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कोरोना : सावन के अंतिम दिन पशुपतिनाथ के बाहर से ही लौटे श्रद्धालु

सावन के अंतिम दिन पशुपतिनाथ मंदिर के बाहर जुटे श्रद्धालु, हालांकि कोरोना वायरस के चलते उन्हें इस बार द्वार से ही पूजा कर रहे हैं, उन्हें मंदिर के अंदर जाने नहीं दिए जा रहा है.

pashupatinath temple in nepal
पशुपतिनाथ मंदिर के बाहर जुटे श्रद्धालु
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Published : Aug 10, 2020, 4:16 PM IST

Updated : Aug 10, 2020, 7:26 PM IST

काठमांडू : नेपाल में कोरोना संकट के बीच पशुपतिनाथ मंदिर के बाहर श्रद्धालुओं का तांता देखा गया. सावन माह के अंतिम दिन सोमवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु पशुपतिनाथ मंदिर पहुंचे और शिव उपासना की. हालांकि सरकार ने अभी भी कोविड-19 प्रतिबंधों को नहीं हटाया है.

गौरतलब है कि पिछले पांच महीने से सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए प्रतिबंधों के कारण पशुपतिनाथ मंदिर के दरवाजे जनता के लिए बंद कर दिए थे.

इसके अलावा सरकार ने जनता के लिए धार्मिक स्थलों को बंद करने और बड़े पैमाने पर कोई सामूहिक सभा नहीं करने का भी आदेश दिया था.

मंदिर में आए एक श्रृद्धालु सुरेश श्रेष्ठ ने कहा कि हम द्वार से ही पूजा कर रहे हैं. पहले हम मंदिर के अंदर जाकर पूजा करते थे.

उन्होंने कहा कि हर वर्ष सावन के महीने में लगभग 5,000 भक्त एक घंटे में पशुपतिनाथ मंदिर आते थे. हालांकि इस साल लगभग 1,500 लोग ही एक दिन में मंदिर में आ रहे हैं.

वहीं एक अन्य भक्त श्रीजान धूंगल ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण लगाए गए प्रतिबंध की वजह से हम मुख्य मंदिर के अंदर नहीं पहुंच सके, जहां समारोह आयोजित होता है, हमने बाहर से ही प्रार्थना की.

चंद्र कैलेंडर के अनुसार, इस वर्ष के सावन महीने में पांच सोमवार हैं, जबकि सौर कैलेंडर के अनुसार चार सोमवार हैं. चंद्र कैलेंडर के अनुसार, सावन का महीना इस सप्ताह समाप्त होगा.

बता दें कि पशुपति मंदिर, जहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं , उसे उसे लाखों रुपये का नुकसान कर रहा है, क्योंकि अभी भी कोरोना वायरस महामारी के कारण मंदिर बंद है.

काठमांडू : नेपाल में कोरोना संकट के बीच पशुपतिनाथ मंदिर के बाहर श्रद्धालुओं का तांता देखा गया. सावन माह के अंतिम दिन सोमवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु पशुपतिनाथ मंदिर पहुंचे और शिव उपासना की. हालांकि सरकार ने अभी भी कोविड-19 प्रतिबंधों को नहीं हटाया है.

गौरतलब है कि पिछले पांच महीने से सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए प्रतिबंधों के कारण पशुपतिनाथ मंदिर के दरवाजे जनता के लिए बंद कर दिए थे.

इसके अलावा सरकार ने जनता के लिए धार्मिक स्थलों को बंद करने और बड़े पैमाने पर कोई सामूहिक सभा नहीं करने का भी आदेश दिया था.

मंदिर में आए एक श्रृद्धालु सुरेश श्रेष्ठ ने कहा कि हम द्वार से ही पूजा कर रहे हैं. पहले हम मंदिर के अंदर जाकर पूजा करते थे.

उन्होंने कहा कि हर वर्ष सावन के महीने में लगभग 5,000 भक्त एक घंटे में पशुपतिनाथ मंदिर आते थे. हालांकि इस साल लगभग 1,500 लोग ही एक दिन में मंदिर में आ रहे हैं.

वहीं एक अन्य भक्त श्रीजान धूंगल ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण लगाए गए प्रतिबंध की वजह से हम मुख्य मंदिर के अंदर नहीं पहुंच सके, जहां समारोह आयोजित होता है, हमने बाहर से ही प्रार्थना की.

चंद्र कैलेंडर के अनुसार, इस वर्ष के सावन महीने में पांच सोमवार हैं, जबकि सौर कैलेंडर के अनुसार चार सोमवार हैं. चंद्र कैलेंडर के अनुसार, सावन का महीना इस सप्ताह समाप्त होगा.

बता दें कि पशुपति मंदिर, जहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं , उसे उसे लाखों रुपये का नुकसान कर रहा है, क्योंकि अभी भी कोरोना वायरस महामारी के कारण मंदिर बंद है.

Last Updated : Aug 10, 2020, 7:26 PM IST
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