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टेरर फंडिंग मामले में पाकिस्तान के प्रदर्शन की जून में समीक्षा करेगा एफएटीएफ

एफएटीएफ की बैठक बीजिंग में 21-26 जून को होगी, जिसमें पाकिस्तान के प्रदर्शन की समीक्षा की जाएगी. पाकिस्तान एफएटीफ की 'ग्रे' सूची में है और बीते कुछ महीनों से कोशिश कर रहा है कि उसका नाम 'ब्लैक' सूची में ना आ जाए. जानें विस्तार से...

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Published : Apr 7, 2020, 8:36 PM IST

इस्लामाबाद : धनशोधन रोधी वैश्विक संस्था एफएटीएफ जून महीने में चीन में होने वाली एक बैठक में आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ लड़ाई में अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में पाकिस्तान के प्रदर्शन की समीक्षा करेगी.

पेरिस का वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) एक अंत: सरकारी संस्था है, जिसकी स्थापना 1989 में धन शोधन, आतंकवाद के वित्त पोषण और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली की अखंडता के समक्ष आने वाले अन्य खतरों से निपटने के उद्देश्य से की गई थी.

पाकिस्तान एफएटीफ की 'ग्रे' सूची में है और बीते कुछ महीनों से कोशिश कर रहा है कि उसका नाम 'ब्लैक' सूची में ना आ जाए, जिनके बारे में माना जाता है कि वे धन शोधन रोधी नियमों और आतंकवाद के वित्त पोषण संबंधी नियमों का पालन नहीं करते हैं. अधिकारियों का कहना है कि अगर उसका नाम ऐसे देशों की सूची में आ जाता है तो इसका असर उसकी अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा जो पहले से मुश्किल हालत में है.

खबर के मुताबिक यह बैठक बीजिंग में 21-26 जून को होगी, जिसमें पाकिस्तान के प्रदर्शन की समीक्षा की जाएगी. हालांकि, वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का बैठक पर क्या प्रभाव पड़ेगा, क्या यह स्थगित होगी, यह स्पष्ट नहीं है.

फरवरी में एफएटीएफ ने पाकिस्तान को 27 सूत्रीय कार्रवाई योजना पूरी करने के लिए चार महीने का वक्त दिया था.

इस्लामाबाद : धनशोधन रोधी वैश्विक संस्था एफएटीएफ जून महीने में चीन में होने वाली एक बैठक में आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ लड़ाई में अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में पाकिस्तान के प्रदर्शन की समीक्षा करेगी.

पेरिस का वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) एक अंत: सरकारी संस्था है, जिसकी स्थापना 1989 में धन शोधन, आतंकवाद के वित्त पोषण और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली की अखंडता के समक्ष आने वाले अन्य खतरों से निपटने के उद्देश्य से की गई थी.

पाकिस्तान एफएटीफ की 'ग्रे' सूची में है और बीते कुछ महीनों से कोशिश कर रहा है कि उसका नाम 'ब्लैक' सूची में ना आ जाए, जिनके बारे में माना जाता है कि वे धन शोधन रोधी नियमों और आतंकवाद के वित्त पोषण संबंधी नियमों का पालन नहीं करते हैं. अधिकारियों का कहना है कि अगर उसका नाम ऐसे देशों की सूची में आ जाता है तो इसका असर उसकी अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा जो पहले से मुश्किल हालत में है.

खबर के मुताबिक यह बैठक बीजिंग में 21-26 जून को होगी, जिसमें पाकिस्तान के प्रदर्शन की समीक्षा की जाएगी. हालांकि, वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का बैठक पर क्या प्रभाव पड़ेगा, क्या यह स्थगित होगी, यह स्पष्ट नहीं है.

फरवरी में एफएटीएफ ने पाकिस्तान को 27 सूत्रीय कार्रवाई योजना पूरी करने के लिए चार महीने का वक्त दिया था.

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