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अमेरिका में सबसे बड़ा साइबर अटैक, एक साथ कई अस्पताल बने निशाना

कोरोना वायरस के बाद अब साइबर अटैक अमेरिका के लिए परेशानी का सबब बन चुका है. अमेरिका का कहना है कि उनकी एजेंसियों और मेडिकल संस्थानों पर साइबर अटैक कर जरूरी जानकारी को चुराने की कोशिश की जा रही है.

cyber attack
साइबर अटैक
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Published : Sep 29, 2020, 5:09 PM IST

वॉशिंगटन : अमेरिका में सोमवार को एक प्रमुख अस्पताल श्रृंखला के सभी अस्पतालों की कम्प्यूटर प्रणालियां ठप्प पड़ गईं, जिसे कंपनी ने प्रौद्योगिकी से जुड़ी सुरक्षा समस्या करार दिया. इस दौरान सभी डॉक्टरों और नर्सों को ऑनलाइन की जगह हर काम के लिए कागजों का इस्तेमाल करना पड़ा.

यूनिवर्सल हेल्थ सर्विसेज इंक के अमेरिका में 250 से अधिक अस्पताल और अन्य स्वास्थ्य केंद्र हैं. उसने अपनी वेबसाइट पर सोमवार को एक संक्षिप्त बयान में कहा कि उसका नेटवर्क ऑफलाइन है और डॉक्टर, नर्स, कागज सहित अन्य स्रोतों का इस्तेमाल कर काम कर रहे हैं.

वहीं फॉर्चून 500 कंपनी ने कहा कि मरीजों का इलाज जारी है. किसी मरीज की जानकारी को कॉपी किए जाने या उसका गलत इस्तेमाल किए जाने का कोई संकेत नहीं है. कंपनी में करीब 90 हजार कर्मचारी हैं. इस बीच, अमेरिकन हॉस्पिटल एसोसिएशन के वरिष्ठ साइबर सुरक्षा सलाहकार जॉन रिग्गी ने इसे संदिग्ध रैनसमवेयर हमला बताया.

पढ़ें: ट्रंप ने उठाई बाइडेन के 'ड्रग टेस्ट' की मांग, कहा- डिबेट से पहले हो टेस्ट

उन्होंने बताया कि कोरोना काल के दौरान अपराधी स्वास्थ्य देखभाल संस्थानों के नेटवर्क को तेजी से निशाना बना रहे हैं. रैनसमवेयर एक प्रकार का सॉफ्टवेयर है, जिसके जरिए हैकर डेटा चोरी कर लेते हैं और फिर उसे वापस देने के लिए पैसे मांगते हैं.

साइबर सुरक्षा कंपनी एमसिसोफ्ट द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार पिछले साल अमेरिका में 764 स्वास्थ्य सेवा प्रदाता रैनसमवेयर का शिकार हुए थे.

वॉशिंगटन : अमेरिका में सोमवार को एक प्रमुख अस्पताल श्रृंखला के सभी अस्पतालों की कम्प्यूटर प्रणालियां ठप्प पड़ गईं, जिसे कंपनी ने प्रौद्योगिकी से जुड़ी सुरक्षा समस्या करार दिया. इस दौरान सभी डॉक्टरों और नर्सों को ऑनलाइन की जगह हर काम के लिए कागजों का इस्तेमाल करना पड़ा.

यूनिवर्सल हेल्थ सर्विसेज इंक के अमेरिका में 250 से अधिक अस्पताल और अन्य स्वास्थ्य केंद्र हैं. उसने अपनी वेबसाइट पर सोमवार को एक संक्षिप्त बयान में कहा कि उसका नेटवर्क ऑफलाइन है और डॉक्टर, नर्स, कागज सहित अन्य स्रोतों का इस्तेमाल कर काम कर रहे हैं.

वहीं फॉर्चून 500 कंपनी ने कहा कि मरीजों का इलाज जारी है. किसी मरीज की जानकारी को कॉपी किए जाने या उसका गलत इस्तेमाल किए जाने का कोई संकेत नहीं है. कंपनी में करीब 90 हजार कर्मचारी हैं. इस बीच, अमेरिकन हॉस्पिटल एसोसिएशन के वरिष्ठ साइबर सुरक्षा सलाहकार जॉन रिग्गी ने इसे संदिग्ध रैनसमवेयर हमला बताया.

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उन्होंने बताया कि कोरोना काल के दौरान अपराधी स्वास्थ्य देखभाल संस्थानों के नेटवर्क को तेजी से निशाना बना रहे हैं. रैनसमवेयर एक प्रकार का सॉफ्टवेयर है, जिसके जरिए हैकर डेटा चोरी कर लेते हैं और फिर उसे वापस देने के लिए पैसे मांगते हैं.

साइबर सुरक्षा कंपनी एमसिसोफ्ट द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार पिछले साल अमेरिका में 764 स्वास्थ्य सेवा प्रदाता रैनसमवेयर का शिकार हुए थे.

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