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मेरी क्रिसमस रिव्यू: खूबसूरत लव स्टोरी के साथ फिल्म में लगा सस्पेंस और मर्डर का तड़का, कैटरीना-सेतुपति की कैमिस्ट्री रही जबरदस्त

Merry Christmas Review: 'अंधाधुन' और 'बदलापुर' जैसी जबरदस्त फिल्मों से दर्शकों का दिल जीतने वाले डायरेक्टर राम राघवन के पिटारे से एक और खजाना निकला है- 'मेरी क्रिसमस' जो 12 जनवरी को सिनेमाघरों में रिलीज हुई. फिल्म में कैटरीना कैफ और साउथ स्टार विजय सेतुपति ने लीड रोल प्ले किया है. आइए जानते हैं कि ये फिल्म एक सस्पेंस थ्रिलर स्टोरी के पैमाने पर कितना खरा उतरती है.

Merry Christmas
मेरी क्रिसमस
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 13, 2024, 8:42 PM IST

मुंबई: श्रीराम राघवन एक ऐसा नाम जिसे पोस्टर पर पढ़ते ही यह तय हो जाता है कि फिल्म की कहानी जबरदस्त और पैसा वसूल होगी. एक बार फिर उन्होंने यह साबित किया है अपनी हालिया रिलीज फिल्म 'मेरी क्रिसमस' के साथ. अंधाधुन से बेहिसाब पैसा और तारीफें लूटने के बाद राघवन ने पांच साल बाद फिर से एक थ्रिलर स्टोरी दर्शकों के सामने पेश की है मेरी क्रिसमस के रूप में. सस्पेंस थ्रिलर फिल्में पसंद करने वालों के लिए राम राघवन की तरफ से यह एक छोटा सा तोहफा है. जिसे बिना दो बार सोचे थियेटर जाकर देखा जा सकता है. मर्डर और सस्पेंस के बीच पनपी लव स्टोरी मेरी क्रिसमस में कैटरीना कैफ और विजय सेतुपति जैसे कलाकार अपनी जबरदस्त एक्टिंग और कैमिस्ट्री से दर्शकों का दिल जीतने के लिए तैयार है.

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क्या है कहानी?
फिल्म की पूरी कहानी क्रिसमस की रात की है, जिसमें दो लोग मारिया (कैटरीना कैफ), अल्बर्ट (विजय सेतुपति) मिलते हैं जो एक-दूसरे से पूरी तरह अंजान हैं. चूंकी क्रिसमस की रात है तो सेलिब्रेशन लाजमी है. सेलिब्रेशन के बाद होती है डेट लेकिन किसी कैफे या सिनेमा हॉल में नहीं बल्कि कब्रिस्तान में. जब दोनों घर वापस आते हैं तो वहां उन्हें मिलती है एक लाश. अब यह लाश कहां से आई, इसे किसने मारा और इसका आगे क्या होगा. इसी के इर्द-गिर्द लिखी गई एक शानदार थ्रिलर स्टोरी जो आपको सोचने पर थोड़ा मजबूर करती है. एक सस्पेंस थ्रिलर का काम यही होता है कि वो आपको आखिर तक इस असमंजस में रखे कि अब क्या होगा. यह काम राम राघवन ने बखूबी किया है.

कास्टिंग कैसी है?
फिल्म की कास्टिंग देखकर शायद आपको लगे कि कैटरीना और विजय की ही जोड़ी क्यों? आपका अंदाजा गलत हो सकता है क्योंकि कैटरीना और विजय की कास्टिंग नई है लेकिन उनकी कैमिस्ट्री फिल्म में देखने लायक है. यही फिल्म का सरप्राइज है. कैटरीना की एक्टिंग कमजोर समझने वाले ये फिल्म जरूर देखने जाएं, बात करें अगर विजय सेतूपति की तो यह कहना गलत नहीं होगा कि विजय किसी भी रोल में फिट बैठ जाते हैं. फिल्म में विजय की छोटी-छोटी पंच लाइन और वन लाइनर सस्पेंस के बीच आपको हंसाएगे भी और और कहानी के आखिरी तक आपको बांधे भी रखेंगे.

क्यों देखें फिल्म
अगर आप काफी समय से एक अच्छी सस्पेंस थ्रिलर स्टोरी के इंतजार में थे तो आपको यह फिल्म जरूर देखनी चाहिए. फिल्म की मजबूत कड़ी यही है कि फिल्म में मर्डर हुए हैं लेकिन, बिना खून खराबा दिखाए राघवन ने एक शानदार डायरेक्शन की मिसाल पेश की है. इसके साथ ही कैटरीना को कमर्शियल फिल्मों से हटकर एक इंटेंस कैरेक्टर में देखने का अनुभव भी आप इस फिल्म के जरिए ले सकते हैं. वहीं सेतुपति के वन लाइनर और उनकी सिम्पल एक्टिंग फिल्म की कहानी में जान डाल देती है. इनके अलावा संजीव कपूर, राधिका आप्टे और टिनू आनंद के छोटे लेकिन बेहतरीन रोल भी यादगार हैं. वहीं फिल्म में छोटी बच्ची भी है जिसका किरदार कहानी को नए मोड़ देने की ताकत रखता है.

