नई दिल्ली/गुरुग्राम: जी-21 सोसाइटी में रहने वाले एक परिवार ने ये कभी नहीं सोचा होगा कि आवारा कुत्ते को खाना खिलाना उन्हें महंगा पड़ जाएगा. दरअसल, सुमित सिंगला अपनी बीवी और 3 साल की बेटी को लेकर सोसाइटी में रहने वाले आवारा कुत्तों को खाना खिलाने के लिए बाहर निकलने थे, लेकिन जैसे ही कुत्तों को खाना देकर गाड़ी में बैठेतभी सोसाइटी में रहने वाले कुछ लोगो ने उन्हें घेर लिया और उन्हें आवारा कुत्तों को खाना खिलाने से बाज आने को कहा.
इसी बात को लेकर विवाद इतना बढ़ गया कि सोसाइटी के दर्जनों लोगों ने पीड़ित सुमित की गाड़ी को घेर उन्हें 3 से 4 घंटों तक बंधक बनाए रखा. इस दौरान 3 साल की बच्ची को भूख प्यास का सामना तक करना पड़ा. इसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंच भीड़ को शांत करवाया और मामले का निपटारा किया.
इस मामले सोसाइटी के लोगों की मानें तो सोसाइटी में आवारा कुत्ते का आतंक इस कदर बढ़ता जा रहा है कि सोसाइटी में रहने वाला एक कुत्ता सोसाइटी के कई बच्चों और बुजुर्गों को काट चुका है. लेकिन जब सोसाइटी के लोगों से ये पूछा गया कि इसके लिए एक परिवार को बंधक बनाने की क्या जरूरत थी, इसके पीछ कोई तर्क वो नहीं दे पाए.
नगर निगम कमिश्नर की मानें तो आवारा कुत्तों के काटने की शिकायतों पर नगर निगम का स्वास्थ विभाग समय-समय पर टीकाकरण करता रहा है, लेकिन स्ट्रे डॉग्स या किसी भी पशु के खिलाफ क्रूरता गंभीर अपराध है. वहीं नियमानुसार आवारा कुत्तों के टीकाकरण के बाद उन्हें उसी इलाके में छोड़ दिया जाता है, लेकिन यही आवारा कुत्ते अब लोगों की परेशानी और विवाद का बड़ा कारण बनते जा रहे हैं.