वॉशिंगटन : अमेरिका देश में संचालित होने वाली भारतीय कंपनियों और काम करने के इच्छुक भारतीयों के लिए प्रसिद्ध एच-1बी वीजा के निलंबन पर विचार कर रहा है.
बता दें इस साल के अंत तक वीजा निलंबित किया जा सकता है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना के प्रकोप से जूझ रहा अमेरिका देश के श्रमिकों को काम देने और देश से बेरोजगारी खत्म करने की ओर कदम बढ़ाते हुए इस बात पर विचार कर रहा है.
फेडरेशन फॉर अमेरिकन इमिग्रेशन रिफॉर्म (एफएआईआर) के सरकारी संबंधों के निदेशक आरजे हाउमन ने कहा, आप इसे कैसे भी देखें, लेकिन यह महत्वपूर्ण घड़ी में अमेरिकी कामगारों की बड़ी जीत है.
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जानकारी के मुताबिक यदि इसपर हस्ताक्षर किए जाते हैं तो यह कदम अमेरिका में इस साल की शुरुआत और कोरोना के दौर के बाद से वीजा से संबंधित पहला प्रतिबंध होगा.
मई में, ट्रंप ने नए ग्रीन कार्ड पर एक अस्थायी रोक लगा दी थी.
इस आदेश से पहले ही व्यापार उद्योंगों, विश्वविद्यालयों के साथ-साथ विदेशी श्रमिकों पर निर्भर लोगों की चिंताएं बढ़ा दी हैं.
2018 में ट्रंप प्रशासन ने पहली बार देश में H-1बी वीजा पर देश में मौजूद कुछ कंपनियों के लिए नियम कड़े किए थे. यह वीजा खुद विवादास्पद हो गए हैं.
गौरतलब है कि इस वीजा के निलंबन से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले देशों की कड़ी में भारत इसलिए भी शामिल है क्योंकि भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी पेशेवर इस वीजा की मांग सबसे ज्यादा करने वालों में से हैं.
क्या है H-1 B वीजा ?
H-1 B वीजा एक गैर आव्रजन वीजा है. यह अमेरिकी कंपनियों को विदेशी कर्मचारियों की नियुक्ति करने की सुविधा प्रदान करता है. यह खासतौर से प्रौद्योगिकी विशेषज्ञता वाले कामों में वीजा प्रदान करने की सुविधा देता है.