ETV Bharat / international

उदारीकरण, संरचनात्मक सुधारों से मिलेगी मदद: आईएमएफ - कोविड 19 महामारी

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने सोमवार को कहा कि संरचनात्मक सुधारों और उदारीकरण से भारत के वैश्विक मूल्य श्रृंखला के साथ एकीकरण को और मजबूत किया जा सकता है. साथ ही इससे महामारी बाद के पुनरुद्धार में भी मदद मिल सकती है.

उदारीकरण
उदारीकरण
author img

By

Published : Oct 18, 2021, 7:32 PM IST

वाशिंगटन : आईएमएफ-एसटीआई क्षेत्रीय प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक और आईएमएफ इंडिया मिशन के पूर्व प्रमुख अल्फ्रेड शिपके ने कहा कि कोविड-19 महामारी के बावजूद भारत ने सबसे अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आकर्षित किया.

उन्होंने एक साक्षात्कार में बताया कि संरचनात्मक सुधारों के साथ ही निवेश उदारीकरण की दिशा में आगे और प्रयासों से वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं के साथ भारत के एकीकरण और महामारी से उबरने में मदद मिल सकती है.

शिपके ने कहा कि भारत ने हाल के वर्षों में कृषि, रक्षा, दूरसंचार सेवाओं और बीमा क्षेत्र में एफडीआई को अधिक उदार बनाने की नीति अपनाई, जिससे विदेशी निवेश आकर्षित करने में मदद मिली. उन्होंने कहा कि इससे आगे अब जैव प्रौद्योगिकी, रक्षा, डिजिटल मीडिया और फार्मास्युटिकल जैसे क्षेत्रों में एफडीआई को उदार बनाकर और प्रगति की जा सकती है.

उन्होंने कहा कि इन प्रयासों को संरचनात्मक सुधारों द्वारा मजबूत करना चाहिए. इनमें भूमि सुधार, श्रम सुधार और अन्य सुधार शामिल हैं. उन्होंने नियामकीय ढांचे और कानून के शासन में पारदर्शिता को बढ़ावा देने और सार्वजनिक जवाबदेही पर भी जोर दिया.

शिपके ने कहा कि मौजूदा स्वास्थ्य संकट से निपटने के लिए वैक्सीन के साथ ही कोविड-19 से लड़ने के लिए लगातार समन्वित नीतिगत प्रतिक्रिया महत्वपूर्ण है.

आईएमएफ ने भारत पर अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र को वित्तीय संसाधन मुहैया कराना और सबसे कमजोर लोगों को सामाजिक सहायता देना भी महत्वपूर्ण है. उन्होंने कमजोर और कम आय वाले देशों को कोविड-19 के टीके उपलब्ध कराने की भारत की प्रतिबद्धता का स्वागत भी किया.

(पीटीआई-भाषा)

वाशिंगटन : आईएमएफ-एसटीआई क्षेत्रीय प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक और आईएमएफ इंडिया मिशन के पूर्व प्रमुख अल्फ्रेड शिपके ने कहा कि कोविड-19 महामारी के बावजूद भारत ने सबसे अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आकर्षित किया.

उन्होंने एक साक्षात्कार में बताया कि संरचनात्मक सुधारों के साथ ही निवेश उदारीकरण की दिशा में आगे और प्रयासों से वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं के साथ भारत के एकीकरण और महामारी से उबरने में मदद मिल सकती है.

शिपके ने कहा कि भारत ने हाल के वर्षों में कृषि, रक्षा, दूरसंचार सेवाओं और बीमा क्षेत्र में एफडीआई को अधिक उदार बनाने की नीति अपनाई, जिससे विदेशी निवेश आकर्षित करने में मदद मिली. उन्होंने कहा कि इससे आगे अब जैव प्रौद्योगिकी, रक्षा, डिजिटल मीडिया और फार्मास्युटिकल जैसे क्षेत्रों में एफडीआई को उदार बनाकर और प्रगति की जा सकती है.

उन्होंने कहा कि इन प्रयासों को संरचनात्मक सुधारों द्वारा मजबूत करना चाहिए. इनमें भूमि सुधार, श्रम सुधार और अन्य सुधार शामिल हैं. उन्होंने नियामकीय ढांचे और कानून के शासन में पारदर्शिता को बढ़ावा देने और सार्वजनिक जवाबदेही पर भी जोर दिया.

शिपके ने कहा कि मौजूदा स्वास्थ्य संकट से निपटने के लिए वैक्सीन के साथ ही कोविड-19 से लड़ने के लिए लगातार समन्वित नीतिगत प्रतिक्रिया महत्वपूर्ण है.

आईएमएफ ने भारत पर अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र को वित्तीय संसाधन मुहैया कराना और सबसे कमजोर लोगों को सामाजिक सहायता देना भी महत्वपूर्ण है. उन्होंने कमजोर और कम आय वाले देशों को कोविड-19 के टीके उपलब्ध कराने की भारत की प्रतिबद्धता का स्वागत भी किया.

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.