मिनियापोलिस : जॉर्ज फ्लॉयड की मौत और अन्य अश्वेत लोगों की हत्याओं के बाद अमेरिका में तनावपूर्ण विरोध न्यूयॉर्क से तुलसा पहुंचा और फिर लॉस एंजिल्स तक बढ़ गया.
इन हिंसक प्रदर्शनों के दौरान पुलिस की कारों में आग लगा दी गई. साथ ही कई लोगों के घायल होने की भी खबर है.
गौरतलब है, इससे पहले शनिवार को भी अमेरिका में पुलिस हिरासत में जॉर्ज फ्लॉयड नाम के एक अश्वेत व्यक्ति की हत्या के विरोध में हजारों लोगों ने लगातार चौथी रात मिनीपोलिस में कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए प्रदर्शन किया और पुलिस को वहां से बलपूर्वक हटाने की चुनौती दी.
इस बीच, प्रांत के गवर्नर ने शनिवार को स्वीकार किया कि अव्यवस्था को रोकने के लिये उनके पास पर्याप्त सुरक्षाकर्मी नहीं हैं.
यह अशांति अन्य शहरों में भी फैल गई है. अशांति का नया दौर मिनेसोटा के गवर्नर टिम वाल्ज के शुक्रवार को यह संकल्प लेने के बावजूद शुरू हुआ कि वह पहले की तुलना में कहीं अधिक कठोर कार्रवाई करेंगे. वाल्ज ने कहा कि उनके पास पर्याप्त संख्या में सैनिक नहीं हैं.
वाल्ज ने कहा, 'हमारे पास (सुरक्षाकर्मियों की पर्याप्त) संख्या नहीं है. हम स्थिति को काबू में करने के लिए लोगों को गिरफ्तार भी नहीं कर सकते हैं.'
वाल्ज़ ने कहा कि वह सुरक्षाकर्मियों की कुल संख्या 1,700 करने के लिए 1,000 से अधिक गार्ड सदस्यों को जुटाने के लिए तेजी से आगे बढ़ रहे हैं और संघीय सैन्य पुलिस की संभावित पेशकश पर विचार कर रहे हैं लेकिन उन्होंने चेतावनी दी कि यह भी पर्याप्त संख्या नहीं होगी. उन्होंने कहा कि शनिवार को एक और मुश्किल रात होगी.
इस बीच, पेंटागन ने शनिवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अनुरोध पर सेना को बहुत कम समय के नोटिस पर सैन्य पुलिस इकाइयों को जाने के लिये तैयार रहने का आदेश दिया.
आदेश की जानकारी रखने वाले तीन व्यक्तियों ने यह बात कही. हालांकि, उन्होंने अपनी पहचान जाहिर नहीं की.
यह अप्रत्याशित कदम अमेरिका के अन्य शहरों में भी हिंसा फैलने, डेट्रॉयट में एक व्यक्ति को गोली मारे जाने, अटलांटा में पुलिस वाहन पर हमला होने और न्यूयॉर्क पुलिस के साथ झड़प होने के बाद उठाया.
श्वेत अधिकारी के खिलाफ शुक्रवार सुबह आपराधिक मामला दर्ज किया गया जिसने नौ मिनट तक अश्वेत व्यक्ति फ्लॉयड के गले को घुटनों से दबाया था. हालांकि, इससे भी लोगों का गुस्सा शांत नहीं हुआ है. अधिकारी डेरेक चाउविन (44) पर थर्ड डिग्री हत्या और मानव वध का मामला दर्ज किया गया.
मिनीपोलिस पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने कानून प्रवर्तन अधिकारियों पर गोलीबारी की, लेकिन कोई घायल नहीं हुआ है.
बीती रात प्रदर्शन के दौरान शहर के दक्षिणी इलाकों में आगजनी की गई और जापानी रेस्तरा, फर्गों बैंक और ऑफिस डिपो सहित कई स्थानों पर आगजनी की गई. कई घंटों तक इन स्थानों पर आग की लपटें दिखाई दीं और एक बार फिर अग्निशमन कर्मी देर से पहुंचे.
मध्यरात्रि से पहले कुछ अधिकारी पैदल ही हिंसा प्रभावित स्थानों पर पहुंचे .
इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप ने मिनीपोलिस के प्रदर्शनकारियों को ठग बताने वाले बयान पर हुई किरकिरी के बाद सफाई दी है. उन्होंने कहा कि उनके बयान को गलत समझा गया.
फिनिक्स, डेनवर, लास वेगास, लॉस एंजिलिस और कई अन्य शहरों में हजारों प्रदर्शनकारियों के हाथों में पोस्टर थे जिन पर लिखा था, 'उसने कहा, मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं. जॉर्ज के लिए न्याय.' उन्होंने नारे लगाए, 'न्याय नहीं, शांति नहीं' और कहा, 'उसका नाम पुकारो. जॉर्ज फ्लॉयड.'
अटलांटा में शांतिपूर्ण प्रदर्शन के कुछ घंटे बाद, कुछ प्रदर्शनकारी अचानक हिंसक हो गए, पुलिस की कार तोड़ने लगे, एक कार को आग लगा दी, सीएनएन मुख्यालय में प्रतीकात्मक लोगों के चिह्न को स्प्रे से पेंट कर दिया और एक रेस्तरां में घुस आए. भीड़ ने अधिकारियों पर बोतलें फेंकी और नारे लगाए, 'नौकरी छोड़ो.'
इस बीच, डेट्रॉयट में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर एसयूवी में बैठे किसी शख्स ने गोलियां चलाई जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई.
ट्रंप के ट्वीट 'जब लूट शुरू होती है तब गोली चलती है’, को ट्विटर ने हिंसा का बढ़ावा देने वाले मानते हुए हटा दिया था. ट्रम्प ने बाद में कहा कि उनके बयान को गलत संदर्भ में लिया गया. उनका बस यह कहना था कि जब लूटपाट होती है तो लोगों को गोली लगती है और उनकी मौत होती है.
डेट्रॉयट के पुलिस प्रवक्ता सार्जेंट निकोल किर्कवुड ने बताया कि हत्या शुक्रवार देर रात 11 बजे 30 मिनट पर डेट्रॉयट के नजदीक ग्रीकटाउन में हुई. उन्होंने कहा कि इस गोलीबारी में कोई पुलिसकर्मी शामिल नहीं है.
किर्कवुड ने बताया कि गोली से 19 वर्षीय युवक की मौत हुई है. उन्होंने कहा कि तत्काल गोली चलाने वाली की जानकारी नहीं मिली है.