वॉशिंगटन : अमेरिका ने अफगानिस्तान में लगातार बिगड़ते हालात के बीच अपने दो प्रमुख प्रतिद्वंद्वियों रूस और चीन से संपर्क किया है. बाइडेन प्रशासन द्वारा यह संपर्क ऐसे समय में किया जा रहा है, जब अमेरिका को इस बात का डर है कि तालिबान को अलग-थलग करने पर मॉस्को और बीजिंग दोनों में से कोई एक या दोनों एक अंतरराष्ट्रीय सहमति को बाधित कर सकते हैं.
अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने सोमवार को अपने चीनी और रूसी समकक्षों के साथ अफगानिस्तान के घटनाक्रमों पर चर्चा की है.
विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि अमेरिका द्वारा काबुल में अपना दूतावास खाली करने और शेष राजनयिकों को हवाई अड्डे पर स्थानांतरित करने के एक दिन बाद ब्लिंकन ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव को कॉल किया.
चीन ने हाल के हफ्तों में तालिबान के साथ काम करने में रुचि दिखाई है, जबकि अफगानिस्तान में रूस का अपना इतिहास रहा है.
चीन ने उम्मीद जताई है कि तालिबान अफगानिस्तान में खुली एवं समग्र इस्लामिक सरकार की स्थापना के अपने वादे को निभाएगा और बिना हिंसा एवं आतंकवाद के शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता हस्तांतरण सुनिश्चित करेगा.
अफगानिस्तान की सरकार गिरने के बाद चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने संवाददाताओं से बात करते हुए उम्मीद जताई कि तालिबान सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण के वादे को निभाएगा, अफगान नागरिकों और विदेशी राजदूतों की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी लेगा.
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अमेरिका समर्थित अफगान सरकार के गिरने के बाद तालिबान के आतंकवादियों ने रविवार को काबुल पर कब्जा कर लिया और राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर भाग गए. इससे अमेरिका एवं इसके सहयोगियों द्वारा युद्धगस्त देश में सुधार लाने के दो दशकों का प्रयास भी खत्म हो गया.
(पीटीआई-भाषा)