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अमेरिका में आज से शुरू होगा कोरोना वायरस की वैक्सीन का परीक्षण

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Published : Mar 16, 2020, 11:58 AM IST

अमेरिका में कोरोना वायरस से बचाने के लिए बनाए गए टीके का नैदानिक परीक्षण आज से शुरू होने जा रहा है. परीक्षण के बारे में सार्वजनिक तौर पर फिलहाल कोई घोषणा नहीं की गई है. यह परीक्षण 45 युवा एवं स्वस्थ स्वेच्छाकर्मियों के साथ शुरू होगा. पढ़ें पूरी खबर...

america to trial vaccine for coronavirus
कॉन्सेप्ट इमेज

वॉशिंगटन : अमेरिकी सरकार के एक अधिकारी के मुताबिक कोरोना वायरस से बचाने के लिए बनाए गए टीके का नैदानिक परीक्षण आज से शुरू होने जा रहा है.

अधिकारी ने पहचान उजागर न करने की शर्त पर बताया कि परीक्षण के पहले प्रतिभागी को सोमवार को प्रायोगिक टीका दिया जाएगा. परीक्षण के बारे में सार्वजनिक तौर पर फिलहाल कोई घोषणा नहीं की गई है.

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (एनआईएच) इस परीक्षण के लिए धन मुहैया करा रहा है और यह सिएटल में 'कैसर परमानेंट वॉशिंगटन हेल्थ रिसर्च इंस्टीट्यूट' में हो रहा है.

इस बारे में जन स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि किसी भी संभावित टीके की पुष्टि में एक साल से 18 महीने तक का वक्त लगेगा.

ये भी पढ़ें : कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं पाए गए ट्रंप, स्पेन के प्रधानमंत्री की पत्नी जांच में पॉजिटिव

यह परीक्षण 45 युवा एवं स्वस्थ स्वेच्छाकर्मियों के साथ शुरू होगा, जिन्हें एनआईएच और मॉर्डर्ना इंक के संयुक्त प्रयासों से विकसित टीके लगाए जाएंगे. हालांकि, प्रत्येक प्रतिभागी को अलग-अलग मात्रा में सुई लगाई जाएगी.

इस बात की कोई संभावना नहीं है कि कोई भी प्रतिभागी इससे संक्रमित होगा क्योंकि इस टीके में वायरस नहीं है. इस परीक्षण का लक्ष्य सिर्फ यह जांचना है कि टीकों को कोई चिंताजनक दुष्प्रभाव न हो और फिर इस आधार पर बड़े पैमाने पर परीक्षण किया जा सके.

कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच विश्वभर के दर्जनों शोध संगठन टीका विकसित करने के प्रयासों में जुटे हुए हैं.

वॉशिंगटन : अमेरिकी सरकार के एक अधिकारी के मुताबिक कोरोना वायरस से बचाने के लिए बनाए गए टीके का नैदानिक परीक्षण आज से शुरू होने जा रहा है.

अधिकारी ने पहचान उजागर न करने की शर्त पर बताया कि परीक्षण के पहले प्रतिभागी को सोमवार को प्रायोगिक टीका दिया जाएगा. परीक्षण के बारे में सार्वजनिक तौर पर फिलहाल कोई घोषणा नहीं की गई है.

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (एनआईएच) इस परीक्षण के लिए धन मुहैया करा रहा है और यह सिएटल में 'कैसर परमानेंट वॉशिंगटन हेल्थ रिसर्च इंस्टीट्यूट' में हो रहा है.

इस बारे में जन स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि किसी भी संभावित टीके की पुष्टि में एक साल से 18 महीने तक का वक्त लगेगा.

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यह परीक्षण 45 युवा एवं स्वस्थ स्वेच्छाकर्मियों के साथ शुरू होगा, जिन्हें एनआईएच और मॉर्डर्ना इंक के संयुक्त प्रयासों से विकसित टीके लगाए जाएंगे. हालांकि, प्रत्येक प्रतिभागी को अलग-अलग मात्रा में सुई लगाई जाएगी.

इस बात की कोई संभावना नहीं है कि कोई भी प्रतिभागी इससे संक्रमित होगा क्योंकि इस टीके में वायरस नहीं है. इस परीक्षण का लक्ष्य सिर्फ यह जांचना है कि टीकों को कोई चिंताजनक दुष्प्रभाव न हो और फिर इस आधार पर बड़े पैमाने पर परीक्षण किया जा सके.

कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच विश्वभर के दर्जनों शोध संगठन टीका विकसित करने के प्रयासों में जुटे हुए हैं.

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