लाहौर: पाकिस्तान सरकार ने मुंबई आतंकी हमले के सरगना एवं प्रतिबंधित जमात-उद-दावा के नेता हाफिज सईद के साले को गिरफ्तार किया है. सईद के साले पर घृणा भरे बयान और पाकिस्तान सरकार की आलोचना करने का आरोप है. पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी.
जियो न्यूज ने गृह मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से बताया कि अब्दुल रहमान मक्की जमात की राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय मामले देखने वाली शाखा का प्रमुख है. इसके अलावा वह इसकी चैरिटी संस्था फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (एफआईएफ) का प्रभारी भी है. सूत्रों के मुताबिक इस प्रतिबंधित संगठन के खिलाफ की जा रही कार्रवाई के तहत गिरफ्तार किया गया.
पंजाब पुलिस ने कहा कि मक्की को कानून व्यवस्था अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया. मक्की पर गुजरांवाला में कार्रवाई के खिलाफ बोलने और पाकिस्तान सरकार द्वारा वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) के दिशानिर्देशों के अनुसार कदम उठाने की आलोचना करने के लिए गिरफ्तार किया गया है.
रिपोर्ट के अनुसार, मक्की को लोक व्यवस्था रखरखाव अधिनियम के अंतर्गत गिरफ्तार किया गया है और लाहौर जेल भेज दिया गया है.
उसे अमेरिका ने 2010 में प्रतिबंधित कर दिया था और इसीलिए वह अमेरिकी कोषागार विभाग के निशाने पर था.
पाकिस्तान सरकार जमात की तरह एफआईएफ पर मार्च महीने में प्रतिबंध लगा चुका है.
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अमेरिका ने सईद को एक विशेष वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित किया है और अमेरिका ने 2012 में उसकी जानकारी देने पर 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर का इनाम देने का एलान किया है.
फरवरी में एफएटीएफ एक अंतरसरकारी इकाई है, जो धन शोधन और आतंकवाद को धन मुहैया कराने वालों के खिलाफ कार्रवाई करती है, ने जैश-ए-मोहम्मद (JeM), लश्कर-ए-तैयबा (LeT) जैसे आतंकवादी समूहों की फंडिंग को रोकने में असफलता के लिए पाकिस्तान को 'ग्रे' सूची में बनाए रखने का फैसला किया था.
पाकिस्तान सरकार ने उग्रवाद को खत्म करने के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना 2015 के तहत गैरकानूनी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है.
इस्लामाबाद ने मार्च में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा प्रतिबंधित संगठनों से संबंधित संपत्तियों को जब्त कर और बैंक खातों को सीज कर दिया था. इसके कुछ सप्ताहों में सरकार ने कहा कि उसने प्रतिबंधित संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 182 मदरसों पर नियंत्रण कर लिया है और लगभग 100 लोगों को गिरफ्तार किया है.
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गृह मंत्रालय ने 11 मई को आतंकवाद रोधी अधिनियम के तहत प्रतिबंधित जेयूडी, एफआईएफ और जैश-ए-मोहम्मद से संबंध रखने के कारण 11 संगठनों पर प्रतिबंध लगाया था.
पुलवामा में हुए हमले में 40 सीआरपीएफ जवानों के शहीद होने के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इसी महीने जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था.
जमात के बारे में कहा जाता है कि यह लश्करे-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन है. यह संगठन मुंबई हमले का जिम्मेदार है जिसमें 166 लोगों की मौत हो गई थीं.
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अमेरिका पाकिस्तान से उसकी जमीन से संचालित होने वाले आतंकवादी संगठनों के खिलाफ स्थाई और ठोस कार्रवाई करने, उन्हें संरक्षण न देने और उन पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने के लिए कहता रहा है.