टोक्यो : जापान में पिछले सप्ताह शक्तिशाली भूकंप के बाद फुकुशिमा परमाणु संयंत्र के दो रिएक्टरों को ठंडा करने वाले पानी का स्तर घटने से संभावित नुकसान का संकेत मिला है. संयंत्र के संचालक ने शुक्रवार को इस बारे में बताया.
भूकंप के कारण नुकसान से संयंत्र को बंद करने की प्रक्रिया और जटिल हो जाएगी और इसमें लंबा समय लग सकता है. टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी के प्रवक्ता केसुके मतसुओ ने कहा कि शनिवार को 7.3 तीव्रता के भूकंप के बाद यूनिट एक और तीन में जल स्तर घटने से संकेत है इसके एक हिस्से में और ज्यादा नुकसान हुआ है.
उन्होंने कहा कि रिसाव से निकला पानी रिएक्टर वाली इमारत के भीतर ही रहने की संभावना है और बाहर में ढांचे पर किसी तरह के असर का संकेत नहीं मिला है. वर्ष 2011 में 9.1 तीव्रता के भूकंप और फिर सुनामी के कारण फुकुशिमा संयंत्र की कूलिंग प्रणाली क्षतिग्रस्त हो गई थी जिससे संयंत्र के तीन रियक्टरों पर गंभीर असर पड़ा था.
उन्होंने कहा कि कंपनी रिएक्टर ढांचे में जल स्तर और तापमान की निगरानी करेगी.
वर्ष 2011 में नुकसान के बाद रिएक्टर वाली इमारत के लिए अतिरिक्त कूलिंग वाटर की व्यवस्था की गई थी. हाल में जल स्तर घटने से संकेत है कि पहले से ज्यादा रिसाव हुआ है.
दमकल और आपदा प्रबंधन एजेंसी के मुताबिक शनिवार को आए भूकंप में 180 से ज्यादा लोग मामूली रूप से घायल हो गए. तोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी ने आरंभ में कहा था कि भूकंप के कारण संयंत्र में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हुई.
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बहरहाल, टोक्यो के उच्च न्यायालय ने 2011 के परमाणु हादसे के लिए टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर को जिम्मेदार माना और 40 लोगों को 28 करोड़ युआन का हर्जाना देने का आदेश दिया.