वॉशिगंटन : अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने देश में कोविड-19 टीकाकरण की धीमी होती दर पर निराशा जताई है और अमेरिकियों से टीका लगाने का अनुरोध करते हुए कहा कि वायरस के मामले फिर से बढ़ने के मद्देनजर तेजी से टीकाकरण व्यापक रूप से महत्त्वपूर्ण है. बता दें सिनसिनाटी में बुधवार को टेलीविजन पर प्रसारित टाउन हॉल में उन्होंने कहा कि जन स्वास्थ्य संकट मुख्यत टीका नहीं लगवाने वालों की दुर्दशा में तब्दील हो गया है क्योंकि डेल्टा स्वरूप देशभर में संक्रमणों के बढ़ने का कारण बन रहा है.
उन्होंने सीएनएन टाउनहॉल में कहा, वैश्विक महामारी उन लोगों के लिए है, जिन्होंने टीका नहीं लगवाया है- बात बस इतनी सी है, साधारण सी है. राष्ट्रपति ने यह भी आशा व्यक्त की कि आने वाले महीनों में 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को टीकाकरण के लिए मंजूरी दे दी जाएगी, लेकिन उन्होंने इस बात पर नाराजगी जताई कि इतने सारे पात्र अमेरिकी अब भी टीका लगवाने के लिए अनिच्छुक हैं.
कोविड-19 के मामले लगभग तीन गुना बढ़ गए
बाइडेन ने कहा, अगर आपने टीका लगवाया है तो आपको अस्पताल में भर्ती होने की नौबत नहीं आएगी. आपको आईसीयू नहीं जाना पड़ेगा और आप मरेंगे नहीं, उन्होंने कहा, इसलिए यह बड़े पैमाने पर आवश्यक है कि...हम सभी उन अमेरिकियों की तरह पेश आएं जिन्हें अपने साथी देशवासियों की चिंता है. अमेरिका में कोविड-19 के कारण अस्पताल पहुंच रहे और मरने वाले लगभग सभी वे लोग हैं जिन्हें टीका नहीं लगा है, लेकिन टीके संबंधी गलत सूचनाओं के अचानक प्रसार के बीच करीब दो हफ्तों में कोविड-19 के मामले लगभग तीन गुना बढ़ गए हैं.
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टीकाकरण व्यापक रूप से महत्त्वपूर्ण
स्वास्थ्य अधिकारियों ने डेल्टा स्वरूप और टीकाकरण की धीमी गति को इसका जिम्मेदार बताया है. रोग नियंत्रण एवं बचाव केंद्र के मुताबिक महज 56.2 प्रतिशत अमेरिकियों को टीके की कम से कम एक खुराक लगी है. अपने आर्थिक एजेंडा के लिए समर्थन जुटाने की कोशिश में ओहायो पहुंचे बाइडेन ने टाउन हॉल से पहले एक केंद्रीय प्रशिक्षण केंद्र का दौरा किया. यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब उनके अवसंरचना प्रस्ताव का भाग्य स्पष्ट नहीं है क्योंकि सीनेट में रिपब्लिकनों ने बुधवार को प्रमुख मतदान में एक हजार अरब डॉलर की योजना को खारिज कर दिया. सांसद जहां कैपिटल हिल पर उक्त प्रस्ताव के ब्योरों पर मंथन कर रहे हैं, वहीं बाइडन का तर्क है कि उनका चार हजार अरब डॉलर का पैकेज मध्यम वर्ग के पुनरुत्थान और देश के आर्थिक विकास को बरकरार रखने के लिए जरूरी है.