मुंबई : बॉलीवुड के 'पठान' शाहरुख खान और उनकी पत्नी गौरी खान की लव स्टोरी से तो पूरी दुनिया वाकिफ है. शाहरुख ने अपने करियर से पहले ही गौरी को अपना दिल दे दिया था. शाहरुख खान ने गौरी के प्यार में इस कद्र खुद को बेचैन कर लिया था कि उनके पीछे-पीछे वो मुंबई भी जा पहुंचे थे. शाहरुख खान ने साल 1993 में फिल्म इंडस्ट्री में कदम रख दिया था, लेकिन अपनी पहली रिलीज फिल्म से पहले ही शाहरुख ने गौरी खान से शादी रचा ली थी.
अब इस स्टार कपल के लिए कहा जा रहा है कि इनकी शादी में एक बड़ी ही मजेदार बात हुई थी. वो यह है कि गौरी खान से शादी करने के लिए शाहरुख खान ने अपना नाम बदला था तो वहीं गौरी खान ने भी निकाह के लिए इस नए नाम को चुना था.
शादी के लिए शाहरुख-गौरी के नए नाम
शाहरुख और गौरी की इंटरकास्ट मैरिज थी. गौरी के घरवाले इस शादी के बिल्कुल खिलाफ थे. इसकी वजह शाहरुख खान का अलग धर्म और उनका करियर था. उस वक्त शाहरुख महज 26 और गौरी 21 साल की थीं. वहीं, शाहरुख और गौरी दोनों ही यह शादी हर हाल में करना चाहते थे. जैसे-तैसे गौरी की फैमिली इस रिश्ते के लिए बेटी की खुशी देखते हुए झुक गई.
ऐसे में शाहरुख खान ने हिंदू-रीति रिवाज से शादी करने के चलते अपना नाम जीतेंद्र कुमार तुली रखा था. कहा जा रहा है कि इस नाम को रखने के पीछे की वजह यह थी कि शाहरुख हिंदी सिनेमा के दो दिग्गज दिलीप कुमार और राजेंद्र कुमार को ट्रिब्यूट देना चाहते थे. बता दें राजेंद्र कुमार पूरा नाम राजेंद्र कुमार तुली था.
शाहरुख के ये नाम रखने की वजह में यह भी बताया जा रहा है कि शाहरुख खान बॉलीवुड एक ओजी 'हिम्मतवाला' से मैच करते थे. इधर, गौरी खान भी शाहरुख से निकाह करने के लिए आयशा बन गई थीं.
एक किताब में शाहरुख खान ने खुलासा किया था, शादी में नाम बदलने के बारे में उन्होंने कई लोगो को नहीं बताया था. वहीं, रीति-रिवाजों से शादी करने के बाद शाहरुख-गौरी ने कोर्ट-मैरिज के जरिए अपनी शादी को रजिस्टर्ड कराया था. बता दें, कपल ने साल 1991 में शादी रचाई थी.