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संवदेनशील सैन्य तकनीक चीन को देने के मामले में चीनी-अमेरिकी को 38 महीने की कैद

अमेरिका में एक चीनी-अमेरिकी व्यक्ति को 38 माह की कैद की सजा सुनाई गई. वाई सुन नाम के व्यक्ति को संवदेनशील तकनीक चीन को देने के मामले में दोषी पाया गया है.

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Published : Nov 19, 2020, 1:27 PM IST

chinese american imprisoned
प्रतीकात्मक फोटो

वाशिंगटन : चीनी-अमेरिकी व्यक्ति को सेना की संवदेनशील तकनीक चीन को देने के आरोप में बुधवार को 38 महीने के कैद की सजा सुनाई गई. न्याय विभाग ने इसकी जानकारी दी.

न्याय विभाग ने बताया कि वाई सुन (49) टक्सन में बतौर इलेक्ट्रिकल इंजीनियर पिछले 10 साल से 'रेथियॉन मिसाइल एंड डिफेंस' के साथ काम कर रहा था. इस मामले में उसने पहले ही अपना दोष स्वीकार कर लिया था.

'रेथियॉन मिसाइल एंड डिफेंस' अमेरिकी सेना के इस्तेमाल के लिए मिसाइल प्रणाली को विकसित करती है और उसका निर्माण करती है. संघीय अभियोजकों के अनुसार सुन ने दिसम्बर 2018 से दिसम्बर 2019 के बीच चीन की निजी यात्रा की और इस दौरान उन्होंने यह संवेदनशील जानकारी वहां पहुंचाई.

सहायक अटॉर्नी जनरल जॉन सी. डेमर्स ने कहा, 'सुन एक कुशल इंजीनियर है और भरोसे के साथ उसे संवेदनशील मिसाइल तकनीक से जुड़ी जानकारी सौंपी गई थी और उसे अच्छे से पता था कि वह उसे कानूनी तौर पर दुश्मन को नहीं सौंप सकता है.' उन्होंने कहा, 'लेकिन फिर भी उसने ये जानकारी चीन को दी.'

वाशिंगटन : चीनी-अमेरिकी व्यक्ति को सेना की संवदेनशील तकनीक चीन को देने के आरोप में बुधवार को 38 महीने के कैद की सजा सुनाई गई. न्याय विभाग ने इसकी जानकारी दी.

न्याय विभाग ने बताया कि वाई सुन (49) टक्सन में बतौर इलेक्ट्रिकल इंजीनियर पिछले 10 साल से 'रेथियॉन मिसाइल एंड डिफेंस' के साथ काम कर रहा था. इस मामले में उसने पहले ही अपना दोष स्वीकार कर लिया था.

'रेथियॉन मिसाइल एंड डिफेंस' अमेरिकी सेना के इस्तेमाल के लिए मिसाइल प्रणाली को विकसित करती है और उसका निर्माण करती है. संघीय अभियोजकों के अनुसार सुन ने दिसम्बर 2018 से दिसम्बर 2019 के बीच चीन की निजी यात्रा की और इस दौरान उन्होंने यह संवेदनशील जानकारी वहां पहुंचाई.

सहायक अटॉर्नी जनरल जॉन सी. डेमर्स ने कहा, 'सुन एक कुशल इंजीनियर है और भरोसे के साथ उसे संवेदनशील मिसाइल तकनीक से जुड़ी जानकारी सौंपी गई थी और उसे अच्छे से पता था कि वह उसे कानूनी तौर पर दुश्मन को नहीं सौंप सकता है.' उन्होंने कहा, 'लेकिन फिर भी उसने ये जानकारी चीन को दी.'

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