वॉशिंगटन : अमेरिका में पूर्ववर्ती बराक ओबामा सरकार में राजनयिक रहीं एलिसा आयरेस ने अमेरिकी सांसदों से कहा कि पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में यथास्थिति बदलने के लिए आतंकवादी समूहों का सहारा लिया, जिससे वहां शांति की हर कोशिश कमजोर हुई और मानवाधिकार पर नकारात्मक असर पड़ा.
विदेश संबंध परिषद में भारत, पाकिस्तान और दक्षिण एशिया संबंधी मामलों की विशेषज्ञ आयरेस ने प्रतिनिधि सभा में विदेश मामलों की समिति के तहत एशिया, प्रशांत और परमाणु अप्रसार उपसमिति से सोमवार को कहा कि कश्मीर में स्थिति जटिल और दुखद है.
आयरेस ने कहा कि इस बात के लिखित दस्तावेज हैं कि पाकिस्तान के आतंकवादी कश्मीर में सक्रिय रहे हैं. कश्मीर के लोग और भारत सरकार सीमा सुरक्षा सुनिश्चित करने को लेकर इस क्षेत्र में आतंकवाद की कड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है.
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उन्होंने आगे कहा कि आतंकवाद ने पिछले दो दशक में किए गए शांति के सभी प्रयासों को क्षीण किया है और इसके कारण यहां असुरक्षा का माहौल बना हुआ है. मैं यहां लंबे समय से पीड़ित कश्मीरी पंडितों का उल्लेख करना चाहूंगी, जिन्हें 90 के दशक में आतंकवाद के शुरुआती साल में अपने घरों से खदेड़ दिया गया था.
आयरेस ने कहा कि भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से निपटने के लिए अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को पिछले साल खत्म किया. इसके बाद भारी संख्या में वहां सैनिकों की तैनाती हुई. संपर्क के माध्यम और इंटरनेट बंद हुए. इसके साथ ही कश्मीरी नेताओं को हिरासत में लिया गया. एक साल से ज्यादा हो गया है लेकिन वहां अब भी स्थिति में सुधार नहीं दिख रहा.