मुंबई: फिल्म इंडस्ट्री के वर्सेटाइल एक्टर अनुपम खेर शूटिंंग और फिल्म से परे भी कई मजेदार और जानकारी से भरो पोस्ट सोशल मीडिया पर शेयर करते रहते हैं और फैंस को अपनी लाइफ इवेंट से अपडेट रखते हैं. इस बीच 'द कश्मीर फाइल्स' एक्टर ने अपने एक खास दोस्त से 39 साल बाद मुलाकात की और इस दौरान वह काफी इमोशनल नजर आए. दोस्त के साथ एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर कर खेर ने अपने संघर्ष के दिनों को याद किया और अपने जीवन की एक महत्वपूर्ण घटना सुनाई. इसके साथ ही उन्होंने अपने दोस्त राजन लाल को खास अंदाज में धन्यवाद भी दिया.
मैं राजन का आभारी हूं
बता दें कि इंस्टाग्राम अकाउंट पर राजन के साथ अपना एक वीडियो पोस्ट कर अनुपम खेर ने कैप्शन में लिखा 'दोस्तों, आज मैं आपको अपने एक बहुत प्यारे दोस्त राजन लाल से मिलवाना चाहता हूं'. 'हर कोई उन्हें पहले से ही जानता है और मेरे करियर में मदद करने में उनकी भूमिका अहम रही है, मुझे वह समय याद है जब मैं मुंबई की गलियों में भटक रहा था'. 'वह राजन ही थे जो मेरी मदद के लिए आए थे और मैं इनका बेहद आभारी हूं'. 'ऐसा खासतौर पर इसलिए है क्योंकि जब आप सबसे बुरे दौर में होते हैं तो कोई आपकी मदद नहीं करता है'.
जब भटक रहा था तब राजन ने दिया सहारा
उन्होंने आगे कहा कि 'जब मैं लगातार शहर की गलियों में इधर-उधर धक्के खा रहा था तो उन्होंने मुझे भोजन के साथ ही आगे बढ़ने का हौसला दिया और आज मैं 39 साल बाद दुबई में उनके घर पर उनसे मिल रहा हूं'. इसके बाद अनुपम ने राजन से पूछा कि 'तुम्हें उस समय से मेरे बारे में क्या याद है?. इस पर मुस्कुराते हुए राजन ने उत्तर दिया कि 'अनुपम के बारे में मेरी याददाश्त यह है कि पुराने दिनों में वह सफेद कुर्ता पायजामा पहनते थे, वह ऑटो से आते थे और मेरे घर की घंटी बजाते थे. मैं ग्राउंड फ्लोर पर रहता था और मेरी जगह एक छोटी गैराज, या एक आउटहाउस थी, मैं उसे बुलाता था और नाश्ता कराता था. उनकी जो भी जरूरत होती, मैं सुनता था और जब भी संभव हो मदद करता था'.
राजन ने आगे कहा कि 'मैं वास्तव में उनके पैशन और डेडिकेशन से प्रभावित हुआ था और आज वह जो भी इंसान हैं, वह अपने पैशन की वजह से हैं'. एक फिल्म से मिस्टर भट्ट ने उन्हें बाहर निकाल दिया था. मैं उस समय एनबीएफसी में था, मैंने तब 10 लाख रुपये की पेशकश की थी और कहा था कि इसका इस्तेमाल एक अच्छी फिल्म बनाने के लिए किया जा सकता है और फिर 'सारांश' आई. उन्होंने कहा कि मुझे संजय दत्त, अनिल कपूर, कुलभूषण खरबंदा जैसे सभी संघर्षरत अभिनेता याद हैं, वे सभी मेरे घर पर, इस छोटे से गैराज में आते थे. राजन ने आगे कहा कि 'आज, मैं अनुपम को देखता हूं कि वह अपने पैशन और डेडिकेशन के साथ कहां तक पहुंच गया है, वह लगभग 540 से ज्यादा फिल्में कर कितना सफल इंसान बन गया है तो मुझे उस पर गर्व होता है'.