नई दिल्ली/ग्रे. नोएडा: यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने जेपी ग्रुप पर सख्त रुख अपनाया है. 66वीं बोर्ड की बैठक में प्राधिकरण ने 1 हजार हेक्टेयर के जेपी स्पोर्ट्स सिटी की भूमि का आवंटन रद्द कर कहा कि वह नरमी बरतने के मूड में नहीं है.
वहीं यमुना एक्सप्रेस वे पर प्रति माह टोल की इकट्ठा धन राशि का 25 फीसदी हिस्सा एस्क्रो एकाउन्ट में जमा करने के निर्देश दिया गया है. जिससे रोड सेफ्टी का काम तेज गति से हो.
अथॉरिटी के सीईओ डॉ. अरुण वीर सिंह ने कहा कि यमुना एक्सप्रेस वे पर सुरक्षा मानकों को पूरा करने में जेपी ग्रुप ने उदासीनता दिखाई.
क्या है मामला
यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बोर्ड बैठक के बाद प्रेस वार्ता में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने रोड सेफ्टी के लिए कमेटी गठित की थी. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि एक्सप्रेस वे का किलोमीटर टू किलोमीटर सेफ्टी ऑडिट होनी चाहिए. ऑडिट आईआईटी दिल्ली से कराया गया था. उसने करीब 16 रिक्मेंडेशंस हैं.
इसके अलावा कुछ रूटीन के भी काम कराने थे. उसमें 139 करोड़ का खर्च आना है पर जेपी ने अब तक सिर्फ 9 लाख 45 हजार रुपये ही खर्च किए. उन्होंने कहा कि जिस गति से जेपी काम कर रहा है, उसे देखकर नहीं लगता कि अगले चार साल में भी रोड सेफ्टी का मानक पूरा होगा.
क्या कहा सीईओ ने
यमुना प्राधिकरण के सीईओ ने कहा कि यमुना एक्सप्रेस वे पर हादसो की संख्या बढ़ी हैं. जिसमे कई भयानक हादसे हो रहे हैं. पिछले कुछ साल के मुकाबले हादसों में मृतकों की संख्या बढ़ी है. जिसके मद्देनजर प्राधिकरण बोर्ड ने तय किया है कि यमुना एक्सप्रेस वे पर मिलने वाले टोल का 25 फीसदी धन राशि रोड सेफ्टी के लिए एस्क्रो एकाउन्ट में जमा करना होगा. ऐसा न करने पर जेपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी.