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चंद्रमा की सतह के नमूने लेकर पृथ्वी पर लौट रहा है चीनी कैप्सूल

चीन का अंतरिक्ष कैप्सूल चांद की सतह से पत्थरों के नमूने लेकर पृथ्वी की ओर लौट रहा है. तीन दिन बाद इनर मंगोलियाई क्षेत्र में इसके उतरने की संभावना है. मिशन सफल रहा तो ऐसा करने वाला चीन तीसरा देश बन जाएगा.

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Published : Dec 13, 2020, 4:04 PM IST

बीजिंग: चीन के एक अंतरिक्ष कैप्सूल ने चांद की सतह से पत्थरों के नमूने लेकर पृथ्वी की ओर लौटना आरंभ कर दिया है. इस तरह का प्रयास करीब 45 वर्षों में पहली बार किया जा रहा है.

चीन के राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए बताया कि इस महीने की शुरुआत में चांद पर पहुंचा चांग-5 अंतरिक्ष यान करीब 22 मिनट तक चार इंजनों को चालू करके रविवार सुबह चंद्रमा की कक्षा से निकला. इस यान ने करीब दो किलोग्राम नमूने एकत्र किए हैं.

इनर मंगोलिया में उतरने की संभावना
कैप्सूल के तीन दिन की यात्रा के बाद इनर मंगोलिया क्षेत्र में उतरने की संभावना है. 'चांग-5' चीन के अंतरिक्ष विज्ञान के इतिहास का सबसे अधिक जटिल एवं चुनौतीपूर्ण अभियान है. यह बीते 40 वर्ष से भी अधिक समय में दुनिया का पहला ऐसा अभियान है, जिसमें चांद के नमूने धरती पर लाने के प्रयास किए जा रहे हैं.

सोवियत संघ 1976 में लाया था नमूने
यदि मिशन सफल रहता है तो अमेरिका और पूर्ववर्ती सोवियत संघ के बाद चीन चांद के चट्टानी पत्थर धरती पर लाने वाला तीसरा देश बन जाएगा. इससे पहले चांद की सतह के नमूने 1976 में पूर्ववर्ती सोवियत संघ के लूना 24 द्वारा धरती पर लाए गए थे.

पढ़ें-चीन का अंतरिक्ष यान चांद की सतह के नमूने लेकर रवाना हुआ

बीजिंग: चीन के एक अंतरिक्ष कैप्सूल ने चांद की सतह से पत्थरों के नमूने लेकर पृथ्वी की ओर लौटना आरंभ कर दिया है. इस तरह का प्रयास करीब 45 वर्षों में पहली बार किया जा रहा है.

चीन के राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए बताया कि इस महीने की शुरुआत में चांद पर पहुंचा चांग-5 अंतरिक्ष यान करीब 22 मिनट तक चार इंजनों को चालू करके रविवार सुबह चंद्रमा की कक्षा से निकला. इस यान ने करीब दो किलोग्राम नमूने एकत्र किए हैं.

इनर मंगोलिया में उतरने की संभावना
कैप्सूल के तीन दिन की यात्रा के बाद इनर मंगोलिया क्षेत्र में उतरने की संभावना है. 'चांग-5' चीन के अंतरिक्ष विज्ञान के इतिहास का सबसे अधिक जटिल एवं चुनौतीपूर्ण अभियान है. यह बीते 40 वर्ष से भी अधिक समय में दुनिया का पहला ऐसा अभियान है, जिसमें चांद के नमूने धरती पर लाने के प्रयास किए जा रहे हैं.

सोवियत संघ 1976 में लाया था नमूने
यदि मिशन सफल रहता है तो अमेरिका और पूर्ववर्ती सोवियत संघ के बाद चीन चांद के चट्टानी पत्थर धरती पर लाने वाला तीसरा देश बन जाएगा. इससे पहले चांद की सतह के नमूने 1976 में पूर्ववर्ती सोवियत संघ के लूना 24 द्वारा धरती पर लाए गए थे.

पढ़ें-चीन का अंतरिक्ष यान चांद की सतह के नमूने लेकर रवाना हुआ

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