सिंगापुर : सिंगापुर ने मंगलवार को कहा कि उसने एक बांग्लादेशी नागरिक को गिरफ्तार किया है, जो अपने देश में हिंदुओं के खिलाफ हमले करने की साजिश रच रहा था और उसकी योजना कश्मीर में लड़ने की भी थी.
सिंगापुर के गृह मंत्रालय ने बताया कि फ्रांस में हमले के बाद सुरक्षा उपायों के तहत 37 संदिग्ध लोगों की जांच की गई थी, जिसके बाद उसकी गिरफ्तारी की गई. मंत्रालय ने कहा कि बांग्लादेशी नागरिक की पहचान 26 वर्षीय फैसल के तौर पर हुई है. उसे आंतरिक सुरक्षा अधिनियम (आईएसए) के तहत गिरफ्तार किया गया.
बयान के अनुसार, जिन संदिग्ध 37 लोगों की जांच की गई, उनमें से 14 सिंगापुर के नागरिक और 23 विदेशी हैं. विदेशियों में ज्यादातर बांग्लादेशी हैं.
मीडिया रिपोर्ट में गृह मंत्रालय द्वारा जारी बयान के हवाले से कहा गया है कि फैसल ने एक चाकू खरीदा था, जिसके बारे में उसका दावा है कि उस चाकू से वह बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमला करेगा और वह कश्मीर में 'इस्लाम के कथित दुश्मनों' के खिलाफ लड़ना चाहता है.
मंत्रालय ने बताया कि आंतरिक सुरक्षा विभाग (आईएसडी) की शुरुआती जांच में पता चला है कि फैसल कट्टरपंथी है और उसकी मंशा अपने धर्म के समर्थन में हथियारों के जरिए हिंसा करने की है.
आईएसआईएस के ऑनलाइन दुष्प्रचार से कट्टरपंथी बना फैसल
फैसल 2017 से सिंगापुर में निर्माण मजदूर के तौर पर काम कर रहा है. वह 2018 में आईएसआईएस के ऑनलाइन दुष्प्रचार से कट्टरपंथी बना. उसे दो नवंबर को गिरफ्तार किया गया है.
बयान में कहा गया है कि वह सीरिया में इस्लामी खलीफा शासन स्थापित करने के आईएसआईएस के लक्ष्य के प्रति आकर्षित हुआ और वह आईएसआईएस के साथ सीरिया सरकार के खिलाफ लड़ने के लिए वहां जाना चाहता है. उसका मानना है कि अगर वह लड़ते हुए मर गया तो शहीद होगा.
साल 2019 के मध्य में फैसल हयात तहरीर अल शाम (एचटीएस) के प्रति निष्ठावान हो गया. सीरिया में खिलाफत कायम करने के लिए लड़ने वाला यह अन्य आतंकी समूह है.
बयान में कहा गया है कि फैसल ने सीरिया स्थित संगठन को चंदा भी दिया और उसका मानना था कि उसके चंदे से सीरिया में एचटीएस को फायदा होगा. फैसल फर्जी नामों से बनाए गए सोशल मीडिया अकाउंटों पर हिंसा को बढ़ावा देने वाले दुष्प्रचार को साझा करता है.
आईएसआईएस और एचटीएस के अलावा फैसल ने अल-कायदा, अल शबाब जैसे आतंकी संगठनों के प्रति भी समर्थन व्यक्त किया है.
आरोपियों की सिंगापुर में हमला करने की नहीं थी योजना
मंत्रालय ने कहा कि वह 37 लोगों में से एक है, लेकिन वह फ्रांस में हुई घटनाओं से जुड़ा हुआ नहीं है. बयान में कहा गया है कि इस तरह का कोई संकेत नहीं है कि जांच से गुजरे 37 लोगों में से कोई सिंगापुर में हमला करने या प्रदर्शन करने की योजना बना रहा था.
मंत्रालय ने कहा कि फ्रांस में हमले के बाद सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट डालने के बाद 37 लोगों की संदिग्ध गतिविधियों पर आतंकवाद रोधी जांच की गई.
मंत्रालय ने बताया कि 23 विदेशियों में से 16 को उनके मुल्क वापस भेज दिया गया है, जिनमें से 15 बांग्लादेशी और एक मलेशियाई था. सात विदेशी नागरिको की अब भी जांच की जा रही है.
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मंत्रालय ने कहा कि कई देशों में फ्रांस के खिलाफ माहौल बना जिससे ऑनलाइन आतंकवाद को बढ़ावा मिला.
वहीं, सिंगापुर के कानून एवं गृह मंत्री के षनमुगम ने कहा है कि पिछले साल से आतंकवाद का रूप और प्रकृति बदली है. उन्होंने कहा कि इस्लामिक स्टेट अपना ज्यादातर क्षेत्र खो चुका है और उसके नेताओं को मारा जा चुका है. मंत्री ने कहा कि हमलों के लिए उकसाने और कट्टर बनाने वाला उसका दुष्प्रचार दक्षिण पूर्व एशिया समेत दुनिया भर में जारी है.