हैदराबादः अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने नवंबर के राष्ट्रपति चुनाव को स्थगित करने की अपील की है. उन्होंने कहा है कि डाक से मतदान कराए जाने पर धोखाधड़ी की संभावना है और इसके गलत परिणाम भी आ सकते हैं.
- हालांकि ट्रम्प अकेले चुनाव को रद्द करने या स्थगित करने का निर्णय नहीं ले सकते. आपको बता दें कि राष्ट्रीय आपातकाल, आपदा की घोषणा या मार्शल लॉ की स्थिति में भी राष्ट्रपति को चुनाव रद या स्थगित करने का अधिकार नहीं है.
- केवल कांग्रेस का अधिनियम ही वर्तमान संघीय क़ानून में परिवर्तन करने के लिए मतदान की तारीख को बदल सकता है.
- डोनाल्ड ट्रम्प बिना कांग्रेस की सहमति के नवंबर के राष्ट्रपति चुनाव की तारीख को आगे नहीं बढ़ा सकता.
क्या ट्रम्प को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव स्थगित करने का अधिकार है
- संविधान कहता है कि कांग्रेस के पास चुनाव की तारीख तय करने का अधिकार हैं. तारीख तय हो जाने के बाद यही तारीख पूरे अमेरिका में लागू हो जाएगी.
- 1845 से लागू इस कानून के तहत अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव हर चार साल में नवंबर के पहले सोमवार के बाद मंगलवार के लिए तय है. इस बार चुनाव की तारीख 3 नवंबर तय है. इस तारीख को बदलने के लिए कांग्रेस का एक अधिनियम लाना होगा और दोनों सदन हाउस और सीनेट से इसे पास कराना होगा.
- वर्तमान में रिपब्लिकन सीनेट में बहुमत रखते हैं, जबकि डेमोक्रेट हाउस में बहुमत रखते हैं. दोनों पक्षों को किसी एक मुद्दे पर सहमत कराना काफी मुश्किल है.
- भले ही चुनाव की तारीख बदल दी जाए लेकिन अमेरिकी संविधान यह कहता है कि राष्ट्रपति और मंत्रिमंडल के लिए चुनाव की अवधि चार साल तक सीमित है.
- इसलिए मान लीजिए कि ट्रंप ने 20 जनवरी 2017 को राष्ट्रपति का पदभार संभाला था तो उन्हें चुनाव की तारीख बढ़ाने के बावजूद उन्हें 20 जनवरी 2021 को इस पद को छोड़ देना होगा.
- संविधान से मिले अधिकारों का उपयोग कांग्रेस ने पहले भी किया है. 1948 में अधिनियमित एक कानून यह कहता है कि हर चार साल में नवंबर में पहले सोमवार के बाद मंगलवार को हर राज्य में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के निर्वाचकों की नियुक्ति की जाएगी.
पोस्टल वोटिंग का मुद्दा क्या है
- 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में लगभग एक चौथाई वोट पोस्ट द्वारा डाले गए थे, और इस बार यह संख्या बढ़ने की उम्मीद है.
- अमेरिका के हर राज्य में संघीय चुनावों के लिए मतदान के नियम अलग-अलग हैं. इसबार सभी राज्य डाक मतदान के जरिए चुनाव कराने के पक्ष में है ताकि पोलिंग बूथ पर चुनाव के दिन भीड़-भाड़ न हो.
- अमेरिका के छह राज्य इस नवंबर में पूरी तरह से डाक से मतदान कराना चाहते हैं. ये छह राज्य हैं कैलिफोर्निया, यूटा, हवाई, कोलोराडो, ओरेगन और वाशिंगटन. ये संख्या और भी बढ़ सकती है.
- ये राज्य सभी पंजीकृत मतदाता को डाक मतपत्र भेजेंग जिसमें उन्हें अपने पसंदीदा उम्मीदवार का चयन कर वापस भेजना होगा या चुनाव के दिन पोलिंग बूथ पर जाकर जमा कराना होगा. हालांकि कुछ ही परिस्थितयों में पोलिंग बूथ जाकर मतदान किया जा सकेगा.
- लगभग आधे अमेरिकी राज्य पंजीकृत मतदाताओं को डाक से मतदान करने की अनुमति देते हैं.
- बाकी राज्यों में आपके पास डाक द्वारा मतदान करने का एक वैध कारण होना चाहिए - जैसे कि 65 वर्ष की उम्र से अधिक होना, बीमार होना, या उस राज्य से दूर होना जिस पर आप मतदान करने के लिए पंजीकृत हैं.
- विशेष रूप से खुद राष्ट्रपति ट्रम्प ने फ्लोरिडा के 2020 प्राथमिक चुनाव में डाक से मतदान किया है. क्योंकि वह राज्य में एक पंजीकृत मतदाता हैं लेकिन वाशिंगटन डीसी में रह रहे हैं.
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क्या मतदान में धोखाधड़ी का कोई सबूत है
- अबतक डाक मतदान में धोखाधड़ी के दुर्लभ मामले हैं
- 2018 में उत्तरी कैरोलिना के प्राथमिक चुनाव में एक रिपब्लिकन उम्मीदवार के सलाहकार ने मतदान पत्रों के साथ छेड़छाड़ की जिसके बाद फिर से चुनाव कराए गए थे.
- न्यू जर्सी में 2020 से पहले एक मामला प्रकाश में आया था जिसमें दो डेमोक्रेटिक पार्षदों पर डाक मतदान के संबंध में कथित धोखाधड़ी का आरोप लगा. एक पोस्ट बॉक्स में सैकड़ों मतपत्र भरे हुए पाए गए थे.
- साल 2000 से ही ओरगन में डाक मतदान हो रहे हैं और धोखाधड़ी के सिर्फ 14 मामले ही प्रकाश में आए हैं.
- डाक मतदान में धोखाधड़ी के मामले बहुत ही कम है. ब्रेनन सेंटर फॉर जस्टिस के 2017 के एक अध्ययन के अनुसार अमेरिका में मतदान धोखाधड़ी की दर 0.00004% और 0.0009% के बीच है.