वाशिंगटन : अमेरिकी आंतरिक विभाग चीन निर्मित ड्रोन कार्यक्रम की समीक्षा करेगा. आंतरिक विभाग के प्रवक्ता निक गुडविन ने निर्णय का कारण नहीं बताया. हालांकि चीनी इलेक्ट्रॉनिक्स पर अमेरिकी सुरक्षा चिंताओं के बीच यह बयान आया है.
गुडविन ने कहा कि जांच पूरी होने तक, मंत्री ने चीन निर्मित ड्रोन या चीन निर्मित पुर्जों वाले ड्रोन की उड़ान पर रोक लगा दी है. ऐसे ड्रोनों को छूट दी जाएगी, जिनका उपयोग आपातकालीन उद्देश्यों जैसे कि जंगल में आग के दौरान, खोज एवं बचाव और प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए किया जा रहा है.
अमेरिका के इस फैसले से संबंधित सूत्रों के अनुसार गृह मंत्रालय के पास 810 ड्रोन का बेड़ा है. इनमें से लगभग सभी का निर्माण चीन की कम्पनियों ने किया है. सूत्रों के मुताबिक केवल 24 अमेरिका में निर्मित हैं और उनमें भी चीनी इलेक्ट्रॉनिक पुर्जा लगाया गया हैं.
बता दें कि यूएस डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी ने मई में चेतावनी जारी की थी कि चीन निर्मित ड्रोन सुरक्षा जोखिम पैदा कर सकते हैं.
अमेरिका ने अमेरिकी दूरसंचार कंपनियों को चीन के दिग्गज दूरसंचार कंपनी हुवावेई को तकनीक हस्तांतरित करने या बेचने पर प्रतिबंध लगाने का कदम उठाया था.
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दरअसल अमेरिकी खुफिया अधिकारी मानते हैं कि हुआवेई चीनी सेना द्वारा समर्थित है. इसके उपकरण बीजिंग की जासूसी एजेंसियों को अन्य देशों के संचार नेटवर्क से सूचनाएं साझा करते हैं.
इस संबंध में चीन के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि वह 'अभी स्थिति को समझने की कोशिश कर रहे हैं.' उन्होंने अमेरिका से 'चीनी कंपनियों के लिए बिना भेदभावपूर्ण वातावरण' प्रदान करने के लिए कहा है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा, 'हम अमेरिका से राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर चीन के नाम पर बढ़ा-चढ़ा कर खतरा पेश करना और चीनी कंपनियों पर अत्याचार करना बंद करे.'
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उल्लेखनीय है कि दुनिया के लगभग 70 प्रतिशत वाणिज्यिक ड्रोन उत्पादन में चीनी कंपनी डीजेआई का हिस्सा है. डीजेआई के प्रवक्ता के अनुसार, 'हम बहुत निराश हैं.'
गौरतलब है कि पेंटागन ने 2017 में सुरक्षा कारणों से डीजेआई ड्रोन का उपयोग करना सेना को प्रतिबंधित कर दिया था.
(पीटीआई इनपुट)