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MP में छोटे भाई की डेड बॉडी को गोद में लेकर घंटों बैठा रहा मासूम, पिता ढूंढ रहे थे सस्ती एंबुलेंस - madhya pradesh news in hindi

मुरैना में एक पिता अपने 8 साल के बच्चे की गोद में 2 साल के बच्चे का शव रखकर सस्ती एंबुलेंस ढूंढने निकल गए, इस दौरान 8 बर्षीय बच्चा घंटों तक डेड बॉडी गोद में रखकर बैठा रहा. हालाकि बाद में थाना प्रभारी की मदद से शव को जिला अस्पताल के एंबुलेंस से ही घर पहुंचाया गया.

Innocent sitting with brother dead body in Morena District Hospital
मुरैना में 2 साल के भाई का शव गोद में लेकर बैठा रहा मासूम
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Published : Jul 10, 2022, 2:05 PM IST

Updated : Jul 11, 2022, 11:47 AM IST

मुरैना। मुरैना से दिल दहला देने वाला मामला सामने आया, जहां गरीब पिता अपने बच्चे के शव को घर ले जाने के लिए सस्ती रेट में वाहन तलाशता घूम रहा था और 8 साल का बच्चा अपने भाई का शव गोद में लेकर बैठा था. विचलित कर देने वाला यह द्श्य जिसने भी देखा उसकी आत्मा सिहर गई और आंखों से आंसू निकल आए. हालांकि जिला अस्पताल से शव ले जाने के लिए कोई वाहन नहीं मिला, लेकिन जब बाद में मामले ने तूल पकड़ा तो तुरंत ही एंबुलेंस का इंतजाम हो गया. (Morena District Hospital) (Innocent sitting with brother dead body)

मुरैना जिला अस्पताल के बाहर 2 साल के भाई का शव गोद में लेकर बैठा रहा मासूम

शव ले जाने के लिए नहीं है वाहन: मुरैना की अंबाह तहसील के बड़फरा गांव निवासी पूजाराम जाटव अपने दो साल के बेटे राजा (बदला हुआ नाम) को एंबुलेंस के जरिए अंबाह अस्पताल से रेफर कराकर जिला अस्पताल मुरैना में लाया था, एनीमिया और पेट में पानी भरने की बीमारी से ग्रसित राजा ने जिला अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. अंबाह अस्पताल से राजा को लेकर जो एंबुलेंस आई वो वापस चली गई, राजा की मौत के बाद उसके गरीब पिता ने अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ से बच्चे के शव को गांव ले जाने के लिए वाहन की बात कही तो उन्हें यह कहकर मना कर दिया कि "शव ले जाने के लिए अस्पताल में कोई वाहन नहीं है, किराए की गाड़ी से शव ले जाओ."

शव लेकर घंटों बैठा रहा 8 साल का बच्चा: बाद में अस्पताल परिसर में खड़ी एंबुलेंस के किसी संचालक ने शव ले जाने के लिए डेढ़ हजार रुपये मांगे, लेकिन पूजाराम पर इतनी रकम नहीं थी जिसके बाद वह अपने बेटे के शव को लेकर अस्पताल के बाहर आ गया. जब अस्पताल के बाहर भी कोई वाहन नहीं मिला तो पूजाराम ने अपने 8 साल का बेटे प्रेम (बदला हुआ नाम) को नेहरू पार्क के सामने सड़क किनारे बैठाया और छोटे बेटे का शव प्रेम की गोद में रखकर सस्ती रेट में वाहन तलाशने चला गया.

घर में मां का शव रख बेटे ने मंदिर में रचाई शादी, लौटकर मृत शरीर से लिया आशीर्वाद और अंतिम इच्छा की पूरी

ऐसे घर पहुंचा शव: प्रेम कई घंटो तक अपने भाई के शव को गोद में लेकर बैठा रहा, इस दौरान उसकी नजरें टकटकी लगाए सड़क पर पिता के लौटने का इंतजार करती रहीं. कभी प्रेम रोने लगता तो कभी अपने भाई के शव को दुलारने लगता, ये देख सड़क पर राहगीरों की भीड़ लग गई, जिसने भी यह द्श्य देखा उसकी रूह कांप गई. बाद में घटना की सूचना मिलने पर कोतवाली थाना प्रभारी योगेंद्र सिंह जादौन मौके पर पहुंचे और उन्होंने मासूम प्रेम की गोद से उसके भाई का शव उठवाया और दोनों को जिला अस्पताल ले गए. बाद में प्रेम के पिता पूजाराम भी पहुंचे, जिसके बाद एंबुलेंस से शव को बड़फरा भिजवाया गया.

