काराकस : इस वक्त पूरा वेनेजुएला एक बड़े राजनीतिक संकट से जूझ रहा है. पानी और बिजली की कमी से लोगों में हाहाकर मचा हुआ है. इतना ही नहीं अमेरिका ने वहां की तेल कंपनियों और जहाजों पर भी प्रतिबंध लगा दिया है.
वेनेजुएला की राजधानी समेत सभी दूसरें शहरों में लोग बूंद-बूंद पानी को तरस गए है. खाली पीपे, बोतलें, डिब्बे लिए बच्चे, जवान और बूढ़े सभी पानी की तलाश में घूम रहें है.
देश में कुछ वक्त से बिजली संकट मंडरा रहा है. इसकी वजह से लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. बीते 34 दिनों में पांच बार ब्लैकआउट हो चुका है. यहां बिजली ना होने के कारण पानी के पंप ठप पड़े हैं.
शुरुआती मार्च के महीने में पहले बिजली आउटेज के बाद सरकार ने निजी कंपनियों से पानी के ट्रकों को किराए पर लेना शुरू किया और उन्हें सड़क पर पार्क किया ताकि लोग कंटेनरों में पानी इकट्ठा कर सकें और इसे अपने घरों तक ले जा सकें.
स्थानिय व्यक्ति नेल्सन ओजेदा ने बताया कि 'हम यहां पानी के इंतजार में सुबह से रात के 10-11 बजे तक कतार में खड़े रहते है. कभी-कभी तो ऐसा होता है कि इतनी देर तक खड़े रहने के बाद भी पानी नहीं मिल पाता.'
उन्होंने बताया कि 'सरकार द्वारा भेजे जा रहें टैंकर पानी की कमी को पूरा करने में नाकामियाब है. कभी वह हमें थोड़ा सा पानी देते है तो कभी-कभी देते ही नहीं है. कभी ऐसा भी होता है कि वह बिना टैंकर रोके ही आगे बढ़ जाते है.'
पानी का संकट इस हद तक गहराया हुआ है कि शहरों के लोग नालों से लेकर सीवर सिस्टम से पानी लेने को मजबूर हैं. पानी की तलाश में कुछ ने तो शहरों से सटे जंगलों की ओर कूच कर दिया है ताकि पहाड़ों पर प्राकृतिक स्रोत से पानी हासिल किया जा सके.
सामान का दाम इतना अधिक हो गया है कि लोग पानी तक नहीं खरीद पा रहे. कार्ड पेमेंट करने वाली मशीनों ने भी काम करना बंद कर दिया है. जो देश कच्चे तेल का सबसे बड़ा भंडार माना जाता है, वहां ऐसे हालात है कि पेट्रोल और तेल के दाम आसमान छूं रहे हैं.