बर्लिन : जर्मनी में रहने वाले बलूच कार्यकर्ताओं ने बलूचिस्तान में लगातार बढ़ रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन और हरनाई घटना के खिलाफ एक प्रदर्शन किया, जिसमें पाकिस्तान की सेना ने कसार चालगार्री के परिवार सहित उसकी नौ साल की बेटी नाज बीबी को मार डाला.
बलूच नेशनल मूवमेंट (जर्मनी जोन) द्वारा शनिवार को विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया था. इसके अलावा 'हैशटैग जस्टिस फोर नाज बैबी' का उपयोग करके एक ऑनलाइन अभियान भी चलाया गया.
इस प्रदर्शन में बलूच राष्ट्रीय आंदोलन के सदस्यों के साथ-साथ पार्टी के सहानुभूति रखने वाले, बलूच रिपब्लिकन पार्टी (बीआरपी जर्मनी चैप्टर), पख्तून ताहफुज मोमेंट (पीटीएम) के सदस्य और स्थानीय समुदाय के लोगों ने भी हिस्सा लिया.
बलूच नेशनल मूवमेंट (BNM) जर्मनी जोन के अध्यक्ष हम्माल बलूच ने प्रदर्शन में शामिल हुए लोगों को संबोधित करते हुए कहा, 'इस प्रदर्शन का उद्देश्य पाकिस्तान की सेना द्वारा बलूचिस्तान में हरनाई त्रासदी और मानव अधिकारों के उल्लंघन के बारे में दुनिया को अवगत कराना है.'
उन्होंने कहा, 'कुछ दिन पहले पाकिस्तानी सेना ने हरनाई में एक घर पर हमला कर दिया था, जिसमें बुजुर्ग व्यक्ति कैसर चलगर्री और उनकी नौ साल की बेटी नाज बीबी की हत्या कर दी थी और दो लड़कों को उठाकर कर ले गए.'
हम्माल ने कहा, 'पाकिस्तान सामूहिक दंड की अपनी नीति का पालन करते हुए बलूच आजादी के लिए आवाज उठाने वालों को दंडित कर रहा है. हरनाई त्रासदी उसी नीति का हिस्सा है. हम जर्मनी और सभ्य दुनिया के लोगों को एक संदेश देना चाहते हैं कि बलूचिस्तान के लोगों को पाकिस्तान द्वारा हर रोज सताया जा रहा है.'
उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान में मीडिया पर प्रतिबंध है. बलूचिस्तान में राजनीतिक कार्यकर्ता, सामाजिक कार्यकर्ता, छात्र और शिक्षक सुरक्षित नहीं हैं. जो लोग बलूचिस्तान में पाकिस्तान के अत्याचारों के खिलाफ बोलते हैं, उनका या तो अपहरण कर उनको प्रताड़ित किया जाता है या फिर पाकिस्तान की कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा मार दिया जाता है.
वहीं, BNM जर्मनी जोन के महासचिव असगर अली ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित किया और कहा, 'बलूचिस्तान पाकिस्तान का उपनिवेश (कॉलोनी) है. पाकिस्तान के साथ बलूच राष्ट्र का संबंध उपनिवेशवादी और उपनिवेशित का है. कब्जे के पहले दिन से पाकिसतान हमारी भूमि, बलूचिस्तान पर बंदूक की नौंक पर शासन को बनाए रखने की कोशिश कर रहा है.
उन्होंने कहा, पाकिस्तान की कानूनविहीन पाकिस्तानी सेना द्वारा बलूच महिलाओं का अपहरण कोई नई घटना नहीं है. सत्तर के दशक से बलूच महिलाओं का अपहरण किया जा रहा है, लेकिन हाल के दिनों में पाकिस्तान की सेना और अधिक क्रूर हो गई है.
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बलूच रिपब्लिकन पार्टी के सदस्य शाह फवाज ने कहा, 'हमारी महिलाएं और बच्चे कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं, न तो वे कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में और न ही घर में सुरक्षित हैं. यहां तक कि हमारे बच्चों को भी पाकिस्तान सेना द्वारा निशाना बनाया और मारा जा रहा है. हरनाई की घटना, जहां पाकिस्तानी सेना ने नाज बीबी को मार डाला, बलूचिस्तान में पाकिस्तान के गंदे इरादों को दर्शाती है.'
बता दें कि पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में बड़ी संख्या में राजनीतिक कार्यकर्ता, बुद्धिजीवी, महिलाओं और बच्चों को सुरक्षा एजेंसियों द्वारा उठाकर ले जाया गया है. उनमें से कई हिरासत केंद्रों में दम तोड़ चुके हैं जबकि कुछ अपहृत बलूच के कटे हुए शरीर अलग-अलग जगहों पर पाए जाते हैं.
बड़ी संख्या में बलूच, जिन्होंने यूरोप और दुनिया के अन्य हिस्सों में शरण ली है, बलूचिस्तान में मानवाधिकारों के उल्लंघन को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय का समर्थन जुटाने और पाकिस्तान और उसकी सुरक्षा एजेंसियों पर दबाव बनाने के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.