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गुप्ता परिवार से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में भारतीय मूल का दक्षिण अफ्रीकी कारोबारी गिरफ्तार

दक्षिण अफ्रीकी सरकार के प्रभावशाली अधिकारी इकबाल मीर शर्मा को भारतीय मूल के कारोबारी गुप्ता परिवार से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया गया है.

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Published : Jun 4, 2021, 3:19 PM IST

Updated : Jun 5, 2021, 9:02 PM IST

जोहानिसबर्ग : भारतीय मूल के कारोबारी गुप्ता परिवार से जुड़े धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के मामले में बृहस्पतिवार को इकबाल मीर शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया जो एक समय यहां व्यापार तथा उद्योग विभाग में दक्षिण अफ्रीकी सरकार के प्रभावशाली अधिकारी थे.

शर्मा को फ्री स्टेट प्रांत के तीन अन्य पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आरोपी बनाया गया है जिन्होंने कथित तौर पर सरकारी धन के व्यय से संबंधित प्रक्रियाओं का उल्लंघन किया.

आरोप हैं कि शर्मा ने अपनी कंपनी न्यूलैंड इन्वेस्टमेंट के माध्यम से दो करोड़ रैंड से ज्यादा राशि को काले धन से सफेद में बदला. यह राशि एक व्यवहार्यता अध्ययन के लिए फ्री स्टेट राज्य के कृषि विभाग द्वारा जारी की गई, जबकि इस काम की अनुमानित लागत 15 लाख रैंड थी.

इस अध्ययन में पता लगाना था कि एस्टिना डेयरी फार्म परियोजना से छोटे अश्वेत किसानों को लाभ मिलेगा या नहीं. यह परियोजना भारतीय कंपनी पारस के साथ साझेदारी में संचालित की गई.

एस्टिना परियोजना बुरी तरह विफल हो गई और आरोप हैं कि इस उपक्रम से लाखों रैंड गुप्ता परिवार को हस्तांतरित किए गए. गुप्ता परिवार पर अनेक सरकारी तथा अर्द्धसरकारी संस्थानों से अरबों रैंड का गबन करने का आरोप है.

गुप्ता बंधु - अजय, अतुल और राजेश अपने परिजन के साथ दुबई में स्व-निर्वासन में हैं. दक्षिण अफ्रीकी सरकार संयुक्त राष्ट्र के माध्यम से उन्हें प्रत्यर्पित कराने का प्रयास कर रही है क्योंकि दोनों देशों के बीच कोई प्रत्यर्पण संधि नहीं है.

शर्मा की कंपनी न्यूलैंड ने अध्ययन का काम दो कंपनियों को सौंप दिया जिन्होंने विभाग से 2.4 करोड़ रैंड की राशि ली.

राष्ट्रीय अभियोजन प्राधिकार के जांच निदेशालय में प्रवक्ता एस सेबोका ने कहा, हमारा आरोप है कि धनराशि के गबन के लिए एक और कंपनी को काम सौंपा गया तथा सहायक कंपनी को वही काम करना था जो पहले ही किया जा चुका था.

शर्मा और कृषि विभाग के पूर्व प्रमुख पीटर टेबेथा को सात जून को उनके औपचारिक जमानत आवेदन पर निर्णय आने तक हिरासत में भेजा गया है.

शर्मा ने 2002 में दक्षिण अफ्रीका के व्यापार और उद्योग विभाग के निदेशक के नाते जोहानिसबर्ग में प्रमुख कारोबारी नेताओं के साथ तीन दिन की बैठक में भारतीय वाणिज्य सचिव दीपक चटर्जी के साथ भाग लिया था. यह बैठक भारत दक्षिण अफ्रीका वाणिज्यिक गठबंधन (इसाका) के माध्यम से दोनों देशों के बीच सहयोग को फिर से बढ़ाने के लिए हुई थी.

पढ़ें :- दक्षिण अफ्रीका ने इंटरपोल से गुप्ता बंधुओं के खिलाफ रेड नोटिस जारी करने का किया अनुरोध

तब शर्मा ने कहा था, ऐतिहासिक रूप से हमारे मजबूत राजनीतिक तथा सांस्कृतिक संबंध रहे हैं, लेकिन हमारे संबंधों के आर्थिक आयाम को इसाका ने मजबूती प्रदान की है जिसकी स्थापना 1997 में तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल की दक्षिण अफ्रीका यात्रा के बाद की गई थी.

राज्य के अनेक विभागों में विभिन्न पदों पर रहने के बाद शर्मा ने अपना कारोबार शुरू किया और अक्सर भारत यात्रा पर जाते रहे.

शर्मा 2012 में तब खबरों में आए थे जब मुंबई के एक रेस्तरां में मशहूर भारतीय अभिनेता सैफ अली खान को कथित तौर पर शर्मा को मुक्का मारने के मामले में गिरफ्तार किया गया था.

शर्मा ने दावा किया था कि जब उन्होंने उसी रेस्तरां में कुछ अन्य कलाकारों के साथ भोजन कर रहे खान की मेज तक वहां के कर्मचारियों के माध्यम से यह संदेश भेजा कि वे अपनी आवाज कम कर लें और उन्हें व उनके परिवार को शांति से खाना खाने दें तो खान ने नाराज होकर ऐसा किया था.

