस जारी करके सात दिनों के भीतर यह बताने के लिए कहा गया है कि क्यों न उनके खिलाफ प्राधिकरण के नियमों और आचार संहिता के तहत उचित कार्रवाई की जाये.

(भाषा इनपुट के साथ)

लाहौर: पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज की नेता मरियम नवाज ने पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ के भ्रष्टाचार मामले को लेकर एक वीडियो जारी किया है. इसमें जवाबदेही अदालत के एक न्यायाधीश कथित तौर यह स्वीकार करते नजर आ रहे हैं कि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को भ्रष्टाचार के एक मामले में दोषी ठहराने के लिए उन्हें 'ब्लैकमेल किया गया और उन पर दबाव डाला गया था.'

maryam etvbharat
ट्वीट सौ. (@MaryamNSharif)

लाहौर में शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुये मरियम ने कहा कि उनके 69 वर्षीय पिता को लेकर समूची न्यायिक प्रक्रिया को गंभीर रूप से प्रभावित किया गया. इस दौरान पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे.

नवाज शरीफ अल अजीजिया स्टील मिल मामले में भ्रष्टाचार के दोषी ठहराए जाने के बाद 24 दिसंबर 2018 से कोट लखपत जेल में बंद हैं. उन्हें इस मामले में सात साल के कारावास की सजा सुनाई गई है.

पढ़ें: अमेरिकी अधिकारी ने तालिबान के साथ वार्ता को बताया सार्थक सैनिकों की वापसी से इनकार

मरियम का दावा है कि जवाबदेही अदालत इस्लामाबाद के न्यायाधीश अरशद मलिक ने उनकी पार्टी के समर्थक नसीर भट्ट के साथ बातचीत में यह स्वीकार किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ फैसला देने के लिए उन्हें '(अज्ञात लोगों के द्वारा) ब्लैकमेल और मजबूर' किया गया.

देश में सत्तारूढ़ इमरान खान सरकार ने कहा है कि वीडियो 'छेड़छाड़' से तैयार किया गया है. उन्होंने इस वीडियो का फोरेंसिक ऑडिट कराने की मांग करते हुये इसे 'न्यायपालिका पर हमला' करार दिया.

मरियम ने कहा कि न्यायाधीश मलिक ने स्पष्ट रूप से यह कहा था कि शरीफ के खिलाफ धन शोधन, दलाली या कोई अन्य गलत वित्तीय लेनदेन मामले में कोई सबूत नहीं है लेकिन उन्होंने 'उन्हें (शरीफ) को जेल भेजने के आदेश देने पड़े जिसके लिए मैं पश्चाताप कर रहा हूं.'

उन्होंने आरोप लगाया कि न्यायाधीश को शरीफ के खिलाफ सजा सुनाने के लिए यह धमकी देते हुए 'ब्लैकमेल' किया गया था कि उनका एक निजी वीडियो जारी कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि न्यायाधीश ने सजा नहीं लिखी बल्कि शरीफ के लिए 'जेल की सजा' लिखवाई गई.

मरियम ने दावा किया कि पूर्व प्रधानमंत्री को जेल भेजने के लिए न्यायाधीश पर काफी दबाव था और इसके बाद से उन्हें कई बार आत्महत्या करने का विचार आया था.

उन्होंने कहा कि इस वीडियो के खुलासे के बाद उनके पिता को सलाखों के पीछे नहीं रखा जाना चाहिए. उन्होंने इस वीडियो का इस्तेमाल इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में शरीफ के जमानत मामले में किये जाने के भी संकेत दिये.

इस बीच न्यायाधीश मलिक ने रविवार को मरियम के आरोपों को खारिज किया और कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री को सबूत के आधार पर दोषी ठहराया गया था.

न्यायाधीश ने एक बयान में कहा कि उनके खिलाफ गंभीर आरोप लगाये गये है और यह उनकी विश्वसनीयता को ठेस पहुंचाने की एक साजिश है.

फ्लैगशिप निवेश भ्रष्टाचार मामले में शरीफ को बरी करने वाले न्यायाधीश ने कहा, 'अगर मैंने दबाव में या रिश्वत के लालच में फैसला सुनाया होता तो मैं उन्हें (शरीफ) एक मामले में बरी नहीं करता और एक अन्य मामले में उन्हें दोषी नहीं ठहराता.'

उन्होंने कहा, 'मैं एक बात स्पष्ट करता चाहता हूं कि प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मुझ पर न तो कोई दबाव था और न ही मैं किसी लालच में था.'

