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पूर्वी अफ्रीका में तबाही लाने के बाद सोमालिया पहुंचा टिड्डी दल

पूर्वी अफ्रीका में अरबों की संख्या में फैला टिड्डी दल अब उत्तरी सोमालिया की बंजर भूमि पर पहुंच गया है. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इस टिड्डी दल पर काबू नहीं पाया गाय तो यह अब तक का सबसे विनाश कारी टिड्डी हमला होगा.

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टिड्डीयों का झुंड
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Published : Feb 9, 2020, 5:10 PM IST

Updated : Feb 29, 2020, 6:39 PM IST

गसोमालिया : पूर्वी अफ्रीका में अरबों की संख्या में फैला टिड्डी दल अब उत्तरी सोमालिया की बंजर भूमि पर पहुंच गया है. पूर्वी अफ्रीका के कुछ स्थानों पर टिड्डियों का यह प्रकोप 70 साल में सबसे बुरा साबित हुआ, लेकिन फिलहाल यहां इसका प्रभाव उतना भयावह नहीं है.

टिड्डीयों के हमले को देखते हुए अब पूर्वी अफ्रीका में भी यह खतरा मंडराने लगा है.

भुखमरी की गंभीर समस्या से ग्रस्त क्षेत्र के एक करोड़ से अधिक लोगों पर इन भूखी टिड्डियों का खतरा मंडरा रहा है और वह धरती के सबसे कठिन स्थानों में से एक पर पनप रहे हैं.

अर्ध स्वायत्त पुंटलैंड के दक्षिण में स्थित सोमालिया के ज्यादा हिस्सों पर इनका खतरा मंडरा रहा है या वह अल कायदा से संबद्ध अल शबाब चरमपंथी संगठन के कब्जे वाले इलाके हैं.

इस कारण से टिड्डियों पर हेलिकाप्टरों से कीटनाशकों का छिड़कावन करना मुश्किल है. वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि टिड्डियों को काबू करने का यही एकमात्र प्रभावी उपाय है.

पढ़ें- किसानों के लिए बर्बादी बनकर आते हैं टिड्डी दल, करते हैं फसलों का विनाश

सोमालिया ने इस प्रकोप को राष्ट्रीय आपदा घोषित कर दिया है.

संयुक्त राष्ट्र मानवीय मामलों के प्रमुख मार्क लोकॉक ने कहा कि पूरे क्षेत्र में, यह 'टिड्डियों का अब तक का सबसे विनाशकारी प्रकोप होगा अगर हमने इस समस्या को बहुत तेजी से कम नहीं किया तो.'

संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन के प्रवक्ता एलबर्टो ट्रिलो बार्का ने कहा कि दुनिया को जानने की जरूरत है कि यह कहां से शुरू हो रहा है. अगले तीन या चार हफ्तों में इनके पंख निकल आएंगे.'

इसके बाद ये पड़ोस के कीनिया और इथियोपिया में पहुंच जाएंगे.

जलवायु विशेषज्ञों ने असाधारण भारी वर्षा और दिसंबर में सोमालिया के पास आए तूफान को इस प्रकोप का बड़ा कारण माना है.

तेज हवाओं में ये टिड्डी दल अरब प्रायद्वीप और अन्य हिस्सों से बहकर आए और अब वे सोमालिया की ताजा फसलों को बर्बाद कर रहे हैं.

क्षेत्र में आगामी हफ्तों में और बारिश होने का अनुमान है और अगर इनकी संख्या पर लगाम नहीं लगाई जाती है तो इन टिड्डियों की संख्या जून तक 500 गुणा बढ़ सकती है जब मौसम शुष्क हो जाएगा.

गसोमालिया : पूर्वी अफ्रीका में अरबों की संख्या में फैला टिड्डी दल अब उत्तरी सोमालिया की बंजर भूमि पर पहुंच गया है. पूर्वी अफ्रीका के कुछ स्थानों पर टिड्डियों का यह प्रकोप 70 साल में सबसे बुरा साबित हुआ, लेकिन फिलहाल यहां इसका प्रभाव उतना भयावह नहीं है.

टिड्डीयों के हमले को देखते हुए अब पूर्वी अफ्रीका में भी यह खतरा मंडराने लगा है.

भुखमरी की गंभीर समस्या से ग्रस्त क्षेत्र के एक करोड़ से अधिक लोगों पर इन भूखी टिड्डियों का खतरा मंडरा रहा है और वह धरती के सबसे कठिन स्थानों में से एक पर पनप रहे हैं.

अर्ध स्वायत्त पुंटलैंड के दक्षिण में स्थित सोमालिया के ज्यादा हिस्सों पर इनका खतरा मंडरा रहा है या वह अल कायदा से संबद्ध अल शबाब चरमपंथी संगठन के कब्जे वाले इलाके हैं.

इस कारण से टिड्डियों पर हेलिकाप्टरों से कीटनाशकों का छिड़कावन करना मुश्किल है. वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि टिड्डियों को काबू करने का यही एकमात्र प्रभावी उपाय है.

