सियोल: उत्तर कोरिया ने अमेरिका को परमाणु वार्ता को लेकर चेतावनी दी है. कोरिया का कहना है कि जब तक अमेरिका एक नया दृष्टिकोण नहीं अपनाता है, परमाणु वार्ता फिर से शुरू नहीं होगी. इसके साथ ही कोरिया ने अमेरिका को फरवरी में हुए हनोई शिखर सम्मेलन के पतन का दोषी भी ठहराया.
बता दें, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन के बीच हुई दूसरी मुलाकात बेनतीजा रही. दोनों ही देश प्रतिबंधों से राहत पाने के समझौते पर तैयार नहीं हो सके. कोरिया अपने प्रतिबंधित परमाणु हथियारों और बैलिस्टिक प्रोग्राम रोकने के लिए तैयार नहीं हुआ है.
खबरों की मानें तो ट्रंप ने किम को अपनी मांगों की एक लिखित सूची दी है. वहीं, प्योंगयांग ने वाशिंगटन पर नाटक करने का आरोप लगाया और कहा कि अमेरिका इस साल के अंत तक अपना दृष्टिकोण बदले.
कोरिया की तरफ से कहा गया है कि जब तक अमेरिका कोई नया तरीका नहीं निकालता है तब तक परमाणु मुद्दे को सुलझाने को लेकर कोई बातचीत नहीं होगी और इससे उम्मीद कम हो जाएगी.
आधिकारिक समाचार एजेंसी केसीएनए ने की तरफ बयान आया कि अमेरिका परमाणु निरस्त्रीकरण की जो मांग है उन पर स्थिति साफ करे. कोरिया ने साल के अंत तक अमेरिका अपना रूख साफ करे.
वहीं अमेरिका का कहना है कि कोरिया निरस्त्रीकरण कदमों के बदले में प्रतिबंधों में ज्यादा छूट की मांग कर रहा है.
बता दें, यह रिपोर्ट प्योंगयांग द्वारा संयुक्त राष्ट्र से अमेरिका द्वारा जब्त जहाज वापस लाने में तत्काल उपाय की मांग के एक हफ्ते बाद आई है. यूएस ने प्रतिबंधों के उल्लंघन का हवाला देकर कोरियाई जहाज जब्त कर लिया था. रिपोर्ट में इसे भी जघन्य कृत्य बताया है.
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कोरियाई विदेश मंत्रालय ने इसे सिंगापुर शिखर सम्मेलन में ट्रम्प और किम के बीच हुई मुलाकात में हुए समझौते के खिलाफ बताया है.
इससे पहले इस महीने की शुरुआत में कोरिया ने भी कई छोटी दूरी की मिसाइलों को लॉन्च करके यूएस पर दबाव बनाने की कोशिश की थी, यह साल भर के भीतर इस तरह का पहला परीक्षण था.