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अमेरिका ने क्यूबा पर प्रतिबंध की निंदा वाले संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के खिलाफ वोट किया

अमेरिका ने क्यूबा पर अमेरिकी आर्थिक प्रतिबंध हटाने को लेकर पूर्ववर्ती डोनाल्ड प्रशासन के विरोध को बरकरार रखते रखा. इसके साथ ही 2016 में बराक ओबामा प्रशासन के प्रतिबंध हटाने के सुझाव को मानने से इनकार कर दिया.

संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव
संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव
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Published : Jun 24, 2021, 9:45 AM IST

संयुक्त राष्ट्र : अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र में बुधवार को पेश क्यूबा पर अमेरिकी प्रतिबंध की निंदा वाले प्रस्ताव के खिलाफ वोट किया. अमेरिका ने क्यूबा पर अमेरिकी आर्थिक प्रतिबंध हटाने को लेकर पूर्ववर्ती डोनाल्ड प्रशासन के विरोध को बरकरार रखते हुए और 2016 में बराक ओबामा प्रशासन के प्रतिबंध हटाने के सुझाव को मानने से इनकार कर दिया और 29वें साल भी क्यूबा पर आर्थिक प्रतिबंध जारी रखा है, जिसकी इस प्रस्ताव में घोर निंदा की गयी है.

193 सदस्यीय महासभा में 184 देशों ने निंदा प्रस्ताव का समर्थन किया है. अमेरका और इजराइल ने इसका विरोध किया है तथा ब्राजील, कोलंबो और यूक्रेन प्रक्रिया में शामिल नहीं हुए. चार देशों मध्य अफ्रीकी गणराज्य, म्यामां, मोलदोवा और सोमालिया ने वोट नहीं किया.

वोट से पहले अमेरिकी मिशन के राजनीतिक समन्वयक रोडनी हंटर ने महासभा को बताया कि जो बाइडेन प्रशासन ने प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया है, क्योंकि अमेरिका का मानना है कि क्यूबा में लोकतंत्र और मानवाधिकारों की बहाली में आर्थिक प्रतिबंध अहम हैं जो क्यूबा में हमारे नीतिगत प्रयासों का मूल है. उन्होंने कहा, ये सभी पाबंदियां आज के समय में भी जारी रहेंगी.

क्यूबा के विदेश मंत्री ब्रूनो रोड्रिगेज ने बाइडेन प्रशासन पर पूर्ववर्ती ट्रंप प्रशासन की नीतियों के अनुसरण का आरोप लगाया, जिनके कार्यकाल में क्यूबा पर आर्थिक, वाणिज्यिक एवं वित्तीय प्रतिबंधों को सख्त करने के साथ पर्यटन क्षेत्र को झटका देने के इरादे से अमेरिकी नागरिकों के क्यूबा की यात्रा पर पाबंदी लगायी गयी थी, जिसके कारण देश को करीब पांच अरब डॉलर का नुकसान हुआ.

(पीटीआई- भाषा)

संयुक्त राष्ट्र : अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र में बुधवार को पेश क्यूबा पर अमेरिकी प्रतिबंध की निंदा वाले प्रस्ताव के खिलाफ वोट किया. अमेरिका ने क्यूबा पर अमेरिकी आर्थिक प्रतिबंध हटाने को लेकर पूर्ववर्ती डोनाल्ड प्रशासन के विरोध को बरकरार रखते हुए और 2016 में बराक ओबामा प्रशासन के प्रतिबंध हटाने के सुझाव को मानने से इनकार कर दिया और 29वें साल भी क्यूबा पर आर्थिक प्रतिबंध जारी रखा है, जिसकी इस प्रस्ताव में घोर निंदा की गयी है.

193 सदस्यीय महासभा में 184 देशों ने निंदा प्रस्ताव का समर्थन किया है. अमेरका और इजराइल ने इसका विरोध किया है तथा ब्राजील, कोलंबो और यूक्रेन प्रक्रिया में शामिल नहीं हुए. चार देशों मध्य अफ्रीकी गणराज्य, म्यामां, मोलदोवा और सोमालिया ने वोट नहीं किया.

वोट से पहले अमेरिकी मिशन के राजनीतिक समन्वयक रोडनी हंटर ने महासभा को बताया कि जो बाइडेन प्रशासन ने प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया है, क्योंकि अमेरिका का मानना है कि क्यूबा में लोकतंत्र और मानवाधिकारों की बहाली में आर्थिक प्रतिबंध अहम हैं जो क्यूबा में हमारे नीतिगत प्रयासों का मूल है. उन्होंने कहा, ये सभी पाबंदियां आज के समय में भी जारी रहेंगी.

क्यूबा के विदेश मंत्री ब्रूनो रोड्रिगेज ने बाइडेन प्रशासन पर पूर्ववर्ती ट्रंप प्रशासन की नीतियों के अनुसरण का आरोप लगाया, जिनके कार्यकाल में क्यूबा पर आर्थिक, वाणिज्यिक एवं वित्तीय प्रतिबंधों को सख्त करने के साथ पर्यटन क्षेत्र को झटका देने के इरादे से अमेरिकी नागरिकों के क्यूबा की यात्रा पर पाबंदी लगायी गयी थी, जिसके कारण देश को करीब पांच अरब डॉलर का नुकसान हुआ.

(पीटीआई- भाषा)

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