न्यायाधीश ने कहा, 'संवाददाता सम्मेलन के दौरान दिखाया गया वीडियो फर्जी है और झूठ तथा अनुमानों पर आधारित है. इसलिए मैं इसमें शामिल सभी लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करूंगा.'

पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक प्राधिकरण ने रविवार को 21 टीवी चैनलों को शनिवार को आयोजित हुए मरियम के संवाददाता सम्मेलन को 'बिना संपादन के सीधा प्रसारण करने के लिए' नोटिस जारी किये.

टीवी चैनलों को नोटिस जारी करके सात दिनों के भीतर यह बताने के लिए कहा गया है कि क्यों न उनके खिलाफ प्राधिकरण के नियमों और आचार संहिता के तहत उचित कार्रवाई की जाये.

(भाषा इनपुट के साथ)

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PAK-MARYAM-LD VIDEO
Pak judge 'blackmailed' into issuing verdict against Sharif: Maryam
By M Zulqernain
(Eds: Updating with Judge's reax, more details)
         Lahore, Jul 7 (PTI) Pakistan Muslim League-Nawaz leader Maryam Nawaz has released a video clip purportedly showing an accountability court judge allegedly confessing that he was "blackmailed and forced" to convict former premier Nawaz Sharif in a corruption case.
         Addressing a press conference in Lahore on Saturday alongside the top leadership of the PML-N, Maryam, the daughter of 69-year-old Sharif, said that her father's entire judicial process was severely compromised.
         Sharif has been serving a seven-year prison term at the Kot Lakhpat Jail in Lahore since December 24, 2018 when the accountability court convicted him in the Al-Azizia Steel Mills case - one of the three corruption cases filed in the wake of the apex court's July 28, 2017 order in Panama Papers case.
         Sharif and his family have denied any wrongdoing and allege that the corruption cases against them were politically motivated.
         Maryam claimed Accountability Court Islamabad Judge Arshad Malik, who sentenced Sharif to a seven-year imprisonment in the Al-Azizia corruption case, confessed in his conversation with PML-N supporter Nasir Butt that he was "blackmailed and forced (by hidden forces)" to give verdict against the former premier.
         The video purportedly shows the judge speaking to Butt and claiming that he was coerced to hand down the prison sentence against Sharif despite there being no proof of corruption against him.
         The Imran Khan government termed the leaked video "doctored" and demanded its forensic audit, saying that "it is an attack on the judiciary."
         Maryam said this was a "divine help" as her father failed to get justice in cases against him.
         She said Judge Malik had categorically declared that there was no evidence of money laundering, commission or any other wrong financial transaction against Sharif but he had "orders to send him jail for which I am repenting."
         The judge was "blackmailed" into handing down the sentence against Sharif after some people threatened that they would release a private video of his, she alleged. She said the judge did not write the sentence but "was made to write" the prison sentence for Sharif.
         She claimed the judge was under immense pressure to send the former prime minister to jail, and that he had contemplated committing suicide several times since.
         Maryam said after the revelation of the video her father should not be kept behind the bars any more. She also hinted to use this video in the bail case of Sharif in Islamabad High Court.
         Meanwhile, judge Malik on Sunday rejected Maryam's allegations and said that the former premier was convicted on the basis of evidence.
         In a statement, the judge said that serious allegations were made against him and it was a conspiracy to affect his credibility as well as that of the institution and his family.
         "Had I announced the verdict under pressure or over greed of bribes, I would not have acquitted him (Sharif) in one case and convicted him in the other," said the judge, who had acquitted Sharif in the Flagship Investments corruption case.
         "I also want to make it clear that indirectly or directly, neither was there any pressure on me nor was there any greed," he said.
         "The videos shown during the press conference are fake and based on lies and assumptions. Therefore, legal action should be taken against those individuals involved in this," the judge added.
         On Sunday, the Pakistan Electronic Media Regulatory Authority (Pemra) issued notices to 21 TV channels for the "unedited live telecast" of Maryam's press conference on Saturday.
         In a post shared on Twitter, the media regulatory body said that the unedited live telecast of Maryam's speech "against [the] judiciary and state institutions" was in violation of Pemra's laws and code of conduct.
         The TV channels were asked for a show cause within seven days of the issuance of the notice about why appropriate legal action should not be taken against them for the violation. PTI MZ/ZH
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Last Updated : Jul 7, 2019, 9:41 PM IST
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