बाद में फिल्म 'एजेंट विनोद' के लिए आयोजित संवाददाता सम्मेलन में खान ने इन अटकलों से इनकार किया कि फिल्म के प्रचार के लिए यह किया गया. खान ने तब माना था कि वह हालात को बेहतर तरीके से संभाल सकते थे और उन्हें अपने किए पर खेद है.

(पीटीआई-भाषा)

जोहानिसबर्ग : भारतीय मूल के कारोबारी गुप्ता परिवार से जुड़े धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के मामले में बृहस्पतिवार को इकबाल मीर शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया जो एक समय यहां व्यापार तथा उद्योग विभाग में दक्षिण अफ्रीकी सरकार के प्रभावशाली अधिकारी थे.

शर्मा को फ्री स्टेट प्रांत के तीन अन्य पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आरोपी बनाया गया है जिन्होंने कथित तौर पर सरकारी धन के व्यय से संबंधित प्रक्रियाओं का उल्लंघन किया.

आरोप हैं कि शर्मा ने अपनी कंपनी न्यूलैंड इन्वेस्टमेंट के माध्यम से दो करोड़ रैंड से ज्यादा राशि को काले धन से सफेद में बदला. यह राशि एक व्यवहार्यता अध्ययन के लिए फ्री स्टेट राज्य के कृषि विभाग द्वारा जारी की गई, जबकि इस काम की अनुमानित लागत 15 लाख रैंड थी.

इस अध्ययन में पता लगाना था कि एस्टिना डेयरी फार्म परियोजना से छोटे अश्वेत किसानों को लाभ मिलेगा या नहीं. यह परियोजना भारतीय कंपनी पारस के साथ साझेदारी में संचालित की गई.

एस्टिना परियोजना बुरी तरह विफल हो गई और आरोप हैं कि इस उपक्रम से लाखों रैंड गुप्ता परिवार को हस्तांतरित किए गए. गुप्ता परिवार पर अनेक सरकारी तथा अर्द्धसरकारी संस्थानों से अरबों रैंड का गबन करने का आरोप है.

गुप्ता बंधु - अजय, अतुल और राजेश अपने परिजन के साथ दुबई में स्व-निर्वासन में हैं. दक्षिण अफ्रीकी सरकार संयुक्त राष्ट्र के माध्यम से उन्हें प्रत्यर्पित कराने का प्रयास कर रही है क्योंकि दोनों देशों के बीच कोई प्रत्यर्पण संधि नहीं है.

शर्मा की कंपनी न्यूलैंड ने अध्ययन का काम दो कंपनियों को सौंप दिया जिन्होंने विभाग से 2.4 करोड़ रैंड की राशि ली.

राष्ट्रीय अभियोजन प्राधिकार के जांच निदेशालय में प्रवक्ता एस सेबोका ने कहा, हमारा आरोप है कि धनराशि के गबन के लिए एक और कंपनी को काम सौंपा गया तथा सहायक कंपनी को वही काम करना था जो पहले ही किया जा चुका था.

शर्मा और कृषि विभाग के पूर्व प्रमुख पीटर टेबेथा को सात जून को उनके औपचारिक जमानत आवेदन पर निर्णय आने तक हिरासत में भेजा गया है.

शर्मा ने 2002 में दक्षिण अफ्रीका के व्यापार और उद्योग विभाग के निदेशक के नाते जोहानिसबर्ग में प्रमुख कारोबारी नेताओं के साथ तीन दिन की बैठक में भारतीय वाणिज्य सचिव दीपक चटर्जी के साथ भाग लिया था. यह बैठक भारत दक्षिण अफ्रीका वाणिज्यिक गठबंधन (इसाका) के माध्यम से दोनों देशों के बीच सहयोग को फिर से बढ़ाने के लिए हुई थी.

पढ़ें :- दक्षिण अफ्रीका ने इंटरपोल से गुप्ता बंधुओं के खिलाफ रेड नोटिस जारी करने का किया अनुरोध

तब शर्मा ने कहा था, ऐतिहासिक रूप से हमारे मजबूत राजनीतिक तथा सांस्कृतिक संबंध रहे हैं, लेकिन हमारे संबंधों के आर्थिक आयाम को इसाका ने मजबूती प्रदान की है जिसकी स्थापना 1997 में तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल की दक्षिण अफ्रीका यात्रा के बाद की गई थी.

राज्य के अनेक विभागों में विभिन्न पदों पर रहने के बाद शर्मा ने अपना कारोबार शुरू किया और अक्सर भारत यात्रा पर जाते रहे.

शर्मा 2012 में तब खबरों में आए थे जब मुंबई के एक रेस्तरां में मशहूर भारतीय अभिनेता सैफ अली खान को कथित तौर पर शर्मा को मुक्का मारने के मामले में गिरफ्तार किया गया था.

शर्मा ने दावा किया था कि जब उन्होंने उसी रेस्तरां में कुछ अन्य कलाकारों के साथ भोजन कर रहे खान की मेज तक वहां के कर्मचारियों के माध्यम से यह संदेश भेजा कि वे अपनी आवाज कम कर लें और उन्हें व उनके परिवार को शांति से खाना खाने दें तो खान ने नाराज होकर ऐसा किया था.

बाद में फिल्म 'एजेंट विनोद' के लिए आयोजित संवाददाता सम्मेलन में खान ने इन अटकलों से इनकार किया कि फिल्म के प्रचार के लिए यह किया गया. खान ने तब माना था कि वह हालात को बेहतर तरीके से संभाल सकते थे और उन्हें अपने किए पर खेद है.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Jun 5, 2021, 9:02 PM IST
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