मेलबर्न : इजराइल से छह साल लंबी कानूनी लड़ाई के बाद प्रत्यर्पण के जरिए लाई गई एक पूर्व प्रधानाध्यापिका के खिलाफ बच्चों के यौन शोषण के 70 आरोपों को लेकर गुरुवार को सुनवाई हुई. मल्का लेईफर (55) ने अदालत में सुनवाई के अंत में सभी आरोपों से इंकार कर दिया.
मेलबर्न की मजिस्ट्रेट अदालत में लेईफर के खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य हैं या नहीं यह तय करने के लिए सुनवाई हो रही थी. लेईफर पर आरोप है कि 2004 से 2008 तक मेलबर्न के अदास इजराइल स्कूल में प्रधानाध्यापिका रहते हुए उसने सिस्टर दससी एर्लिच, निकोल मेयर और एली सापर का उत्पीड़न किया.अदालत के बंद कमरे में हुई सुनवाई में तीनों बहनों ने वीडियो लिंक के जरिए लेईफर के खिलाफ बयान दिया.
लेईफर भी मेलबर्न स्थित महिला जेल दामे फिलिस फ्रॉस्ट सेंटर से वीडियो लिंक के जरिए सुनवाई में शामिल हुई. मेलबर्न में फिलहाल कोविड-19 के कारण लॉकडाउन लगा हुआ है. जज मजिस्ट्रेट जोहाना मेटकाफ ने कहा कि उनका मनना है कि लेईफर को दोषी ठहराने के लिए उनके खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य हैं. इन मामलों में अगली सुनवाई विक्टोरिया काउंटी की अदालत में 21 अक्टूबर को होनी है.
(पीटीआई-भाषा)