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बेंगलुरु में फंसे 73 वर्षीय ऑस्ट्रेलियाई ने मॉरिसन सरकार पर मुकदमा किया

भारत में पिछले साल मार्च से फंसे 73 वर्षीय ऑस्ट्रेलियाई नागरिक ने भारत से आने वाली उड़ानों पर प्रतिबंध लगाने के फैसले के खिलाफ सिडनी की अदालत में मुकदमा दायर किया है.

मॉरिसन
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Published : May 5, 2021, 7:51 PM IST

मेलबर्न : भारत में पिछले साल मार्च से फंसे 73 वर्षीय ऑस्ट्रेलियाई नागरिक ने भारत से आने वाली उड़ानों पर प्रतिबंध लगाने और वहां से देश में प्रवेश करने की कोशिश करने वालों पर मामला चलाने की धमकी देने को लेकर संघीय सरकार के खिलाफ सिडनी की अदालत में मुकदमा कर दिया है और सरकार के कदम को असंवैधानिक बताया है.

पिछले साल से बेंगलुरु में फंसे गैरी न्यूमन के वकीलों ने सिडनी की अदालत में दलील दी है कि प्रतिबंध असंवैधानिक है. ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने इतिहास में पहली बार, अपने उन नागरिकों पर वतन वापस लौटने पर रोक लगा दी है, जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया लौटने से पहले 14 दिन का समय भारत में बिताया है.

सरकार ने धमकी दी है कि ऐसे लोगों पर मुकदमा चलाया जाएगा और उन्हें पांच साल तक की कैद हो सकती है तथा उनपर 66,000 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर का जुर्माना लग सकता है.

माइकल ब्रैडली और क्रिस वार्ड ने बुधवार दोपहर को न्यायमूर्ति स्टेफन बुरले के समक्ष आवेदन दायर किया है.

एबीसी न्यूज़ ने खबर दी है कि आवेदन कहता है कि राष्ट्रमंडल ने अपने अधिकारों से बाहर जाकर कार्रवाई की है और स्वास्थ्य मंत्री ग्रेग हंट की घोषणा घर लौटने की स्वतंत्रता का उल्लंघन करती है.

वार्ड ने कहा कि न्यूमन बेंगलुरु में हैं और घर लौटना चाहते हैं लेकिन हंट की घोषणा की वजह से ऐसा नहीं कर सकते हैं.

बुरले ने आदेश दिया कि कार्यवाही तेज की जाए और सुनवाई की आधिकारिक तारीख अगले 24 से 48 घंटे में मुकर्रर की जाए.

पढ़ें - ट्रंप के फेसबुक अकाउंट का निलंबन सही, नहीं बहाल होगा खाता

हंट ने शनिवार को बयान जारी कर कहा था कि भारत से लौटने पर अस्थायी रूप से रोक लगाने की घोषणा राष्ट्रीय मंत्रिमंडल ने की है और भारत में कोविड-19 की खराब हालात को देखकर ऐसा किया गया है.

यह फैसला सोमवार से प्रभावी हो गया है और 15 मई को इसकी समीक्षा की जाएगी.

भारत कोरोना वायरस की दूसरी लहर से जूझ रहा है और पिछले एक हफ्ते से रोजाना कोरोना वायरस के तीन लाख से अधिक मामले आ रहे हैं.

मेलबर्न : भारत में पिछले साल मार्च से फंसे 73 वर्षीय ऑस्ट्रेलियाई नागरिक ने भारत से आने वाली उड़ानों पर प्रतिबंध लगाने और वहां से देश में प्रवेश करने की कोशिश करने वालों पर मामला चलाने की धमकी देने को लेकर संघीय सरकार के खिलाफ सिडनी की अदालत में मुकदमा कर दिया है और सरकार के कदम को असंवैधानिक बताया है.

पिछले साल से बेंगलुरु में फंसे गैरी न्यूमन के वकीलों ने सिडनी की अदालत में दलील दी है कि प्रतिबंध असंवैधानिक है. ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने इतिहास में पहली बार, अपने उन नागरिकों पर वतन वापस लौटने पर रोक लगा दी है, जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया लौटने से पहले 14 दिन का समय भारत में बिताया है.

सरकार ने धमकी दी है कि ऐसे लोगों पर मुकदमा चलाया जाएगा और उन्हें पांच साल तक की कैद हो सकती है तथा उनपर 66,000 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर का जुर्माना लग सकता है.

माइकल ब्रैडली और क्रिस वार्ड ने बुधवार दोपहर को न्यायमूर्ति स्टेफन बुरले के समक्ष आवेदन दायर किया है.

एबीसी न्यूज़ ने खबर दी है कि आवेदन कहता है कि राष्ट्रमंडल ने अपने अधिकारों से बाहर जाकर कार्रवाई की है और स्वास्थ्य मंत्री ग्रेग हंट की घोषणा घर लौटने की स्वतंत्रता का उल्लंघन करती है.

वार्ड ने कहा कि न्यूमन बेंगलुरु में हैं और घर लौटना चाहते हैं लेकिन हंट की घोषणा की वजह से ऐसा नहीं कर सकते हैं.

बुरले ने आदेश दिया कि कार्यवाही तेज की जाए और सुनवाई की आधिकारिक तारीख अगले 24 से 48 घंटे में मुकर्रर की जाए.

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हंट ने शनिवार को बयान जारी कर कहा था कि भारत से लौटने पर अस्थायी रूप से रोक लगाने की घोषणा राष्ट्रीय मंत्रिमंडल ने की है और भारत में कोविड-19 की खराब हालात को देखकर ऐसा किया गया है.

यह फैसला सोमवार से प्रभावी हो गया है और 15 मई को इसकी समीक्षा की जाएगी.

भारत कोरोना वायरस की दूसरी लहर से जूझ रहा है और पिछले एक हफ्ते से रोजाना कोरोना वायरस के तीन लाख से अधिक मामले आ रहे हैं.

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