नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (डूसू) चुनाव में एनएसयूआई (राष्ट्रीय छात्र संघ युवा) की जीत ने न सिर्फ छात्र राजनीति में हलचल मचाई है, बल्कि यह दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के नेताओं के लिए भी एक उत्साहवर्धक संकेत बन गई है. एनएसयूआई ने अध्यक्ष और संयुक्त सचिव पद पर जीत हासिल की, जो कि लगभग आठ वर्षों के बाद पहला अवसर है जब उन्होंने इस स्तर पर सफलता पाई है. इस जीत के पीछे युवाओं का समर्थन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और इसके मद्देनजर कांग्रेस के नेता आगामी विधानसभा चुनाव में बदलाव की संभावनाओं को देखकर उत्साहित हैं.
दिल्ली प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष पुष्पा सिंह ने इस जीत के संदर्भ में कहा कि यह युवाओं के कांग्रेस में विश्वास को दर्शाता है. उन्होंने स्पष्ट किया कि युवा ही परिवर्तन के वास्तविक संचालक होते हैं और एनएसयूआई के साथ उनकी यह जीत इस बात का प्रमाण है कि दिल्ली के युवा अब अन्य विकल्पों की तलाश में हैं. पुष्पा सिंह ने याद दिलाया कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव की नेतृत्व में निकाली जा रही न्याय यात्रा का न केवल अच्छा समर्थन मिल रहा है, बल्कि यह यात्रा भी आने वाले समय में एक सकारात्मक परिवर्तन लाने का वादा करती है.
पुष्पा सिंह का कहना है कि एनएसयूआई के कार्यकर्ता अब इस जीत के जोश के साथ विधानसभा चुनाव में उतरेंगे, जिससे वह और भी अधिक युवाओं का समर्थन हासिल कर सकेंगे. उनका दावा है कि डूसू चुनाव में आधी सीटों पर कब्जा करने के बाद, उनका लक्ष्य विधानसभा चुनाव में भी आधी सीटें जीतकर सत्ता में आना है.
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दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार के प्रति निराशा अभिव्यक्त करते हुए, पुष्पा सिंह ने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने युवाओं के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं. उन्होंने दिल्ली में सफाई की स्थिति को लेकर पार्टी की नाकामी को उजागर किया और कहा कि आम आदमी पार्टी खुद को सफाई के प्रतीक के रूप में पेश करती है, लेकिन धरातल पर स्थिति बहुत खराब है.
आगामी विधानसभा चुनावों में एनएसयूआई के साथ कांग्रेस की स्थापित रणनीति जनसंपर्क बढ़ाने की है. न्याय यात्रा के जरिये, कांग्रेस की टीम हर वार्ड में जाकर लोगों से संपर्क करेगी और आम आदमी पार्टी के भ्रष्टाचार और राजनीतिक चालाकियों को उजागर करेगी.
डूसू चुनाव के हाल के परिणामों में एनएसयूआई के रौनक खत्री ने अध्यक्ष पद पर और लोकेश चौधरी ने संयुक्त सचिव पद पर जीत हासिल की है, जो निश्चित रूप से दिल्ली की राजनीति में आने वाले बदलाव का संकेत है. यदि युवा इसी उत्साह के साथ कांग्रेस का समर्थन करते रहे, तो संभावना है कि आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस दिल्ली में पुनः राजनीतिक समीकरण में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त कर सकेगी.
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