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राेजगार के अवसरः यमुना प्राधिकरण विकसित करेगा सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर

देश में सेमीकंडक्टर चिप की काफी खपत है. इसका उपयोग कार, मोबाइल, लैपटॉप निर्माण में किया जाता है. कोरोना काल में देश में कई बार सेमीकंडक्टर चिप का संकट छाया रहा. लेकिन अब इस समस्या का समाधान जल्दी हाे जाएगा. यमुना प्राधिकरण सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर विकसित करेगा (Semiconductor will produced in Noida). जानिए क्या है प्राधिकरण की तैयारी.

सेमीकंडक्टर
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Published : Sep 2, 2022, 7:50 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: यमुना प्राधिकरण सेक्टर 10 में 1000 एकड़ में सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर विकसित करेगा. 700 एकड़ में सेमीकंडक्टर उत्पादन के प्लांट लगाए जाएंगे (Semiconductor will produced in Noida), जबकि 300 एकड़ में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर विकसित किया जाएगा (Electronic Manufacturing Cluster in Noida). देश में ताइवान और चीन से मंगा कर कंडक्टर को असेंबल किया जाता है. इसका इस्तेमाल कार, मोबाइल और लैपटॉप में मशीनरी कंट्रोल करने के लिए किया जाता है.

कोरोना काल में आयात रूक जाने से सेमीकंडक्टर की कमी हो गई थी, जिसका असर वाहन और मोबाइल उत्पादन पर पड़ा था. बाजार में मांग होने के बावजूद सेमीकंडक्टर का उत्पाद नहीं हो पा रहा है. इसी समस्या से निजात पाने के लिए यमुना प्राधिकरण ने सेक्टर 10 में सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर विकसित करने का फैसला लिया है. ग्रेटर नोएडा में यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुण वीर सिंह ने बताया कि सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट एक हजार एकड़ में बनाया जाएगा (Yamuna Authority Semiconductor Production). जिसमें एक लाख करोड़ का निवेश किया जाएगा.

यमुना प्राधिकरण विकसित करेगा सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर

इसे भी पढ़ेंः चिप की कमी से मारुति सुजुकी का उत्पादन गिरा, 51,000 इकाइयों का नुकसान

जिसमें 65 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा. देश में सेमीकंडक्टर की कमी को दूर किया जाएगा. देश में अभी बहुत कम मात्रा में सेमीकंडक्टर बनाया जा रहा है. यमुना प्राधिकरण के सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग प्रोजेक्ट के बाद चीन और ताइवान को कड़ी टक्कर मिलेगी. अभी तक देश में अधिकांश सेमीकंडक्टर चीन और ताइवान से आयात किए जाते हैं. यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुण वीर सिंह ने बताया कि सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग के उत्पादन का प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है. जल्द ही जमीन का अधिग्रहण शुरू हो जाएगा.

सेमीकंडक्टर चिप का इस्तेमालः सेमीकंडक्टर चिप के बिना इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और गैजेट्स चल नहीं सकते. सेमीकंडक्टर चिप सिलिकॉन से बनते हैं. इन्हें माइक्रोसर्किट्स में फिट किया जाता है. कंप्यूटर, लैपटॉप, स्मार्टफोन, इलेक्ट्रॉनिक सेंसर व तमाम इलेक्ट्रॉनिक उपकरण सेमीकंडक्टर के बिना अधूरे हैं. ये सेमीकंडक्टर गैजेट्स को संचालित करते हैं. सेमीकंडक्टर हाई-एंड कंप्यूटिंग, ऑपरेशन कंट्रोल, डेटा प्रोसेसिंग, स्टोरेज, इनपुट और आउटपुट मैनेजमेंट, सेंसिंग, वायरलेस कनेक्टिविटी और कई अन्य कामों में मदद करते हैं. ये चिप्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम कंप्यूटिंग, एडवांस्ड वायरलेस नेटवर्क्स, ब्लॉकचेन एप्लिकेशंस, 5G, ड्रोन, रोबोटिक्स, गेमिंग और वियरेबल्स का अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं.

नई दिल्ली/नोएडा: यमुना प्राधिकरण सेक्टर 10 में 1000 एकड़ में सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर विकसित करेगा. 700 एकड़ में सेमीकंडक्टर उत्पादन के प्लांट लगाए जाएंगे (Semiconductor will produced in Noida), जबकि 300 एकड़ में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर विकसित किया जाएगा (Electronic Manufacturing Cluster in Noida). देश में ताइवान और चीन से मंगा कर कंडक्टर को असेंबल किया जाता है. इसका इस्तेमाल कार, मोबाइल और लैपटॉप में मशीनरी कंट्रोल करने के लिए किया जाता है.

कोरोना काल में आयात रूक जाने से सेमीकंडक्टर की कमी हो गई थी, जिसका असर वाहन और मोबाइल उत्पादन पर पड़ा था. बाजार में मांग होने के बावजूद सेमीकंडक्टर का उत्पाद नहीं हो पा रहा है. इसी समस्या से निजात पाने के लिए यमुना प्राधिकरण ने सेक्टर 10 में सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर विकसित करने का फैसला लिया है. ग्रेटर नोएडा में यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुण वीर सिंह ने बताया कि सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट एक हजार एकड़ में बनाया जाएगा (Yamuna Authority Semiconductor Production). जिसमें एक लाख करोड़ का निवेश किया जाएगा.

यमुना प्राधिकरण विकसित करेगा सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर

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जिसमें 65 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा. देश में सेमीकंडक्टर की कमी को दूर किया जाएगा. देश में अभी बहुत कम मात्रा में सेमीकंडक्टर बनाया जा रहा है. यमुना प्राधिकरण के सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग प्रोजेक्ट के बाद चीन और ताइवान को कड़ी टक्कर मिलेगी. अभी तक देश में अधिकांश सेमीकंडक्टर चीन और ताइवान से आयात किए जाते हैं. यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुण वीर सिंह ने बताया कि सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग के उत्पादन का प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है. जल्द ही जमीन का अधिग्रहण शुरू हो जाएगा.

सेमीकंडक्टर चिप का इस्तेमालः सेमीकंडक्टर चिप के बिना इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और गैजेट्स चल नहीं सकते. सेमीकंडक्टर चिप सिलिकॉन से बनते हैं. इन्हें माइक्रोसर्किट्स में फिट किया जाता है. कंप्यूटर, लैपटॉप, स्मार्टफोन, इलेक्ट्रॉनिक सेंसर व तमाम इलेक्ट्रॉनिक उपकरण सेमीकंडक्टर के बिना अधूरे हैं. ये सेमीकंडक्टर गैजेट्स को संचालित करते हैं. सेमीकंडक्टर हाई-एंड कंप्यूटिंग, ऑपरेशन कंट्रोल, डेटा प्रोसेसिंग, स्टोरेज, इनपुट और आउटपुट मैनेजमेंट, सेंसिंग, वायरलेस कनेक्टिविटी और कई अन्य कामों में मदद करते हैं. ये चिप्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम कंप्यूटिंग, एडवांस्ड वायरलेस नेटवर्क्स, ब्लॉकचेन एप्लिकेशंस, 5G, ड्रोन, रोबोटिक्स, गेमिंग और वियरेबल्स का अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं.

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