कुछ कमियां
'मेरी क्रिसमस' श्रीराम राघवन ने 'अंधाधुन' के पांच साल बाद बनाई है. तो अगर आप अंधाधुन जैसी उम्मीद लगा कर थिएटर जाएंगे तो आपको निराशा हाथ लग सकती है. जो दर्शक पहले ही थ्रिलर स्टोरीज देख चुके हैं कई सीन में वे पहले ही अंदाजा लगा सकते हैं कि फिल्म में आगे क्या होने वाला है. वहीं कई चीजों को डिटेल में जाकर नहीं दिखाया गया जैसे राधिका आप्टे का कैरेक्टर, फिल्म में होने वाले मर्डर, मारिया (कैटरीना) और उसके हसबैंड का रिलेशन. इन बातों को अनदेखा करके और 'अंधाधुन' जैसी उम्मीद ना लगाते हुए फिल्म को एक बार देखा जा सकता है.

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मुंबई: श्रीराम राघवन एक ऐसा नाम जिसे पोस्टर पर पढ़ते ही यह तय हो जाता है कि फिल्म की कहानी जबरदस्त और पैसा वसूल होगी. एक बार फिर उन्होंने यह साबित किया है अपनी हालिया रिलीज फिल्म 'मेरी क्रिसमस' के साथ. अंधाधुन से बेहिसाब पैसा और तारीफें लूटने के बाद राघवन ने पांच साल बाद फिर से एक थ्रिलर स्टोरी दर्शकों के सामने पेश की है मेरी क्रिसमस के रूप में. सस्पेंस थ्रिलर फिल्में पसंद करने वालों के लिए राम राघवन की तरफ से यह एक छोटा सा तोहफा है. जिसे बिना दो बार सोचे थियेटर जाकर देखा जा सकता है. मर्डर और सस्पेंस के बीच पनपी लव स्टोरी मेरी क्रिसमस में कैटरीना कैफ और विजय सेतुपति जैसे कलाकार अपनी जबरदस्त एक्टिंग और कैमिस्ट्री से दर्शकों का दिल जीतने के लिए तैयार है.

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क्या है कहानी?
फिल्म की पूरी कहानी क्रिसमस की रात की है, जिसमें दो लोग मारिया (कैटरीना कैफ), अल्बर्ट (विजय सेतुपति) मिलते हैं जो एक-दूसरे से पूरी तरह अंजान हैं. चूंकी क्रिसमस की रात है तो सेलिब्रेशन लाजमी है. सेलिब्रेशन के बाद होती है डेट लेकिन किसी कैफे या सिनेमा हॉल में नहीं बल्कि कब्रिस्तान में. जब दोनों घर वापस आते हैं तो वहां उन्हें मिलती है एक लाश. अब यह लाश कहां से आई, इसे किसने मारा और इसका आगे क्या होगा. इसी के इर्द-गिर्द लिखी गई एक शानदार थ्रिलर स्टोरी जो आपको सोचने पर थोड़ा मजबूर करती है. एक सस्पेंस थ्रिलर का काम यही होता है कि वो आपको आखिर तक इस असमंजस में रखे कि अब क्या होगा. यह काम राम राघवन ने बखूबी किया है.

कास्टिंग कैसी है?
फिल्म की कास्टिंग देखकर शायद आपको लगे कि कैटरीना और विजय की ही जोड़ी क्यों? आपका अंदाजा गलत हो सकता है क्योंकि कैटरीना और विजय की कास्टिंग नई है लेकिन उनकी कैमिस्ट्री फिल्म में देखने लायक है. यही फिल्म का सरप्राइज है. कैटरीना की एक्टिंग कमजोर समझने वाले ये फिल्म जरूर देखने जाएं, बात करें अगर विजय सेतूपति की तो यह कहना गलत नहीं होगा कि विजय किसी भी रोल में फिट बैठ जाते हैं. फिल्म में विजय की छोटी-छोटी पंच लाइन और वन लाइनर सस्पेंस के बीच आपको हंसाएगे भी और और कहानी के आखिरी तक आपको बांधे भी रखेंगे.

क्यों देखें फिल्म
अगर आप काफी समय से एक अच्छी सस्पेंस थ्रिलर स्टोरी के इंतजार में थे तो आपको यह फिल्म जरूर देखनी चाहिए. फिल्म की मजबूत कड़ी यही है कि फिल्म में मर्डर हुए हैं लेकिन, बिना खून खराबा दिखाए राघवन ने एक शानदार डायरेक्शन की मिसाल पेश की है. इसके साथ ही कैटरीना को कमर्शियल फिल्मों से हटकर एक इंटेंस कैरेक्टर में देखने का अनुभव भी आप इस फिल्म के जरिए ले सकते हैं. वहीं सेतुपति के वन लाइनर और उनकी सिम्पल एक्टिंग फिल्म की कहानी में जान डाल देती है. इनके अलावा संजीव कपूर, राधिका आप्टे और टिनू आनंद के छोटे लेकिन बेहतरीन रोल भी यादगार हैं. वहीं फिल्म में छोटी बच्ची भी है जिसका किरदार कहानी को नए मोड़ देने की ताकत रखता है.

कुछ कमियां
'मेरी क्रिसमस' श्रीराम राघवन ने 'अंधाधुन' के पांच साल बाद बनाई है. तो अगर आप अंधाधुन जैसी उम्मीद लगा कर थिएटर जाएंगे तो आपको निराशा हाथ लग सकती है. जो दर्शक पहले ही थ्रिलर स्टोरीज देख चुके हैं कई सीन में वे पहले ही अंदाजा लगा सकते हैं कि फिल्म में आगे क्या होने वाला है. वहीं कई चीजों को डिटेल में जाकर नहीं दिखाया गया जैसे राधिका आप्टे का कैरेक्टर, फिल्म में होने वाले मर्डर, मारिया (कैटरीना) और उसके हसबैंड का रिलेशन. इन बातों को अनदेखा करके और 'अंधाधुन' जैसी उम्मीद ना लगाते हुए फिल्म को एक बार देखा जा सकता है.

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