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भारतीय मूल का मलेशियाई व्यक्ति मृत्यु दंड से बचा - death penalty to indian cancelled

भारतीय मूल का मलेशियाई व्यक्ति दूसरी बार मृत्यु दंड की सजा से बच गया. सिगांपुर की अदालत ने उसे कम अपराध में दोबारा दोषी पाया, जिसके बाद यह फैसला लिया गया.

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Published : Oct 19, 2020, 7:47 PM IST

सिंगापुर : भारतीय मूल का मलेशियाई व्यक्ति दूसरी बार मृत्यु दंड से बच गया, क्योकि सिंगापुर की एक अदालत ने अब उसे मादक पदार्थ की तस्करी संबंधी मामले में कमतर अपराध की कोशिश का दोषी पाया है, जिसके बाद पहले वाले फैसले को पलट दिया गया.

चैनल न्यूज एशिया की खबर के मुताबिक 32 वर्षीय गोबी एवडियन को अब 15 साल की जेल और 10 बेंत की सजा मिली है. जेल की सजा की गणना उसकी हिरासत की तारीख से की जाएगी.

अपीलीय अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष इस बात का पुख्ता सबूत नहीं दे पाया कि वह (आरोपी) जान बूझकर वास्तविकता से मुंह मोड़े था. गोबी का दावा है कि उसे नहीं पता था कि वह जो पैकेट ले जा रहा है, उसमें रखा मादक पदार्थ हेरोइन है.

गोबी जोहोर बाहरू में सुरक्षाकर्मी के रूप में तैनात था. उसका परिचय विनोद नाम के एक व्यक्ति से कराया गया, जिसने उसे बताया कि वह चॉकलेट मिले मादक पदार्थ को सिंगापुर पहुंचाने का काम करके वह पैसे कमा सकता है.

पढ़ें- बौखलाहट में इमरान ने शरीफ को बताया गीदड़, भारत का भी जिक्र

विनोद ने गोबी को बताया कि मादक पदार्थ का इस्तेमाल डिस्को में होता है और यह आम है, कोई गंभीर चीज नहीं है और वह पकड़ा भी जाता है, तो उस पर जुर्माना लगेगा या कम ही सजा मिलेगी.

अदालत के दस्तावेजों से पता चला है कि गोबी ने पहले, तो यह अपराध करने से इनकार किया, लेकिन बेटी के ऑपरेशन के लिए पैसे की जरूरत को देखते हुए वह तैयार हो गया.

उसे 11 दिसंबर 2014 को वुडलैंड्स जांच चौकी पर गिरफ्तार कर लिया गया और उस पर 40.22-ग्राम हेरोइन तस्करी का आरोप लगा. हालांकि, सिंगापुर की एक हाईकोर्ट के न्यायाधीश ने गोबी को मृत्यु दंड की सजा नहीं दी. इस पर अपील करने के बाद गोबी को अपीलीय अदालत ने मृत्यु दंड की सजा सुनाई थी, जिसे बाद में अब फिर अदालत ने पलट दिया.

सिंगापुर : भारतीय मूल का मलेशियाई व्यक्ति दूसरी बार मृत्यु दंड से बच गया, क्योकि सिंगापुर की एक अदालत ने अब उसे मादक पदार्थ की तस्करी संबंधी मामले में कमतर अपराध की कोशिश का दोषी पाया है, जिसके बाद पहले वाले फैसले को पलट दिया गया.

चैनल न्यूज एशिया की खबर के मुताबिक 32 वर्षीय गोबी एवडियन को अब 15 साल की जेल और 10 बेंत की सजा मिली है. जेल की सजा की गणना उसकी हिरासत की तारीख से की जाएगी.

अपीलीय अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष इस बात का पुख्ता सबूत नहीं दे पाया कि वह (आरोपी) जान बूझकर वास्तविकता से मुंह मोड़े था. गोबी का दावा है कि उसे नहीं पता था कि वह जो पैकेट ले जा रहा है, उसमें रखा मादक पदार्थ हेरोइन है.

गोबी जोहोर बाहरू में सुरक्षाकर्मी के रूप में तैनात था. उसका परिचय विनोद नाम के एक व्यक्ति से कराया गया, जिसने उसे बताया कि वह चॉकलेट मिले मादक पदार्थ को सिंगापुर पहुंचाने का काम करके वह पैसे कमा सकता है.

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विनोद ने गोबी को बताया कि मादक पदार्थ का इस्तेमाल डिस्को में होता है और यह आम है, कोई गंभीर चीज नहीं है और वह पकड़ा भी जाता है, तो उस पर जुर्माना लगेगा या कम ही सजा मिलेगी.

अदालत के दस्तावेजों से पता चला है कि गोबी ने पहले, तो यह अपराध करने से इनकार किया, लेकिन बेटी के ऑपरेशन के लिए पैसे की जरूरत को देखते हुए वह तैयार हो गया.

उसे 11 दिसंबर 2014 को वुडलैंड्स जांच चौकी पर गिरफ्तार कर लिया गया और उस पर 40.22-ग्राम हेरोइन तस्करी का आरोप लगा. हालांकि, सिंगापुर की एक हाईकोर्ट के न्यायाधीश ने गोबी को मृत्यु दंड की सजा नहीं दी. इस पर अपील करने के बाद गोबी को अपीलीय अदालत ने मृत्यु दंड की सजा सुनाई थी, जिसे बाद में अब फिर अदालत ने पलट दिया.

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