वाशिंगटन : अमेरिका के शीर्ष सांसदों ने वाशिंगटन डीसी में महात्मा गांधी की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त किए जाने को अपमानजनक बताया है और कहा कि ऐसी घटनाएं लोगों को साथ नहीं लाती हैं.
भारतीय दूतावास के सामने स्थित प्रतिमा को बुधवार को ग्राफिटी और स्प्रे पेंटिग के जरिए नुकसान पहुंचाया गया जिसके बाद दूतावास ने स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के समक्ष इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई.यह घटना मिनियापोलिस में 25 मई को पुलिस हिरासत में अफ्रीकी-अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के खिलाफ भड़के राष्ट्रव्यापी प्रदर्शनों के दौरान हुई.
ट्रंप अभियान ने घटना को अत्यंत निराशाजनक करार दिया है जबकि भारत में अमेरिका के राजदूत केनेथ जस्टर ने गांधी की प्रतिमा के अपमान पर माफी मांगी है.
अधिकारियों ने बताया कि यह घटना दो और तीन जून की दरम्यानी रात को हुई. सांसद मार्को रुबियो ने बृहस्पतिवार को कहा, 'अराजकता फैलाने या अपने किसी मकसद को पूरा करने के लिए हिंसक अतिवादियों और तुच्छ सनकियों द्वारा वैध प्रदर्शनों पर डाका डालने के और साक्ष्य सामने आए हैं.'
सांसद ने कहा भारतीय दूतावास के बाहर गांधी की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करने का प्रदर्शन के मकसद से कोई लेना-देना नहीं हैं.
वहीं उत्तर कैरोलीना के सांसद टॉम टिलिस ने कहा, 'डीसी में गांधी की प्रतिमा को हानि पहुंचता देखना अपमानजनक है.'
उन्होंने कहा, 'गांधी शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अगुआ हैं जिन्होंने दिखाया कि यह क्या बदलाव ला सकता है. दंगा, लूट और तोड़-फोड़ हमें साथ नहीं ला सकते.'
गांधी की क्षतिग्रस्त प्रतिमा को ढक दिया गया है और घटनास्थल को जल्द से जल्द साफ किए जाने के प्रयास जारी हैं. इस प्रतिमा का डिजाइन गौतम पाल ने तैयार किया था.
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विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, 'हम इस अपमानजनक कृत्य की निंदा करते हैं और स्थिति को सुधारने के लिए संबंधित अधिकारियों तथा भारतीय दूतावास के साथ काम कर रहे हैं.'
प्रेसिडेंट इंक के लिए डोनाल्ड ट्रंप की सलाहकार एवं ट्रंप विक्टरी फाइनेंस कमिटीज की राष्ट्रीय अध्यक्ष किंबरले गुइलफोयल ने ट्वीट किया, अत्यंत निराशाजनक.
राजदूत केनेथ जस्टर ने कहा, 'वाशिंगटन डीसी में गांधी की प्रतिमा को पहुंचाई गई हानि देखकर बहुत दुख हुआ। कृपया हमारी क्षमा स्वीकार करें.'
उन्होंने एक ट्वीट में कहा, 'जॉर्ज फ्लॉयड की दर्दनाक मौत के साथ ही भयंकर हिंसा एवं तोड़फोड़ से स्तब्ध हूं. हम किसी भी प्रकार के पूर्वाग्रह एवं भेदभाव के खिलाफ हैं। हम जल्द ही इससे उबरेंगे और बेहतर बनेंगे.'
वाशिंगटन डीसी में सरकारी भूमि पर चंद विदेशी नेताओं की प्रतिमा में से एक, गांधी की प्रतिमा को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की उपस्थिति में 16 सितंबर, 2000 को देश की यात्रा के दौरान समर्पित किया था.