लंदन : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाउस डेमोक्रेटस द्वारा उनके खिलाफ शुरू की गई महाभियोग जांच को रोकेने सुप्रीम कोर्ट जाने के संकेत दिए हैं.
उन्होंने यह बयान नाटो समिट में भाग लेने के लिए लंदन पहुंचने के बाद दिया.
ट्रंप ट्वीट करके कहा, 'अभी यूनाइटेड किंगडम में पहुंच गया हूं और नाटो समिट में भाग लेने के लिए लंदन जा रहा हूं. मैं उतरने से पहले महाभियोग पर ढकोसले की रिपब्लिकन की रिपोर्ट पढ़ा. अच्छा कार्य !' ट्रंप ने आगे लिखा कि प्रतिलिपि पढ़िए. कोई मामला नहीं है.
ट्रंप ने आगे लिखा, 'क्या हम इसे रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं?'
नाटो शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए जाते समय रास्ते में अमेरिकी राष्ट्रपति ने पहली बार महाभियोग पर सुनवाई करने वाली पहली न्यायपालिका समिति की बैठक के लिए हाउस डेमोक्रेट्स की खिंचाई की.
लंदन जाने से पहले ट्रंप ने कहा कि जब मैं नाटो में भाग लेने जा रहा था तभी डेमोक्रेट्स ने तय ने महाभियोग की सुनवाई की तारीख तय की. राष्ट्रपति के रुप में यह प्रमुख यात्राओं में से एक है.
डोनाल्ड ट्रंप या उनके वकील बुनियादी प्रक्रिया का पालन नहीं किए जाने और पारदर्शिता नहीं बरते जाने के कारण अमेरिकी राष्ट्रपति के खिलाफ सोमवार को महाभियोग की सुनवाई में हिस्सा नहीं लिया.
गौरतलब है कि ट्रंप पर आरोप हैं कि उन्होंने 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में संभावित प्रतिद्वंद्वी जो बाइडेन समेत अपने प्रतिद्वंद्वियों की छवि खराब करने के लिए यूक्रेन से गैरकानूनी रूप से मदद मांगी.
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ट्रंप की वकील पैट सिपोलोन ने प्रतिनिधि सभा में न्यायिक समिति के डेमोक्रेटिक अध्यक्ष जेरोल्ड नैडलर को रविवार को एक पत्र में आरोप लगाया कि जानबूझकर सुनवाई का समय ऐसे वक्त रखा गया है जब ट्रंप देश के बाहर होंगे .
उन्होंने पत्र में कहा, 'आपने जानबूझकर ऐसे वक्त सुनवाई शुरू करने का कार्यक्रम रखा है, जबकि आप भली भांति जानते हैं कि राष्ट्रपति लंदन में नाटो नेताओं की बैठक में शिरकत करने के लिए देश के बाहर होंगे.'
इसमें कहा गया 'आपको पता है कि यह आधारहीन और भेदभावपूर्ण जांच बुनियादी प्रक्रिया, निष्पक्षता के सभी मापदंडों का उल्लंघन करती है.'
इसमें कहा गया, 'हमसे सुनवाई में भाग लेने की उम्मीद नहीं की जा सकती जबकि अभी तक गवाहों के नाम भी नहीं बताए गए हैं और यह भी अस्पष्ट है कि क्या न्यायिक समिति अतिरिक्त सुनवाई के जरिए निष्पक्ष प्रक्रिया का पालन करेगी.'
पत्र में कहा गया, 'मौजूदा परिस्थितियों के मुताबिक बुधवार को होने वाली सुनवाई में भाग लेने का हमारा इरादा नहीं है.'
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सदन की न्यायिक समिति बुधवार को इस पर सुनवाई शुरू करेगी कि क्या जांच में शामिल किए गए सबूत 'राजद्रोह, घूस या अन्य उच्च अपराधों और खराब आचरण' के आधार पर संवैधानिक रूप से महाभियोग चलाने के मानकों को पूरा करते हैं.
राष्ट्रपति ट्रंप ने महाभियोग प्रक्रिया के बारे में कहा था कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है.