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नासा ने अंतरिक्ष में अनुसंधान के लिए हवाई से भेजा स्क्विड

नासा के एक अभियान के तहत हवाई से कई स्क्विड को अध्ययन के लिए अंतरिक्ष ले जाया गया है. इससे पहले यूनिवर्सिटी ऑफ हवाई के केवालो मरीन प्रयोगशाला में एक छोटा बॉबेल स्क्विड तैयार किया गया था.

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Published : Jun 22, 2021, 12:58 PM IST

Updated : Jun 22, 2021, 1:53 PM IST

होनोलूलू (अमेरिका) : नासा के एक अभियान के तहत हवाई से कई स्क्विड को अध्ययन के लिए अंतरिक्ष ले जाया गया है. स्क्विड प्राणी विज्ञान (squid zoology) के सेफलोपोड्स समूह (cephalopods group) से आता है, जो कैटलफिश से मिलता जुलता जीव है. खारे पानी में पाए जाने वाले ये दिलचस्प जीव हैं. वे अंधेरे में चमकते हैं, अत: उन्हें जीवदीप्ति कहा जाता है.

इससे पहले यूनिवर्सिटी ऑफ हवाई (University of Hawaii) के केवालो मरीन प्रयोगशाला (kewalo marine laboratory) में एक छोटा बॉबेल स्क्विड तैयार किया गया था, लेकिन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (International Space Station) के स्पेस एक्स पुन:आपूर्ति अभियान पर इस महीने की शुरुआत में अंतरिक्ष में उसमें विस्फोट हो गया.

होनोलूलू स्टार-एडवरटाइजर की सोमवार की खबर के अनुसार, अनुसंधानकर्ता जेमी फोस्टर इस बात का अध्ययन कर रही हैं कि लंबे अंतरिक्ष मिशनों के दौरान मानव स्वास्थ्य को मजबूत करने की उम्मीद में स्पेसफ्लाइट स्क्विड को कैसे प्रभावित करता है. फोस्टर ने यूनिवर्सिटी ऑफ हवाई से डॉक्टरेट किया है.

पढ़ें- यूएस चैंबर्स ने एच-1बी कोटा दोगुना करने की मांग की

स्क्विड का प्राकृतिक बैक्टीरिया से सहजीवी संबंध होता है, जो उनकी जीवदीप्ति को नियंत्रित करने में मदद करते हैं. यूनिवर्सिटी ऑफ हवाई की प्रोफेसर मारग्रेट मैकफॉल-नगई ने कहा, जब अंतरिक्षयात्री बेहद कम गुरुत्वाकर्षण में रहते हैं तब सूक्ष्म जीवों के साथ उनके शरीर का संबंध बदल जाता है. फोस्टर ने 1990 के दशक में मारग्रेट मैकफॉल-नगई के नेतृत्व में अध्ययन किया है.

मैकफॉल-नगई ने कहा, हमने पाया कि अल्प गुरुत्वाकर्षण में मनुष्यों का उनके जीवाणुओं के साथ सहजीवन गड़बड़ा जाता है और जेमी ने यह दिखाया है कि स्क्विड के मामले में यह सच है. फोस्टर वर्तमान में नासा के एक कार्यक्रम के लिए फ्लोरिडा में प्रोफेसर और प्रधान जांचकर्ता हैं. कार्यक्रम के तहत अनुसंधानकर्ता इस बात का पता लगा रहे हैं कि कैसे अल्प गुरुत्वाकर्षण जीवों और जीवाणुओं के बीच संबंध को प्रभावित करता है.

(एपी)

होनोलूलू (अमेरिका) : नासा के एक अभियान के तहत हवाई से कई स्क्विड को अध्ययन के लिए अंतरिक्ष ले जाया गया है. स्क्विड प्राणी विज्ञान (squid zoology) के सेफलोपोड्स समूह (cephalopods group) से आता है, जो कैटलफिश से मिलता जुलता जीव है. खारे पानी में पाए जाने वाले ये दिलचस्प जीव हैं. वे अंधेरे में चमकते हैं, अत: उन्हें जीवदीप्ति कहा जाता है.

इससे पहले यूनिवर्सिटी ऑफ हवाई (University of Hawaii) के केवालो मरीन प्रयोगशाला (kewalo marine laboratory) में एक छोटा बॉबेल स्क्विड तैयार किया गया था, लेकिन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (International Space Station) के स्पेस एक्स पुन:आपूर्ति अभियान पर इस महीने की शुरुआत में अंतरिक्ष में उसमें विस्फोट हो गया.

होनोलूलू स्टार-एडवरटाइजर की सोमवार की खबर के अनुसार, अनुसंधानकर्ता जेमी फोस्टर इस बात का अध्ययन कर रही हैं कि लंबे अंतरिक्ष मिशनों के दौरान मानव स्वास्थ्य को मजबूत करने की उम्मीद में स्पेसफ्लाइट स्क्विड को कैसे प्रभावित करता है. फोस्टर ने यूनिवर्सिटी ऑफ हवाई से डॉक्टरेट किया है.

पढ़ें- यूएस चैंबर्स ने एच-1बी कोटा दोगुना करने की मांग की

स्क्विड का प्राकृतिक बैक्टीरिया से सहजीवी संबंध होता है, जो उनकी जीवदीप्ति को नियंत्रित करने में मदद करते हैं. यूनिवर्सिटी ऑफ हवाई की प्रोफेसर मारग्रेट मैकफॉल-नगई ने कहा, जब अंतरिक्षयात्री बेहद कम गुरुत्वाकर्षण में रहते हैं तब सूक्ष्म जीवों के साथ उनके शरीर का संबंध बदल जाता है. फोस्टर ने 1990 के दशक में मारग्रेट मैकफॉल-नगई के नेतृत्व में अध्ययन किया है.

मैकफॉल-नगई ने कहा, हमने पाया कि अल्प गुरुत्वाकर्षण में मनुष्यों का उनके जीवाणुओं के साथ सहजीवन गड़बड़ा जाता है और जेमी ने यह दिखाया है कि स्क्विड के मामले में यह सच है. फोस्टर वर्तमान में नासा के एक कार्यक्रम के लिए फ्लोरिडा में प्रोफेसर और प्रधान जांचकर्ता हैं. कार्यक्रम के तहत अनुसंधानकर्ता इस बात का पता लगा रहे हैं कि कैसे अल्प गुरुत्वाकर्षण जीवों और जीवाणुओं के बीच संबंध को प्रभावित करता है.

(एपी)

Last Updated : Jun 22, 2021, 1:53 PM IST
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