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कोरोना : चीन पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी, अमेरिकी सीनेट में विधेयक पेश

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Published : May 14, 2020, 12:11 PM IST

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि वह सीनेट में पेश उस विधेयक पर गौर करेंगे, जिसमें कहा गया है कि यदि चीन कोरोना वायरस संक्रमण फैलने के पीछे की वजहों की पूरी जानकारी मुहैया नहीं कराता है और इसे काबू करने में सहयोग नहीं देता है, तो राष्ट्रपति को चीन पर प्रतिबंध लगाने की अनुमति दी जानी चाहिए.

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वाशिंगटन : अमेरिका कहता आ रहा है कि कोरोना वायरस चीन की लैब से आया है. क्या चीन इस संबंध में कोई जानकारी अमेरिका को मुहैया कराएगा? इससे संबंधित एक विधेयक अमेरिकी सीनेट में पेश किया गया. इस विधेयक में कुछ शर्तों के पूरा नहीं होने पर चीन के उपर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह इस पर अवश्य गौर करेंगे.

ट्रम्प ने संवाददाताओं से कहा, 'मैं निश्चित ही इस पर (विधेयक) गौर करूंगा. इसमें चीन पर प्रतिबंध लगाने की बात की गई है, इसलिए मैं इसे निश्चित तौर पर पढूंगा. मैंने अभी यह पढ़ा नहीं है.'

‘कोविड-19 जवाबदेही अधिनियम’ विधेयक को सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने तैयार किया है और आठ अन्य सांसदों ने इसमें उनका साथ दिया है. इस विधेयक को मंगलवार को सीनेट में पेश किया गया.

इस विधेयक में कहा गया है कि राष्ट्रपति 60 दिन के भीतर कांग्रेस में यह प्रमाणित करेंगे कि चीन ने अमेरिका, उसके सहयोगियों या विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसी संयुक्त राष्ट्र से संबद्ध संस्थाओं के नेतृत्व वाली कोविड-19 संबंधी जांच के लिए पूर्ण जानकारी मुहैया कराई है और उसने मांसाहारी वस्तुओं की बिक्री करने वाले उन सभी बाजारों को बंद कर दिया था, जिनसे जानवरों से मनुष्यों में कोई संक्रमण फैलने का खतरा पैदा होता है.

इसमें कहा गया है, यदि राष्ट्रपति इसे प्रमाणित नहीं करते हैं तो उन्हें चीन की सम्पत्तियां सील करने, यात्रा संबंधी प्रतिबंध लगाने, वीजा रद करने, अमेरिकी वित्तीय संस्थाओं को चीनी कारोबार को ऋण देने से रोकने और चीनी कंपनियों को अमेरिकी शेयर बाजार में सूचीबद्ध किए जाने पर रोक लगाने जैसे प्रतिबंध लागू करने का अधिकार होगा.

ग्राहम ने कहा, 'मुझे यकीन है कि ‘चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी’ यदि चीजें नहीं छिपाती, तो वायरस अमेरिका में नहीं पहुंचता.'

उन्होंने कहा, 'चीन ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को जांच के लिए वुहान प्रयोगशाला में जाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया. मुझे लगता है कि यदि चीन पर दबाव नहीं बनाया गया, तो वह जांच में कभी सहयोग नहीं करेगा'.

इसके अलावा सीनेटरों जिम इनहोफे, रोजर विकर, स्टीव डाइन्स, थॉम टिलिस, टॉड यंग, सिंडी हाइडे स्मिथ, माइक ब्रौन और रिक स्काट ने भी इस महामारी के लिए चीन को जवाबदेह ठहराए जाने पर जोर दिया.

सीनेट में यह विधेयक पेश होने के बाद प्रतिनिधि सभा के सदस्य डग कॉलिन्स ने बुधवार को ‘कोविड-19 जवाबदेही कानून’ विधेयक पेश किया. इसमें 24 से अधिक सांसदों ने उनका साथ दिया.

चीन ने कोरोना वायरस संक्रमण संबंधी तथ्य छुपाने की बात से इनकार किया है और अमेरिका पर आरोप लगाया है कि वह वुहान प्रयोगशाला से वायरस पैदा होने की बात कहकर लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहा है.

अमेरिका : इंटरनेट निगरानी का प्रस्ताव, सीनेट ने एक वोट से किया खारिज

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियांग ने पिछले महीने कहा था, 'चीन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को कोविड-19 की सबसे पहले जानकारी दी. इसका यह अर्थ नहीं है कि कोरोना वायरस वुहान से पैदा हुआ ... कभी कोई बात छुपाई नहीं गई है और हम कोई बात छुपाने की कभी अनुमति नहीं देंगे.'

