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सीमा पर शांति कायम रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं हमारे सैनिक : चीन - चीन विदेश मंत्रालय

चीन और भारत के सैनिकों के बीच हाल में हुए संघर्ष पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि दोनों देशों को अपने मतभेदों को ठीक तरीके से सुलझाना चाहिए. पढे़ं खबर विस्तार से....

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चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान
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Published : May 11, 2020, 8:51 PM IST

बीजिंग : चीन और भारत के सैनिकों के बीच हाल में हुए संघर्ष पर चीन ने सधी प्रतिक्रिया जताई और कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में उसके सैनिक शांति और धैर्य बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान से जब यहां हाल में हुए संघर्ष के बारे में पूछा गया तो उन्होंने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दोनों देशों को अपने मतभेदों को ठीक तरीके से सुलझाना चाहिए.

उन्होंने कहा, 'चीन की सीमा पर तैनात सैनिकों ने हमारे सीमावर्ती इलाकों में हमेशा शांति और धैर्य बनाए रखा है. सीमा मामलों को लेकर चीन और भारत मौजूदा व्यवस्था के तहत एक-दूसरे से अक्सर संवाद और समन्वय करते हैं.'

कोविड-19 महामारी फैलने के बाद पांच-छह मई को उग्र रूख के बारे में पूछने पर झाओ ने कहा, 'संबंधित अवधारणा आधारहीन है.'

उन्होंने कहा, 'यह वर्ष भारत और चीन के बीच राजनयिक संबंधों का 70वां वर्ष है और दोनों देशों ने कोविड-19 से मिलकर लड़ने का फैसला किया है.

' उन्होंने कहा, 'इन परिस्थितियों में दोनों पक्षों को मिलकर काम करना चाहिए और मतभेदों को उचित तरीके से निपटाना चाहिए और सीमावर्ती क्षेत्र में शांति और स्थिरता कायम रखनी चाहिए ताकि हम अपने द्विपक्षीय संबंधों के लिए अनुकूल माहौल बनाने के साथ ही कोविड-19 के खिलाफ एकजुट होकर लड़ सकें.'

पढे़ं : कोरोना वायरस संकट के बीच चीन का माउंट एवरेस्ट पर दावा

कोरोना वायरस महामारी के बाद चीन के रूख में किसी तरह के बदलाव पर रिपोर्ट को खारिज करते हुए झाओ ने कहा, 'कोविड-19 के प्रसार के बाद से ही चीन और भारत के बीच परस्पर संवाद और सहयोग जारी है ताकि चुनौतियों से मिलकर मुकाबला किया जा सके.'

पूर्वी लद्दाख और उत्तर सिक्किम के नाकू ला दर्रे के पास हाल में भारत और चीन के सैनिकों के बीच तीखी झड़पें हुई थीं जिसमें दोनों पक्षों के कई सैनिक जख्मी हो गए थे.

बीजिंग : चीन और भारत के सैनिकों के बीच हाल में हुए संघर्ष पर चीन ने सधी प्रतिक्रिया जताई और कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में उसके सैनिक शांति और धैर्य बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान से जब यहां हाल में हुए संघर्ष के बारे में पूछा गया तो उन्होंने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दोनों देशों को अपने मतभेदों को ठीक तरीके से सुलझाना चाहिए.

उन्होंने कहा, 'चीन की सीमा पर तैनात सैनिकों ने हमारे सीमावर्ती इलाकों में हमेशा शांति और धैर्य बनाए रखा है. सीमा मामलों को लेकर चीन और भारत मौजूदा व्यवस्था के तहत एक-दूसरे से अक्सर संवाद और समन्वय करते हैं.'

कोविड-19 महामारी फैलने के बाद पांच-छह मई को उग्र रूख के बारे में पूछने पर झाओ ने कहा, 'संबंधित अवधारणा आधारहीन है.'

उन्होंने कहा, 'यह वर्ष भारत और चीन के बीच राजनयिक संबंधों का 70वां वर्ष है और दोनों देशों ने कोविड-19 से मिलकर लड़ने का फैसला किया है.

' उन्होंने कहा, 'इन परिस्थितियों में दोनों पक्षों को मिलकर काम करना चाहिए और मतभेदों को उचित तरीके से निपटाना चाहिए और सीमावर्ती क्षेत्र में शांति और स्थिरता कायम रखनी चाहिए ताकि हम अपने द्विपक्षीय संबंधों के लिए अनुकूल माहौल बनाने के साथ ही कोविड-19 के खिलाफ एकजुट होकर लड़ सकें.'

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कोरोना वायरस महामारी के बाद चीन के रूख में किसी तरह के बदलाव पर रिपोर्ट को खारिज करते हुए झाओ ने कहा, 'कोविड-19 के प्रसार के बाद से ही चीन और भारत के बीच परस्पर संवाद और सहयोग जारी है ताकि चुनौतियों से मिलकर मुकाबला किया जा सके.'

पूर्वी लद्दाख और उत्तर सिक्किम के नाकू ला दर्रे के पास हाल में भारत और चीन के सैनिकों के बीच तीखी झड़पें हुई थीं जिसमें दोनों पक्षों के कई सैनिक जख्मी हो गए थे.

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