नई दिल्ली/नोएडा: कोरोना महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन से देश में बहुत से व्यापार ठप हो गए. कोरोना के मद्देनजर किसी भी समारोह शादी के कार्यक्रमों पर रोक लगने के कारण इस सेक्टर से जुड़े व्यापारों पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा. एक टेंट हाउस संचालक के मुताबिक लॉकडाउन से लेकर अब तक 6 महीने में एक भी ग्राहक नहीं आया है, ना ही कोई बुकिंग हुई है.
'अनलॉक में भी नहीं खुला टेंट हाउस'
कोरोना के कारण शादी ब्याह के कार्यक्रम निरस्त हो गए हैं. लोगों ने घरों में अपने छोटे-मोटे कार्यक्रम तक को रद्द कर दिया. जिसके कारण सबसे ज्यादा प्रभाव बाकी व्यापार के अलावा टेंट हाउस के व्यवसाय पर काफी पड़ा है. लॉकडाउन के बाद शासन और प्रशासन की ओर से अनलॉक की प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन रोजगार की गाड़ी पटरी पर आना तो स्टार्ट भी नहीं हो पाई है.
कर्मचारियों को सैलरी देना हुआ मुश्किल
अनलॉक के चौथे चरण के बावजूद टेंट हाउस के संचालक अपनी दुकानों को ना के बराबर खोल रहे हैं. वहीं आमदनी ना होने की वजह से कर्मचारियों की तनख्वाह देना उनके लिए भारी पड़ रहा है. दुकानों और गोदामों में सामान भरे पड़े हैं, लेकिन एक भी बुकिंग ना होने से वो हाथ पर हाथ रखे बैठे हुए है.
'6 महीने में नहीं आई कोई बुकिंग'
टेंट हाउस संचालकों का कहना है कि लोगों ने शादी ब्याह और छोटे-मोटे कार्यक्रम को भी या तो रद्द कर दिया या फिर उसकी तारीख आगे बढ़ा दी है. जिसके चलते लोगों के घरों से लेकर बैंक्वेट हाल तक को सजाने का काम करने वाले टेंट हाउस के व्यवसायी के पास आमदनी का कोई जरिया नहीं बचा.
'कर्मचारियों की सैलरी-किराया देना भी मुश्किल'
नोएडा सेक्टर 12 के एक टेंट हाउस संचालक पुनीत शुक्ला ने बताया कि 6 महीने में जो असर टेंट हाउस के व्यापार पर पड़ा है, वो आज तक कभी नहीं पड़ा था. 6 महीने में ना ही कोई ग्राहक आए हैं ना ही कोई बुकिंग हुई है. लोग कार्यक्रम अगर कर भी रहे हैं तो छोटे बैंक्विट हॉल का प्रयोग कर रहे हैं. जहां टेंट हाउस की आवश्यकता नहीं पड़ रही है. जिसके कारण टेंट हाउस चला पाना काफी भारी पड़ रहा है.
वहीं उन्होंने बताया कि स्थिति ये हो गई है कि दुकान से लेकर गोदाम का किराया देना भारी पड़ रहा है. साथ ही जो कर्मचारी रखे गए है. उनके वेतन पूरे नहीं दे पा रहे हैं. आधा वेतन कर्मचारियों को दिया जा रहा है और उन्हें आश्वासन दिया जा रहा है कि आने वाले समय में बुकिंग होने पर वेतन पूरा दिया जाएगा. स्थिति कब सुधरेगी पता नहीं.
प्रशासन का आदेश
कोविड-19 महामारी को शासन और प्रशासन की ओर से एक आपदा के रूप में घोषित किया गया है. इस महामारी की रोकथाम के लिए शासन की ओर से दिए गए निर्देश के मुताबिक किसी भी कार्यक्रम में 100 व्यक्तियों से अधिक लोग इकट्ठा नहीं होंगे. साथ ही कार्यक्रम करने से पूर्व प्रशासन की अनुमति लेना भी आवश्यक होगा. जिसके चलते लोगों ने अपने कार्यक्रम को या तो रद्द कर दिया है या फिर उन की तारीखें बढ़ा दी है. जो कार्यक्रम कर भी रहे हैं वो भी काफी छोटे स्तर पर कर रहे हैं. जिससे टेंट हाउस चलाने वालों को कोई काम नहीं मिल रहा है.