ETV Bharat / international

नेपाल की सफाई : किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का इरादा नहीं

नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टराई ने मौजूदा पीएम केपी शर्मा ओली पर तंज कसा है. उन्होंने ओली के उस बयान पर कटाक्ष किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या नेपाल में है और भगवान राम नेपाली हैं. वहीं नेपाली विदेश मंत्रालय ने कहा कि अयोध्या और भगवान राम पर की गई टिप्पणी किसी भी राजनीतिक विषय से जुड़ी नहीं है. किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं है. पढ़ें पूरी खबर...

bhattarai takes jibe at oli
अपने ही देश में घिरे पीएम ओली
author img

By

Published : Jul 14, 2020, 2:18 PM IST

Updated : Jul 14, 2020, 8:39 PM IST

काठमांडू : प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के विवादास्पद बयान के बाद नेपाल में ही उनकी आलोचना शुरू हो गई है. पूर्व प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टराई ने कहा, 'चलो आधे कवि ओलिकृत कलियुगिन की नई रामायण सुनो! चलो सीधे बैकुंठधाम की यात्रा करते हैं!' इसके बाद नेपाल विदेश मंत्रालय ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि यह टिप्पणी किसी राजनीतिक विषय से जुड़ी नहीं है. न ही किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं है. इसका उद्देश्य अयोध्या के सांकेतिक और सांस्कृतिक मूल्य को कम करना नहीं है.

गौरतलब है कि पीएम ओली ने काठमांडू में प्रधानमंत्री आवास पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था कि भगवान राम एक भारतीय नहीं हैं. ओली ने 'एक नकली अयोध्या का निर्माण' करके भारत पर सांस्कृतिक अतिक्रमण जैसे आरोप भी लगाए.

nepal foreign minister
नेपाल विदेश मंत्रालय का पत्र

इससे पहले भारत में भी ओली के बयान को लेकर तीखी प्रतिक्रिया देखी गई. कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने ओली के बयान पर कहा कि ऐसा लग रहा है कि उन्होंने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है या तो वह रट्टू तोते की तरह चीन द्वारा लिखी गई लाइन दोहरा रहे हैं.

सिंघवी ने अपने ट्वीट में नेपाल के नए मानचित्र को लेकर कहा कि पहले तो उन्होंने उन क्षेत्रों पर दावा किया, जिनपर नेपाल ने कभी दावा नहीं किया था. अब वह अयोध्या को लेकर नए दावे कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें : ओली पर भड़के सिंघवी, बताया 'चीनी कठपुतली,' अयोध्या में भी रोष

इसके अलावा अयोध्या में रहने वाले और राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य महंत दीनेंद्र दास ने ओली की आलेचना करते हुए कहा कि भगवान राम आयोध्या में सरयू नदी के तट पर पैदा हुए थे. भगवान राम अयोध्या के निवासी थे. यह सच है कि देवी सीता (राम की पत्नी) नेपाल की थीं. हालांकि, भगवान राम को लेकर किया गया यह दावा गलत है.

काठमांडू : प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के विवादास्पद बयान के बाद नेपाल में ही उनकी आलोचना शुरू हो गई है. पूर्व प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टराई ने कहा, 'चलो आधे कवि ओलिकृत कलियुगिन की नई रामायण सुनो! चलो सीधे बैकुंठधाम की यात्रा करते हैं!' इसके बाद नेपाल विदेश मंत्रालय ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि यह टिप्पणी किसी राजनीतिक विषय से जुड़ी नहीं है. न ही किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं है. इसका उद्देश्य अयोध्या के सांकेतिक और सांस्कृतिक मूल्य को कम करना नहीं है.

गौरतलब है कि पीएम ओली ने काठमांडू में प्रधानमंत्री आवास पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था कि भगवान राम एक भारतीय नहीं हैं. ओली ने 'एक नकली अयोध्या का निर्माण' करके भारत पर सांस्कृतिक अतिक्रमण जैसे आरोप भी लगाए.

nepal foreign minister
नेपाल विदेश मंत्रालय का पत्र

इससे पहले भारत में भी ओली के बयान को लेकर तीखी प्रतिक्रिया देखी गई. कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने ओली के बयान पर कहा कि ऐसा लग रहा है कि उन्होंने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है या तो वह रट्टू तोते की तरह चीन द्वारा लिखी गई लाइन दोहरा रहे हैं.

सिंघवी ने अपने ट्वीट में नेपाल के नए मानचित्र को लेकर कहा कि पहले तो उन्होंने उन क्षेत्रों पर दावा किया, जिनपर नेपाल ने कभी दावा नहीं किया था. अब वह अयोध्या को लेकर नए दावे कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें : ओली पर भड़के सिंघवी, बताया 'चीनी कठपुतली,' अयोध्या में भी रोष

इसके अलावा अयोध्या में रहने वाले और राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य महंत दीनेंद्र दास ने ओली की आलेचना करते हुए कहा कि भगवान राम आयोध्या में सरयू नदी के तट पर पैदा हुए थे. भगवान राम अयोध्या के निवासी थे. यह सच है कि देवी सीता (राम की पत्नी) नेपाल की थीं. हालांकि, भगवान राम को लेकर किया गया यह दावा गलत है.

Last Updated : Jul 14, 2020, 8:39 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.