वाशिंगटन : अमेरिका ने चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्यों और उनके परिवार के सदस्यों पर व्यापक यात्रा पाबंदियों की योजना बनाई है. एक खबर में यह जानकारी देते हुए कहा गया है कि यह कदम द्विपक्षीय तनाव को और बढ़ा सकता है.
न्यूयॉर्क टाइम्स ने बुधवार को सूत्रों के हवाले से कहा कि इस संबंध में राष्ट्रपति की घोषणा अभी मसौदे के रूप में है जिसमें अमेरिकी सरकार को देश में पहले से रह रहे कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) के सदस्यों और उनके परिजन के वीजा निरस्त करने का अधिकार भी मिल सकता है. इससे उन्हें देश छोड़ना पड़ सकता है.
हालांकि खबर की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
अगर अमेरिका इस तरह का कदम उठाता है तो दोनों बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच तनाव और बढ़ जाएगा जिनके बीच पहले ही कोरोना वायरस फैलने तथा हांगकांग में चीन के विवादास्पद सुरक्षा कानून लागू करने जैसे मुद्दों पर गतिरोध बना हुआ है.
ट्रंप प्रशासन ने चीन पर दुनिया को समय पर कोरोना वायरस महामारी के बारे में नहीं चेताने तथा इसके प्रकोप के बारे में जानकारी दबाने का आरोप लगाया है जिन्हें चीन ने खारिज कर दिया है.
हांगकांग की आजादी में खलल डालने के लिए भी अमेरिका ने चीन को आड़े हाथ लिया है.
न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर के अनुसार मसौदा कानून 2017 में ईरान, सूडान और यमन समेत कई मुस्लिम बहुल देशों पर यात्रा पाबंदी के लिए इस्तेमाल आव्रजन और नागरिकता कानून के कुछ विधानों पर आधारित है. यह अधिनियम राष्ट्रपति को ऐसे विदेशी नागरिकों की अमेरिका यात्रा पर अस्थाई रोक का अधिकार देता है जिन्हें अमेरिका के हितों के लिए नुकसानदायक माना जाता है.
हालांकि खबर में कहा गया है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप यात्रा पाबंदी के प्रस्ताव को खारिज भी कर सकते हैं.
इसमें यात्रा प्रतिबंध लागू करने में कुछ व्यावहारिक कठिनाइयों की ओर इशारा किया गया है. सीपीसी के 9.2 करोड सदस्य हैं.
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2018 में करीब 30 लाख चीनी नागरिकों ने अमेरिका का दौरा किया था, हालांकि कोरोना वायरस महामारी तथा चीन के अधिकतर यात्रियों पर मौजूदा पाबंदी के चलते यह संख्या कम हो गयी है.