पढ़ें- किसानों के लिए बर्बादी बनकर आते हैं टिड्डी दल, करते हैं फसलों का विनाश

सोमालिया ने इस प्रकोप को राष्ट्रीय आपदा घोषित कर दिया है.

संयुक्त राष्ट्र मानवीय मामलों के प्रमुख मार्क लोकॉक ने कहा कि पूरे क्षेत्र में, यह 'टिड्डियों का अब तक का सबसे विनाशकारी प्रकोप होगा अगर हमने इस समस्या को बहुत तेजी से कम नहीं किया तो.'

संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन के प्रवक्ता एलबर्टो ट्रिलो बार्का ने कहा कि दुनिया को जानने की जरूरत है कि यह कहां से शुरू हो रहा है. अगले तीन या चार हफ्तों में इनके पंख निकल आएंगे.'

इसके बाद ये पड़ोस के कीनिया और इथियोपिया में पहुंच जाएंगे.

जलवायु विशेषज्ञों ने असाधारण भारी वर्षा और दिसंबर में सोमालिया के पास आए तूफान को इस प्रकोप का बड़ा कारण माना है.

तेज हवाओं में ये टिड्डी दल अरब प्रायद्वीप और अन्य हिस्सों से बहकर आए और अब वे सोमालिया की ताजा फसलों को बर्बाद कर रहे हैं.

क्षेत्र में आगामी हफ्तों में और बारिश होने का अनुमान है और अगर इनकी संख्या पर लगाम नहीं लगाई जाती है तो इन टिड्डियों की संख्या जून तक 500 गुणा बढ़ सकती है जब मौसम शुष्क हो जाएगा.

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पीटीआई-भाषा संवाददाता 15:22 HRS IST




             
  • पूर्वी अफ्रीका में तबाही लाने के बाद सोमालिया पहुंचा टिड्डी दल



गेरोवे (सोमालिया), नौ फरवरी (एपी) पूर्वी अफ्रीका में अरबों की संख्या में फैला टिड्डी दल अब उत्तरी सोमालिया की बंजर भूमि पर पहुंच गया है।



पूर्वी अफ्रीका के कुछ स्थानों पर टिड्डियों का यह प्रकोप 70 साल में सबसे बुरा साबित हुआ। लेकिन फिलहाल यहां इसका प्रभाव उतना भयावह नहीं है।



हालांकि वह समय भी बहुत दूर नहीं।



भुखमरी की गंभीर समस्या से ग्रस्त क्षेत्र के एक करोड़ से अधिक लोगों पर इन भूखी टिड्डियों का खतरा मंडरा रहा है।



और वे धरती के सबसे दुरुह स्थानों में से एक पर पनप रहे हैं।



अर्ध स्वायत्त पुंटलैंड के दक्षिण में स्थित सोमालिया के ज्यादा हिस्सों पर इनका खतरा मंडरा रहा है या वे अल कायदा से संबद्ध अल शबाब चरमपंथी संगठन के कब्जे में हैं।



इस कारण से इसके लिए हवाई छिड़काव करना मुश्किल या असंभव है। विशेषज्ञों का कहना है कि यही एकमात्र प्रभावी उपाय है।



सोमालिया ने इस प्रकोप को राष्ट्रीय आपदा घोषित कर दिया है।



संयुक्त राष्ट्र मानवीय मामलों के प्रमुख मार्क लोकॉक ने कहा कि पूरे क्षेत्र में, यह ‘‘टिड्डियों का अब तक का सबसे विनाशकारी प्रकोप होगा अगर हमने इस समस्या को बहुत तेजी से कम नहीं किया तो।”



संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन के प्रवक्ता एलबर्टो ट्रिलो बार्का ने कहा, “दुनिया को जानने की जरूरत है कि यह कहां से शुरू हो रहा है। अगले तीन या चार हफ्तों में इनके पंख निकल आएंगे।”



इसके बाद ये पड़ोस के कीनिया और इथियोपिया में पहुंच जाएंगे।



जलवायु विशेषज्ञों ने असाधारण भारी वर्षा और दिसंबर में सोमालिया के पास आए तूफान को इस प्रकोप का बड़ा कारण माना है।



तेज हवाओं में ये टिड्डी दल अरब प्रायद्वीप और अन्य हिस्सों से बहकर आए और अब वे सोमालिया की ताजा फसलों को बर्बाद कर रहे हैं।



क्षेत्र में आगामी हफ्तों में और बारिश होने का अनुमान है और अगर इनकी संख्या पर लगाम नहीं लगाई जाती है तो इन टिड्डियों की संख्या जून तक 500 गुणा बढ़ सकती है जब मौसम शुष्क हो जाएगा।



एपी



















नेहा नरेश नरेश 0902 1520 गेरोवे


Conclusion:
Last Updated : Feb 29, 2020, 6:39 PM IST
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