"मेरे चार बच्चे हैं, तीन बेटे व एक बेटी. जिनमें राजा सबसे छोटा था, मेरी पत्नी तीन-चार महीने पहले घर छोड़कर अपने मायके डबरा चली गई है तब से मैं खुद ही बच्चों की देखभाल करता हूं."
-पूजाराम, मासूम के पिता

मुरैना। मुरैना से दिल दहला देने वाला मामला सामने आया, जहां गरीब पिता अपने बच्चे के शव को घर ले जाने के लिए सस्ती रेट में वाहन तलाशता घूम रहा था और 8 साल का बच्चा अपने भाई का शव गोद में लेकर बैठा था. विचलित कर देने वाला यह द्श्य जिसने भी देखा उसकी आत्मा सिहर गई और आंखों से आंसू निकल आए. हालांकि जिला अस्पताल से शव ले जाने के लिए कोई वाहन नहीं मिला, लेकिन जब बाद में मामले ने तूल पकड़ा तो तुरंत ही एंबुलेंस का इंतजाम हो गया. (Morena District Hospital) (Innocent sitting with brother dead body)

मुरैना जिला अस्पताल के बाहर 2 साल के भाई का शव गोद में लेकर बैठा रहा मासूम

शव ले जाने के लिए नहीं है वाहन: मुरैना की अंबाह तहसील के बड़फरा गांव निवासी पूजाराम जाटव अपने दो साल के बेटे राजा (बदला हुआ नाम) को एंबुलेंस के जरिए अंबाह अस्पताल से रेफर कराकर जिला अस्पताल मुरैना में लाया था, एनीमिया और पेट में पानी भरने की बीमारी से ग्रसित राजा ने जिला अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. अंबाह अस्पताल से राजा को लेकर जो एंबुलेंस आई वो वापस चली गई, राजा की मौत के बाद उसके गरीब पिता ने अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ से बच्चे के शव को गांव ले जाने के लिए वाहन की बात कही तो उन्हें यह कहकर मना कर दिया कि "शव ले जाने के लिए अस्पताल में कोई वाहन नहीं है, किराए की गाड़ी से शव ले जाओ."

शव लेकर घंटों बैठा रहा 8 साल का बच्चा: बाद में अस्पताल परिसर में खड़ी एंबुलेंस के किसी संचालक ने शव ले जाने के लिए डेढ़ हजार रुपये मांगे, लेकिन पूजाराम पर इतनी रकम नहीं थी जिसके बाद वह अपने बेटे के शव को लेकर अस्पताल के बाहर आ गया. जब अस्पताल के बाहर भी कोई वाहन नहीं मिला तो पूजाराम ने अपने 8 साल का बेटे प्रेम (बदला हुआ नाम) को नेहरू पार्क के सामने सड़क किनारे बैठाया और छोटे बेटे का शव प्रेम की गोद में रखकर सस्ती रेट में वाहन तलाशने चला गया.

घर में मां का शव रख बेटे ने मंदिर में रचाई शादी, लौटकर मृत शरीर से लिया आशीर्वाद और अंतिम इच्छा की पूरी

ऐसे घर पहुंचा शव: प्रेम कई घंटो तक अपने भाई के शव को गोद में लेकर बैठा रहा, इस दौरान उसकी नजरें टकटकी लगाए सड़क पर पिता के लौटने का इंतजार करती रहीं. कभी प्रेम रोने लगता तो कभी अपने भाई के शव को दुलारने लगता, ये देख सड़क पर राहगीरों की भीड़ लग गई, जिसने भी यह द्श्य देखा उसकी रूह कांप गई. बाद में घटना की सूचना मिलने पर कोतवाली थाना प्रभारी योगेंद्र सिंह जादौन मौके पर पहुंचे और उन्होंने मासूम प्रेम की गोद से उसके भाई का शव उठवाया और दोनों को जिला अस्पताल ले गए. बाद में प्रेम के पिता पूजाराम भी पहुंचे, जिसके बाद एंबुलेंस से शव को बड़फरा भिजवाया गया.

"मेरे चार बच्चे हैं, तीन बेटे व एक बेटी. जिनमें राजा सबसे छोटा था, मेरी पत्नी तीन-चार महीने पहले घर छोड़कर अपने मायके डबरा चली गई है तब से मैं खुद ही बच्चों की देखभाल करता हूं."
-पूजाराम, मासूम के पिता

Last Updated : Jul 11, 2022, 11:47 AM IST
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