उल्लेखनीय है कि चीन के वुहान से फैले कोरोना वायरस संक्रमण से दुनिया भर में 3,00,000 लोगों की मौत हो चुकी है और 43 लाख से अधिक लोग इससे संक्रमित हैं. इस वायरस से सबसे अधिक प्रभावित अमेरिका हुआ है, जहां इसके कारण 85,000 लोगों की मौत हो चुकी है.

वाशिंगटन : अमेरिका कहता आ रहा है कि कोरोना वायरस चीन की लैब से आया है. क्या चीन इस संबंध में कोई जानकारी अमेरिका को मुहैया कराएगा? इससे संबंधित एक विधेयक अमेरिकी सीनेट में पेश किया गया. इस विधेयक में कुछ शर्तों के पूरा नहीं होने पर चीन के उपर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह इस पर अवश्य गौर करेंगे.

ट्रम्प ने संवाददाताओं से कहा, 'मैं निश्चित ही इस पर (विधेयक) गौर करूंगा. इसमें चीन पर प्रतिबंध लगाने की बात की गई है, इसलिए मैं इसे निश्चित तौर पर पढूंगा. मैंने अभी यह पढ़ा नहीं है.'

‘कोविड-19 जवाबदेही अधिनियम’ विधेयक को सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने तैयार किया है और आठ अन्य सांसदों ने इसमें उनका साथ दिया है. इस विधेयक को मंगलवार को सीनेट में पेश किया गया.

इस विधेयक में कहा गया है कि राष्ट्रपति 60 दिन के भीतर कांग्रेस में यह प्रमाणित करेंगे कि चीन ने अमेरिका, उसके सहयोगियों या विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसी संयुक्त राष्ट्र से संबद्ध संस्थाओं के नेतृत्व वाली कोविड-19 संबंधी जांच के लिए पूर्ण जानकारी मुहैया कराई है और उसने मांसाहारी वस्तुओं की बिक्री करने वाले उन सभी बाजारों को बंद कर दिया था, जिनसे जानवरों से मनुष्यों में कोई संक्रमण फैलने का खतरा पैदा होता है.

इसमें कहा गया है, यदि राष्ट्रपति इसे प्रमाणित नहीं करते हैं तो उन्हें चीन की सम्पत्तियां सील करने, यात्रा संबंधी प्रतिबंध लगाने, वीजा रद करने, अमेरिकी वित्तीय संस्थाओं को चीनी कारोबार को ऋण देने से रोकने और चीनी कंपनियों को अमेरिकी शेयर बाजार में सूचीबद्ध किए जाने पर रोक लगाने जैसे प्रतिबंध लागू करने का अधिकार होगा.

ग्राहम ने कहा, 'मुझे यकीन है कि ‘चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी’ यदि चीजें नहीं छिपाती, तो वायरस अमेरिका में नहीं पहुंचता.'

उन्होंने कहा, 'चीन ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को जांच के लिए वुहान प्रयोगशाला में जाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया. मुझे लगता है कि यदि चीन पर दबाव नहीं बनाया गया, तो वह जांच में कभी सहयोग नहीं करेगा'.

इसके अलावा सीनेटरों जिम इनहोफे, रोजर विकर, स्टीव डाइन्स, थॉम टिलिस, टॉड यंग, सिंडी हाइडे स्मिथ, माइक ब्रौन और रिक स्काट ने भी इस महामारी के लिए चीन को जवाबदेह ठहराए जाने पर जोर दिया.

सीनेट में यह विधेयक पेश होने के बाद प्रतिनिधि सभा के सदस्य डग कॉलिन्स ने बुधवार को ‘कोविड-19 जवाबदेही कानून’ विधेयक पेश किया. इसमें 24 से अधिक सांसदों ने उनका साथ दिया.

चीन ने कोरोना वायरस संक्रमण संबंधी तथ्य छुपाने की बात से इनकार किया है और अमेरिका पर आरोप लगाया है कि वह वुहान प्रयोगशाला से वायरस पैदा होने की बात कहकर लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहा है.

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चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियांग ने पिछले महीने कहा था, 'चीन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को कोविड-19 की सबसे पहले जानकारी दी. इसका यह अर्थ नहीं है कि कोरोना वायरस वुहान से पैदा हुआ ... कभी कोई बात छुपाई नहीं गई है और हम कोई बात छुपाने की कभी अनुमति नहीं देंगे.'

उल्लेखनीय है कि चीन के वुहान से फैले कोरोना वायरस संक्रमण से दुनिया भर में 3,00,000 लोगों की मौत हो चुकी है और 43 लाख से अधिक लोग इससे संक्रमित हैं. इस वायरस से सबसे अधिक प्रभावित अमेरिका हुआ है, जहां इसके कारण 85,000 लोगों की मौत हो चुकी है.

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