न्यूयॉर्क/नई दिल्ली : अमेरिका के व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अध्यक्षता में अमेरिकी नागरिकता की शपथ लेने वाली भारत की सॉफ्टवेयर डेवलपर ने कहा है कि उन्हें नहीं पता था कि इस कार्यक्रम को रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान प्रसारित किया जा रहा है. महिला ने कहा कि उन्होंने 'कभी सपने में भी नहीं सोचा था' कि ऐसा कुछ होगा. मीडिया में आई एक खबर में यह बात सामने आई है.
न्यूयॉर्क टाइम्स ने खबर दी कि 35 वर्षीय सुधा सुंदरी नारायणन ने कहा व्हाइट हाउस में शपथ लेने वाले आव्रजकों को नहीं बताया गया था कि उन्हें नागरिकता दिए जाने के कार्यक्रम को मंगलवार को सम्मेलन के दौरान प्रसारित किया गया.
नारायणन ने कहा, 'मैं अचंभित एवं उत्साहित थी'
खबर में कहा गया कि नारायणन ने कहा कि उनकी ट्रंप की आव्रजन नीतियों को लेकर कोई राय नहीं है और कहा कि उन्हें समारोह के रिपब्लिकन सम्मेलन में प्रसारित किए जाने की जानकारी उस वक्त हुई 'जब उनके एक उत्साहित दोस्त ने उस रात उन्हें फोन कर बताया कि वह टीवी पर दिख रही हैं'
खबर में नारायणन के हवाले से कहा गया, 'मैंने ऐसा कुछ होने का कभी सपना नहीं देखा था. मैं बहुत ही साधारण महिला हूं जो अपने परिवार को चलाने की कोशिश कर रही है.'
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के साथ कार्यक्रम 'बेहद गर्मजोशी से भरा और स्वागत करने वाला था. मैंने उनसे कहा कि उनसे मुलाकात करना बहुत सम्मान की बात है.'
खबर में बताया गया कि नारायणन 2007 में अपने पति के साथ अमेरिका आईं थीं, जो छात्र वीजा पर यहां आए थे.
इसमें बताया कि वह एफ2 वीजा पर अमेरिका आईं थी जो अमेरिकी कॉलेजों में पढ़ रहे विदेशी विद्यार्थियों के साथियों और आश्रितों को अमेरिका में अस्थायी रूप से रहने की इजाजत देता है.
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नारायणन के दो बच्चों का जन्म अमेरिका में हुआ है और उन्होंने 2013 में कानूनी स्थायी निवास हासिल किया था. उन्होंने कहा कि उन्होंने नागरिकता की परीक्षा दी और व्हाइट हाउस में समारोह को लेकर फोन आने से एक हफ्ते पहले ही उन्होंने जरूरी साक्षात्कार दिया था.
नागरिकता दिए जाने (देशीकरण) के कार्यक्रम की अध्यक्षता व्हाइट हाउस में ट्रंप ने की जहां नारायणन और बोलिविया, लेबनान, सूडान और घाना के चार आव्रजकों को अमेरिकी नागरिक के तौर पर शपथ दिलाई गई.